3 reasons Sarfaraz Khan should get chance to play Sydney Test: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के लिए पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आयोजन ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर हो रहा है। इस सीरीज के चार टेस्ट हो चुके हैं और ऑस्ट्रेलिया ने 2-1 की बढ़त ले रखी है। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को मेलबर्न में 184 रनों से हराया था और मेहमान टीम का सीरीज जीतने का सपना तोड़ दिया। अब टीम इंडिया सिडनी में 3 जनवरी से शुरू होने वाला मैच अगर जीतती भी है तो भी सीरीज 2-2 की बराबरी पर ही समाप्त होगी। हालांकि, जीत से रोहित शर्मा एंड कंपनी डब्ल्यूटीसी फाइनल की रेस में बरकरार रहेगी।
भारत के लिए मौजूदा सीरीज में उसकी बल्लेबाजी ज्यादा ही निराशाजनक साबित हुई है। टीम के अनुभवी खिलाड़ी पिछले टेस्ट में फ्लॉप रहे, जबकि कप्तान रोहित शर्मा तो इस पूरी सीरीज में अभी तक 5 पारियों में सिर्फ 31 रन ही बना पाए हैं। ऐसे में खराब प्रदर्शन से जूझ रही बल्लेबाजी को सरफराज खान को शामिल कर मजबूती देने पर विचार किया जा सकता है। सरफराज ने अभी तक अपने टेस्ट करियर में 6 मैच खेले हैं और इस दौरान एक शतक व तीन अर्धशतक की मदद से 371 रन बनाए हैं। इस आर्टिकल में हम आपको 3 बड़े कारण बताने जा रहे हैं कि क्यों सरफराज को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें टेस्ट में खेलने का मौका मिलना चाहिए।
3. सिडनी की पिच में सरफराज खान की तकनीक आ सकती है काम
सिडनी को आमतौर पर उन मैदानों में शामिल किया जाता है, जहां स्पिनरों की भूमिका काफी अहम हो जाती है। ऐसे में इस तरह के ट्रैक पर सरफराज खान बल्ले से अहम भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि उन्हें घरेलू क्रिकेट में स्पिन विकेटों पर काफी खेला है। इसी वजह से उन्हें इस पिच पर बल्लेबाजी में आसानी हो सकती है और वह नाथन लायन के खतरे से बखूबी निपट सकते हैं।
2. सरफराज खान पर नहीं होगा असफलता का दबाव
भारत के अन्य बल्लेबाजों की तुलना में सरफराज खान का माइंडसेट फ्रेश होगा, क्योकि वह मौजूदा सीरीज में एक भी टेस्ट नहीं खेले हैं। ऐसे में उनके ऊपर खराब प्रदर्शन का दबाव नहीं होगा और वह पांचवें टेस्ट में बिना किसी प्रेशर के खेल सकते हैं। ऐसे में सरफराज को मौका मिलता है तो वह मध्यक्रम में अहम रोल निभा सकते हैं।
1. विदेशी सरजमीं पर आजमाने का मौका
सरफराज खान ने भारतीय पिचों पर खूब रेड बॉल क्रिकेट खेला है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में ढेर सारे रन बनाकर टीम इंडिया में एंट्री की। हालांकि, अभी तक उन्हें भारत ने विदेशी सरजमीं पर नहीं खिलाया है और ऐसे में उन्हें सिडनी में आजमाने का अच्छा मौका है। इससे पता चल सकता है कि सरफराज के पास घर के बाहर अच्छा करने का माद्दा है या नहीं।