अहमदाबाद में चौथे टेस्ट मैच के दौरान भारत (India) के खिलाफ इंग्लैंड (England) की टीम मुकाबले में नजर ही नहीं आई। हालांकि मैच शुरू होने से पहले ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा कि इंग्लैंड की टीम को बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ेगा। इंग्लैंड की टीम से इस बार जरुर कुछ उम्मीदें थी लेकिन उनके प्रदर्शन में निखार की कमी साफ़ तौर पर दिखाई थी। भारतीय टीम के सामने इंग्लिश टीम की रणनीति का निष्पादन होते हुए भी नजर नहीं आया। कुछ चीजें ऐसे भी थी जो उनके पक्ष में जा सकती थी लेकिन यह नहीं हो पाया।
चेन्नई में पहला मैच हारने के बाद इंग्लैंड को अगले तीनों मैचों में भारतीय टीम ने उबरने का मौका नहीं दिया। टीम इंडिया ने जबरदस्त वापसी करते हुए इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए हर मैच में मुश्किलें खड़ी की। अंतिम मैच में भी ये मुश्किलें खत्म नहीं हुई तथा एक पारी और 25 रनों से उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। इस लेख में इंग्लैंड की चौथे टेस्ट में हार के कारणों के बारे में बताया गया है।
पहली पारी में खराब बल्लेबाजी
इंग्लैंड के पक्ष में टॉस रहा और उस समय बेहतर बल्लेबाजी करते हुए उन्हें एक बड़ा स्कोर बनाना चाहिए था और इसका मौका भी उनके पास था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इंग्लिश बल्लेबाज भारतीय स्पिनरों के खिलाफ आउट होते रहे और पवेलियन लौटते रहे। इसके बाद उनका कम स्कोर उनकी हार में सबसे बड़ा फैक्टर रहा। मामूली स्कोर के बाद भारतीय टीम के ऊपर कोई दबाव नहीं रहा।
ऋषभ पन्त का शतक
ऋषभ पन्त ने शतकीय पारी खेलते हुए एक बड़ा अंतर पैदा कर दिया और इंग्लैंड के लिए मुसीबतें खड़ी की। पन्त की धुआंधार पारी के कारण भारतीय टीम को तेजी से बढ़त मिली और इसका फायदा टीम को पारी से जीत हासिल करने में हुआ। ऋषभ पन्त के 101 रन इंग्लैंड की हार का कारण था।
वॉशिंगटन सुंदर की नाबाद पारी
पन्त ने तेजी से बल्लेबाजी की, तो वॉशिंगटन सुंदर ने उनके साथ मिलकर धीमी गति से स्कोर को आगे बढ़ाया। पन्त के आउट होने के बाद सुंदर ने अक्षर पटेल के साथ मिलकर बेहतरीन साझेदारी की और खुद अंत तक आउट नहीं हुए। सुदंर के नाबाद 96 रनों से भारत की बढ़त में और इजाफा हुआ और इंग्लैंड के ऊपर इस बढ़त का दबाव बना और वे पारी से मैच हारे।