IND vs AUS Semi Final Match : चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का सेमीफाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मार्च को खेला जाएगा। इस मैच के लिए दोनों ही टीमें अपनी तैयारियों में जुटी हुई हैं। भारतीय टीम को तो ज्यादा तैयारी का मौका नहीं मिला क्योंकि उन्होंने 2 मार्च को अपना आखिरी लीग मैच खेला और अब 4 मार्च को सेमीफाइनल खेलते हुए नजर आएंगे। टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ मुकाबले के लिए एक बदलाव किया था और बाकी वही टीम नजर आई थी। इसके बावजूद भारतीय टीम ने जबरदस्त जीत हासिल की थी।
ऐसे में हम आपको बताते हैं कि टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले मुकाबले के लिए अपनी प्लेइंग इलेवन में क्यों कोई भी बदलाव नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं कि इसके तीन कारण कौन-कौन से हैं।
3.विनिंग कॉम्बिनेशन को बरकरार रखना
किसी भी बड़े मुकाबले से पहले किसी भी टीम को अपने विनिंग कॉम्बिनेशन से छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए। भारत ने जो विनिंग कॉम्बिनेशन बनाया है, उन्हें उसके साथ ही जाना चाहिए। इससे टीम का एक मोमेंटम बना रहता है और प्लेयर्स को एडजस्ट करने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती है। हर एक प्लेयर को अपना रोल अच्छी तरह से पता होता है। इसी वजह से टीम इंडिया को चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच के लिए प्लेइंग इलेवन में ज्यादा बदलाव ना करें।
2.दुबई में स्पिनर्स का दबदबा होना
ऑस्ट्रेलिया ने अभी तक दुबई में खेला नहीं है। वो पाकिस्तान में उन पिचों पर से खेलकर आ रहे हैं जहां पर काफी रन बनते हैं। जबकि दुबई में स्पिनर्स का बोलबाला रहता है और इसी वजह से टीम इंडिया को अपने चारों स्पिनर्स के साथ मैदान में उतरना चाहिए। वहीं तेज गेंदबाजी में भी बदलाव संभव नहीं है, क्योंकि मोहम्मद शमी टीम के सबसे अनुभवी गेंदबाज हैं। ऐसे में भारतीय टीम को प्लेइंग इलेवन में बदलाव नहीं करना चाहिए।
1.सभी खिलाड़ियों का दुबई की पिचों से अभ्यस्त होना
प्लेइंग इलेवन में इस वक्त जितने भी प्लेयर खेल रहे हैं, उसमें से वरुण चक्रवर्ती के अलावा बाकी प्लेयर्स ने पहले दोनों मैचों में भी हिस्सा लिया था। इसी वजह से यह खिलाड़ी पूरी तरह से दुबई की पिचों के अभ्यस्त हो गए हैं। अगर प्लेइंग इलेवन में बदलाव करके ऋषभ पंत या वाशिंगटन सुंदर को लाया जाता है तो उनका यह पहला ही मैच होगा और वो भी नॉक आउट का। ऐसे में उनके ऊपर दबाव आ सकता है।