मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में जिस तरह ऑस्ट्रेलिया ने बुरी तरह भारत को हराया, उसका अंदाजा किसी को नहीं था। पूरे मैच में भारतीय टीम कहीं नहीं दिखी। ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए छोटे मैदान पर भारत को 255 रनों पर रोककर बिना कोई विकेट गंवाए लक्ष्य हासिल कर लिया। टीम इंडिया हर विभाग में फिसड्डी साबित हुई।
टॉस जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय कप्तान को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया और यहीं से टीम के लिए सब उल्टा हुआ। रोहित शर्मा का बल्ला नहीं चला और बाद में टीम के दिग्गज खिलाड़ी विराट कोहली भी नहीं चले। मध्यक्रम और निचले क्रम सहित हर जगह भारत की टीम को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की तेज धार का सामना करने में मुश्किल हुई। नतीजा एक बड़ी हार के रूप में निकलकर आया जिसकी उम्मीद किसी ने नहीं की थी। क्रिकेट के पंडित और दर्शक भी इस पराजय के बाद हैरान हैं। इस लेख में उन तीन कारणों पर चर्चा की गई है जो भारत की हार के लिए जिम्मेदार हैं।
बल्लेबाजी में मध्यक्रम फेल
भारतीय ओपनर रोहित शर्मा महज दस रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद जिम्मेदारी मध्यक्रम के अन्य बल्लेबाजों की थी।उन्होंने अपनी दायित्व को नहीं समझा और आउट होकर चलते रहे। मध्यक्रम में किसी बल्लेबाज ने टिककर खेलने की हिम्मत नहीं दिखाई, लिहाजा भारतीय टीम एक मामूली स्कोर पर आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया के लिए 256 रन का लक्ष्य हासिल करना बेहद आसान बात थी और उन्होंने ऐसा ही किया। सबसे शर्मनाक बात यही रही कि कंगारुओं ने यह स्कोर बिना कोई विकेट गंवाए हासिल कर लिया।
ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों का जबरदस्त प्रदर्शन
भारतीय बल्लेबाज कंगारू तेज गेंदबाजों के सामने रन बनाने में लाचार नजर आई। मिचेल स्टार्क, केन रिचर्डसन और पैट कमिंस ने मिलकर 7 विकेट हासिल किये। इन तीनों ने मिलकर भारत की मजबूत बल्लेबाजी ध्वस्त कर दी। इसके बाद टीम का स्कोर नहीं बना और मेजबान टीम को एक बड़ी और शर्मसार करने वाली पराजय का सामना करना पड़ा।
भारत की खराब गेंदबाजी
ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह भारत के बल्लेबाजों को आउट किया, यह काबिले-तारीफ़ था लेकिन टीम इंडिया के गेंदबाज ऐसा कुछ नहीं कर पाए। शुरुआत में नई गेंद से अगर वे 2 या तीन विकेट निकालते तो ऑस्ट्रेलिया की टीम पर निश्चित रूप से दबाव देखने को मिलता। डेविड वॉर्नर और आरोन फिंच ने शतक जड़ते हुए टीम को दस विकेट से जीत दिला दी। भारतीय गेंदबाज सिर्फ उन्हें रन बनाते हुए देखते रहे।