भारत की प्रमुख टीम इस समय इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां पर टीम को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद अब इंग्लैंड के खिलाफ अगस्त में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। सीरीज का पहला मैच 4 अगस्त को खेला जाएगा। सीरीज के शुरू होने से पहले भारत को बड़ा झटका लगा है और टीम के नियमित ओपनिंग बल्लेबाज शुभमन गिल चोट के कारण सीरीज के शुरुआती कुछ मैचों से बाहर हो चुके हैं तथा उन पर पूरी सीरीज से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा है।
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गिल की चोट के बाद उनके रिप्लेसमेंट के तौर पर अब पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड भेजने की खबरें आ रही हैं। फ़िलहाल पृथ्वी शॉ श्रीलंका के दौरे पर हैं, जहां पर वो तीन वनडे मैचों तथा तीन टी20 मैचों की सीरीज के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक टीम मैनेजमेंट पृथ्वी शॉ को जल्द से जल्द इंग्लैंड भेजना चाहता है। शॉ को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था लेकिन उन्होंने घरेलू टूर्नामेंट में 800 से भी अधिक रन बनाकर जबरदस्त प्रदर्शन कर अपने आलोचकों को जवाब दिया था। हालांकि इन सब के बावजूद हम उन 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनकी वजह से पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड नहीं भेजा जाना चाहिए।
3 कारण जिनकी वजह से पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड दौरे पर नहीं भेजा जाना चाहिए
#1 काफी लम्बे समय से टेस्ट नहीं खेला
पृथ्वी शॉ ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला। हालांकि उन्होंने लगातार सीमित ओवरों के क्रिकेट खेली है लेकिन अभी तक उनकी लाल गेंद वाले प्रारूप में बल्लेबाजी दोबारा नहीं दिखी है। ऐसे में इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में पृथ्वी शॉ को बिना जांचे परखे भेजना एक समझदारी वाला फैसला नहीं होगा। बेहतर यही होगा कि टीम में मौजूद मयंक अग्रवाल या फिर केएल राहुल में से किसी एक को ओपनिंग की जिम्मेदारी दी जाए।
#2 मयंक अग्रवाल और केएल राहुल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा
इंग्लैंड के लम्बे दौरे को देखते हुए चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा और शुभमन गिल के अलावा मयंक अग्रवाल और केएल राहुल को भी स्क्वॉड में शामिल किया था। दोनों बल्लेबाज इस समय इंग्लैंड में ही हैं और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में मौके का इंतजार कर रहे हैं। गिल के बाहर होने के बाद दोनों के पास मौका मिलने पर अपने आप को साबित करने का मौका है लेकिन अगर पृथ्वी शॉ को इंग्लैंड बुलाया जाता है और पहले खिलाया जाता है तो ये फिर दोनों बल्लेबाजों की काबिलियत पर एक बड़ा सवाल होगा और इससे एक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
#3 एक और क्वारंटीन पृथ्वी शॉ को मानसिक तौर पर प्रभावित कर सकता है
पृथ्वी शॉ श्रीलंका रवाना होने से पहले 14 दिन तक क्वारंटीन में थे और इसके बाद श्रीलंका में भी उन्हें तीन दिन का क्वारंटीन करना पड़ा। लगातार क्वारंटीन खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर काफी प्रभावित करता है और इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी साफ़ तौर पर दिखता है। अगर टीम मैनेजमेंट शॉ को इंग्लैंड के लिए रवाना करता है तो इंग्लैंड में उन्हें एक बार फिर क्वारंटीन की प्रक्रिया करनी होगी, जो इस युवा खिलाड़ी पर बुरा प्रभाव भी डाल सकता है। ऐसे में इस बारे में गंभीर रूप से सोचना चाहिए और शॉ को इंग्लैंड नहीं भेजा जाना चाहिए।