चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम के लिए आईपीएल के पहले मैच के अलावा अब तक कुछ भी सही घटित नहीं हुआ है। चेन्नई सुपरकिंग्स ने पहले मैच में मुंबई इंडियंस को हराया था, इसके बाद माना जा रहा था कि अन्य टीमों के लिए भी यह अच्छा संकेत नहीं है लेकिन बाद में चेन्नई सुपरकिंग्स ने दो मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन किया है। दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने शुक्रवार को खेले गए मैच में धोनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को 44 रनों से हरा दिया।
दिल्ली कैपिटल्स ने शुरुआत से ही चेन्नई सुपरकिंग्स के ऊपर पकड़ बनाकर रखी और उन्हें कोई मौका नहीं दिया। चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाड़ियों ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की थी लेकिन उनकी मेहनत सफलता नहीं लाई। चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम से ऐसे खेल की उम्मीद पिछले दो मैचों में तो शायद किसी ने नहीं की होगी। हालांकि दिल्ली की टीम को अंतिम पांच ओवरों में ज्यादा रन चेन्नई ने नहीं बनाने दिए लेकिन लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्हें सफलता नहीं मिली। मैच में उनकी हार के तीन कारणों का जिक्र यहाँ किया गया है।
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चेन्नई सुपरकिंग्स की हार के 3 कारण
शिख धवन-पृथ्वी शॉ की साझेदारी
चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम नई गेंद से अपनी टीम की योजनाओं को मैदान पर लागू करने में नाकाम रही। पृथ्वी शॉ के बल्ले से रन निकलने की उम्मीद शायद उन्हें नहीं होगी। दिल्ली कैपिटल्स के लिए पहले विकेट की साझेदारी में धवन और पृथ्वी ने मिलकर 94 रन जोड़े। यहाँ से नजर आने लगा था कि मुकाबला दिल्ली के लिए मुश्किल हो गया है। इस साझेदारी के बाद चेन्नई सुपरकिंग्स को मैच में वापसी का कहीं मौका नहीं मिल पाया।
लगातार तीसरी बार शेन वॉटसन फ्लॉप
शेन वॉटसन ने बल्लेबाजी करते हुए शुरुआती कुछ शॉट लगाए लेकिन बाद में वह शिमरोन हेटमायर को कैच थमाकर चलते बने। वॉटसन से बड़ी पारी की उम्मीद थी लेकिन वह तीनों मैचों में ही नाकाम रहे हैं। उनके ऊपर टीम की शुरुआत का दारोमदार है लेकिन शुरुआत खराब होने से टीम को लक्ष्य का पीछा करने में मुश्किल आती ही है और वही यहाँ हुआ।