इंग्लैंड (England) की टीम को भारतीय टीम (Indian Team) ने एक जीते हुए मैच में हराकर एक बार फिर से अपनी उपयोगिता साबित की है। इंग्लैंड की टीम ने पकड़ मजबूत होने के बाद भी मुकाबला गंवा दिया और यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है। टीम इंडिया के खिलाफ शुरुआत से ही योजना के साथ मैदान पर आने के बाद इंग्लैंड की टीम ने कुछ मौकों पर गलतियाँ भी की और खामियाजा भी उन्हें पराजय के रूप में भगतन पड़ा। पिछले दो टी20 मैचों को मिलकर इंग्लैंड की यह लगातार तीसरी अंतरराष्ट्रीय पराजय है।
टीम इंडिया ने टीम चयन से लेकर अन्य सभी क्षेत्रों में बेहतर काम किया लेकिन यह और भी बेहतर हो सकता था। कुछ मौकों पर भारतीय टीम ने भी गलतियाँ की लेकिन बाद में इंग्लैंड के ऊपर टीम इंडिया हावी होने में सफल रही। इस आर्टिकल में भारतीय टीम की जीत और इंग्लैंड की पराजय के तीन बड़े कारणों पर चर्चा की गई है।
शिखर धवन की पारी
रोहित शर्मा जब आउट हुए थे उस समय इंग्लैंड के पास मौका था कि वे मैच पर पकड़ बनाए लेकिन शिखर धवन ने एक छोर पर खड़े रहकर इंग्लिश टीम के मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। धवन ने न केवल एक बेहतरीन 98 रनों की पारी खेली, बल्कि विराट कोहली के साथ मिलकर एक शानदार भागीदारी भी निभाई। इस पारी के कारण इंग्लैंड को पराजय का सामना करना पड़ा।
क्रुणाल पांड्या-केएल राहुल की साझेदारी
टीम इंडिया के जब पांच विकेट गिरे थे उस समय ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड की टीम ने पकड़ मजबूत कर ली है। इस समय भारतीय टीम का स्कोर 300 से नीचे ही जाता हुआ दिखा लेकिन क्रुणाल पांड्या और केएल राहुल ने अविजित शतकीय साझेदारी करते हुए भारतीय टीम का स्कोर 300 से पार पहुंचा दिया और इंग्लैंड के लिए मुश्किलें खड़ी की।
इंग्लैंड का फ्लॉप मध्यक्रम
इंग्लैंड की टीम 135 रन तक बिना किसी नुकसान के खेल रही थी लेकिन यहाँ से पहला विकेट गिरते ही मैच का पासा पलट गया। बल्लेबाजों को क्रीज पर टिकने का प्रयास करना चाहिए था। अगर वे ऐसा करते तो रन बनने में कोई समस्या नहीं थी। इंग्लैंड के मध्यक्रम बल्लेबाज जिम्मेदारी को समझने के बजाय खराब शॉट खेलकर आउट होते रहे और मैच गंवा बैठे।