भारत के खिलाफ पिंक बॉल टेस्ट मैच में इंग्लैंड की इस तरह पराजय के बारे में किसी ने नहीं सोचा होगा। टीम इंडिया ने मुकाबले को एकतरफा करते हुए इसे दस विकेट से जीतकर सीरीज में भी 2-1 से बढ़त हासिल कर ली। इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल से बाहर हो गई और अब उनके पास एक और मुकाबला बचा है जो अहमदाबाद में ही होना है। भारतीय टीम (Indian Team) ने पिछले दो मैचों में घरेलू मैदानों पर इंग्लिश टीम से बेहतर खेल का प्रदर्शन किया है।
मुकाबले से पहले कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे जिसमें एक अटकल इंग्लैंड का पलड़ा भारी होने की भी थी। घास देखकर इंग्लिश तेज गेंदबाजों को पिच से मदद मिलने के कयास लगाए गए थे लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला और भारतीय स्पिनरों के सामने इंग्लैंड के बल्लेबाज टिक नहीं पाए। हालांकि भारतीय टीम के बल्लेबाजों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम उम्मीद के अनुरूप बल्लेबाजी करने में नाकाम रही थी। कई तरह की बातें भी पिच को लेकर उठी है लेकिन यह दोनों टीमों के लिए समान थी और भारत की टीम ने दस विकेट से जीत हासिल की है। मैच में इंग्लैंड की टीम की पराजय के लिए कुछ कारण जिम्मेदार हैं, जिसके बारे में यहाँ बताया गया है।
पहली पारी में इंग्लिश बल्लेबाजों की तकनीक
टॉस जीतकर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने जब बल्लेबाजी का निर्णय लिया तब अनुमान लगे थे कि मुकाबला भारत के खिलाफ जा सकता है। हालांकि इंग्लैंड के बल्लेबाज तकनीकी रूप से ज्यादा साउंड नजर नहीं आए। सिद्दी गेंदों को टर्न के लिए खेलकर बल्लेबाज आउट हुए और एक बेहद कम स्कोर खड़ा किया जिससे भारतीय टीम के ऊपर बिलकुल दबाव नहीं रहा। 150 रन भी इंग्लिश टीम बनाती तो परिणाम कुछ और हो सकता था।
अक्षर पटेल की धाकड़ गेंदबाजी
अक्षर पटेल ने भारतीय टीम के लिए बेहतरीन काम किया। उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को असमंजस में रखते हुए आउट किया। कुछ गेंदों को टर्न कराने के अलावा बाकी गेंदों को सीधा रखते हुए पटेल ने बल्लेबाजों को गुमराह करते हुए अपने जाल में फंसाया। पहली पारी में उनके 6 विकेट से भारतीय टीम को मैच में फायदा हुआ और इंग्लैंड के लिए ये विकेट नुकसानदायक रहे।
दूसरी पारी में इंग्लैंड की खराब बल्लेबाजी
इग्लैंड के बल्लेबाज दूसरी पारी में भी वही गलती करते दिखे जो पहली पारी में की थी। शुरुआत में कुछ ओवर आक्रमण करते हुए खेलने से रन बनाए जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने दूसरी पारी में आक्रमण कर तेजी से 49 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। इंग्लैंड के बल्लेबाजों को कुछ अलग रणनीति के साथ मैदान पर उतरना चाहिए था।