3 reasons behind head coach Gautam Gambhir's failure with Indian test team: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पिछले साल जुलाई में गौतम गंभीर को टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया। इसके बाद माना जा रहा था कि गंभीर आईपीएल की तरह ही यहां टीम इंडिया को जबरदस्त सफलता दिलाएंगे। लेकिन हेड कोच अब तक के सफर में उम्मीद के अनुसार टीम के साथ प्रभाव नहीं छोड़ सके हैं।
टीम इंडिया को गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में बांग्लादेश से 2-0 से टेस्ट सीरीज में जीत जरूर मिली। लेकिन न्यूजीलैंड ने तो घर में आकर 0-3 से टीम इंडिया का सफाया कर दिया। जिसके बाद अब ऑस्ट्रेलिया में भी टीम 1-2 से पीछे चल रही है। यानी गंभीर अब तक 9 टेस्ट मैच में सिर्फ 3 में टीम को जीत दिला सके हैं तो वहीं 5 मैच में हार का सामना करना पड़ा है। तो चलिए आपको इस आर्टिकल में बताते हैं 3 कारण गौतम गंभीर बतौर कोच टेस्ट में टीम इंडिया के साथ क्यों नहीं हो पा रहे हैं सफल।
3. सीनियर खिलाड़ियों के साथ तालमेल की कमी
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर का टीम के सीनियर खिलाड़ी जिसमें कप्तान रोहित शर्मा से लेकर दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के साथ, तालमेल नहीं बैठ पा रहे हैं। खुद गंभीर ने माना कि सीनियर्स खिलाड़ी उनकी सुन नहीं रहे हैं। तो वहीं सीनियर खिलाड़ी भी कोच के साथ एकमत नहीं हो पा रहे हैं। इन बातों से साफ हो रहा है कि टीम में गंभीर का तालमेल टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ मेल नहीं खा पा रहा है और टीम को नुकसान हो रहा है।
2. कप्तान और सेलेक्टर्स के साथ नहीं मिल पा रहे विचार
भारतीय टीम के साथ गंभीर ने जब दामन थामा था तो माना जा रहा था कि वो टीम के लिए काफी असरदार होंगे, लेकिन उनकी टीम के कप्तान रोहित शर्मा और चीफ सेलेक्टर्स अजीत अगरकर के साथ विचार नहीं मिल पा रहे हैं। किसी खिलाड़ी को गंभीर शामिल करना चाहते हैं तो सेलेक्टर्स और कप्तान सहमत नहीं हो पा रहे हैं, तो किसी खिलाड़ी को कप्तान और सेलेक्टर्स शामिल करना चाहते हैं तो गंभीर की सहमति नहीं बन पाती है। इस तरह से एक ट्यूनिंग सेट नहीं हो पा रही है जिससे मामला खराब हो रहा है।
1. खराब रणनीति
भारतीय क्रिकेट टीम के साथ गौतम गंभीर पिछले करीब 6 महीनों से काम कर रहे हैं, और साथ ही वो बतौर कोच अपनी तीसरी टेस्ट सीरीज खेल रहे हैं। इस दौरान उनकी रणनीति में कुछ हैरान करने वाले फैसले देखे गए हैं। जहां उन्होंने हैरान करते हुए शुभमन गिल जैसे प्रमुख बल्लेबाज को मेलबर्न टेस्ट से बाहर कर दिया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में अभी तक अलग-अलग स्पिनर्स को मौका देना भी चौका रहा है। इस तरह की खराब रणनीति उन्हें अब तक भारी पड़ी है।