इंग्लैंड की टीम (England Team) ने भारतीय टीम (Indian Team) के खिलाफ वनडे सीरीज में बेहतरीन वापसी की है। बड़े स्कोर का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम ने 6 विकेट से जीत दर्ज करते हुए सीरीज का रुख ही पलट दिया है। इंग्लैंड की टीम के बल्लेबाज किसी भी स्कोर का पीछा करते हुए उसे हासिल करने की क्षमता रखते हैं और यह एक बार फिर से उन्होंने साबित कर दिया है। शायद यही कारण है कि यह टीम वर्ल्ड चैम्पियन है।
पहले मैच में जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम बुलंद हौसलों के साथ मैदान पर उतरी थी और ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार भी भारतीय टीम जीत दर्ज करेगी। हालांकि सभी कयास इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने तूफानी बल्लेबाजी से समाप्त कर दिए और भारत के खिलाफ सबसे सफल रन चेस कर लिया। इंग्लैंड की टीम इस जीत के साथ सीरीज में बराबरी पर भी आ गई गई और अब अगला मैच निर्णायक रहेगा। इस मैच में जीत दर्ज करने वाली टीम ट्रॉफी पर भी कब्जा जमाएगी। इयोन मॉर्गन के बगैर खेलते हुए भी इंग्लैंड की टीम ने धाकड़ खेल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम को पीछे धकेलने में सफलता प्राप्त की। भारत की हार के तीन बड़े कारणों का जिक्र यहाँ किया गया है।
शुरुआती 30 ओवर में भारत की धीमी बल्लेबाजी
भारतीय टीम के दो विकेट गिरने के बाद विराट कोहली और केएल राहुल ने मोर्चा तो सम्भाल लिया लेकिन बल्लेबाजी काफी धीमी रही। दोनों के रहते भारतीय टीम ने 30 ओवर तक 142 रन ही बनाए। दूसरी तरफ इतने ही ओवरों में इंग्लैंड की टीम ने 194 रन बनाए। यह अंतर भारतीय टीम की हार के कारणों में से एक रहा। भारतीय बल्लेबाजों को शुरुआती 15 ओवरों के बाद रन गति बढ़ाने पर ध्यान देना था और धीमी गति से रन बनाना उन्हें भारी पड़ा।
बेन स्टोक्स और बेयरस्टो की बल्लेबाजी
जॉनी बेयरस्टो बतौर ओपनर खेलने के लिए आए और तेज शतक लगाया। उनसे भी ज्यादा तेज बेन स्टोक्स खेले और उन्होंने भारतीय टीम से मैच छीन लिया। दोनों में से किसी एक को समय रहंट आउट करने की जरूरत थी। बेन स्टोक्स जब 99 रन पर आउट हुए, तब तक मुकाबला इंग्लैंड के पक्ष में आ चुका था और बाकी बल्लेबाजों के लिए मुश्किल काम नहीं था।
भारतीय टीम में पांचवें गेंदबाज की कमी
भारतीय टीम में कुलदीप यादव को चौथे गेंदबाज के तौर पर खिलाया गया लेकिन उनकी ज्यादातर गेंदों को इंग्लिश बल्लेबाजों ने सीमा रेखा से बाहर ही भेजा। इसके बाद क्रुणाल पांड्या भी काफी महंगे साबित हुए। वह पूर्ण ऑल राउंडर नहीं कहे जा सकते जो दस ओवर गेंदबाज कर सके। भारतीय टीम के लिए पांचवां गेंदबाज नहीं होना भारी पड़ा। इसके अलावा हार्दिक पांड्या से भी गेंदबाजी नहीं कराई गई।