तमाम कोशिशों के बाद भी भारतीय टीम को दूसरे वनडे में भी हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने इस बार भारतीय टीम को 51 रनों से हार का सामना करने पर मजबूर कर दिया। भारतीय टीम ने कोशिश जरुर की लेकिन पूरी तरह उनका खेल उस हिसाब से दिखाई नहीं दिया। बल्लेबाजों की तरफ से ही कोशिश होती नजर आई। ऑस्ट्रेलिया ने कई क्षेत्रों में भारतीयों से बेहतर क्रिकेट खेली और नतीजा भी उनके पक्ष में गया। सीरीज गंवाने के बाद भारतीय टीम पर क्लीन स्वीप का खतरा भी मंडरा रहा है। अगले मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम इस उद्देश्य के साथ ही मैदान पर उतरेगी।
भारतीय टीम के हाथ से मैच धीरे-धीरे गया। पहले गेंदबाजी के दौरान धोरे-धीरे मैच फिसला और बाद में बल्लेबाजी के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। टीम इंडिया को एक बार फिर रोहित शर्मा की कमी महसूस हुई और कंगारुओं ने इस कमी का बखूबी फायदा उठाया। मुकाबले में भारतीय टीम की हार के कुछ मुख्य कारणों की चर्चा यहाँ की गई है।
भारतीय टीम की हार के तीन मुख्य कारण
ऑस्ट्रेलिया की पहले विकेट की साझेदारी
डेविड वॉर्नर और आरोन फिंच ने नई गेंद पर भारतीय गेंदबाजों को विकेट लेने का कोई मौका नहीं दिया। दोनों ने शतकीय साझेदारी निभाते हुए मैच में ऑस्ट्रेलिया की नींव मजबूत करने का काम किया। इसके बाद टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, भारतीय टीम के गेंदबाजों को पहले दस ओवरों में कम से कम एक विकेट जरुर चटकाना चाहिए था।
भारत की फ्लॉप गेंदबाजी
पिछले मैच की तरह इस बार भी भारतीय टीम की गेंदबाजी फ्लॉप रही। यहाँ भी सिर्फ मोहम्मद शमी ही प्रभाव छोड़ने में सफल रहे। भारतीय टीम की तरफ से हुई गेंदबाजी को कंगारुओं ने जमकर धोया। टीम इंडिया को मेजबान बल्लेबाजी को रोकने में मुश्किल हुई और वे एक बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल हो गए।
स्टीव स्मिथ की धुआंधार पारी
ऑस्ट्रेलिया के लिए मैच में सबसे ज्यादा प्रभाव किसी ने छोड़ा, तो वह स्टीव स्मिथ थे। लगातार दूसरा शतक और महज 62 गेंदों में इसे पूरा करना कमाल की बल्लेबाजी कही जा सकती है। स्टीव स्मिथ ने आकर रन गति बढ़ाई और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर भारत की पहुँच से काफी आगे तक पहुँचाने में मदद की। इतना बड़ा स्कोर भारतीय बल्लेबाजों की पहुँच से दूर हो गया। बल्लेबाज चाहकर भी कुछ नहीं कर पाए।