Reasons why Jasprit Bumrah ruled out big shock for India: 19 फरवरी से शुरू हो रही चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत को वही झटका लगा है जिसकी लंबे समय से लोगों ने उम्मीद की थी। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। बुमराह को लेकर भारतीय टीम ने काफी सावधानी बरती थी और अंतिम समय तक उन्हें टीम में लाने का प्रयास भी किया था। हालांकि, वो इस टूर्नामेंट को खेलने के लिए पूरी तरह फिट नहीं हो पाए और उन्हें टीम में लाने की भारत की सारी कोशिशें बेकार चली गई। बुमराह का बाहर होना भारतीय टीम के लिए काफी बड़ा झटका है। आइए तीन कारणों में समझते हैं कि क्यों बुमराह का चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेल पाना भारत के लिए बहुत बड़ा झटका होने वाला है।
#3 मनोवैज्ञानिक दबाव हटेगा
बुमराह के टीम में होने से सामने वाली टीम पर मनोवैज्ञानिक दबाव पड़ता है। टी-20 क्रिकेट में उनके चार और वनडे क्रिकेट में उनके 10 ओवर विपक्षी टीम के बल्लेबाज संभालकर खेलने की कोशिश करते हैं। बुमराह जब एक छोर से दबाव बनाते हैं तो दूसरे छोर पर किसी दूसरे गेंदबाज को विकेट मिल जाता है। बुमराह के होने से सामने वाली टीम हमेशा सजग होकर खेलती है और ऐसे में भारत के पास रन रोकने के साथ ही विकेट हासिल करने के भी मौके बनते रहते हैं। बुमराह के नहीं होने पर किसी भी टीम पर यह मनोवैज्ञानिक दबाव नहीं होगा और ऐसे में भारतीय टीम मुश्किल में पड़ सकती है।
#2 ICC टूर्नामेंट्स खेलने का अनुभव
बुमराह जबसे टीम में आए हैं तब से लगातार ICC टूर्नामेंट में खेलते हुए दिखाई दिए हैं। उनके पास ICC टूर्नामेंट में खेलने का काफी अच्छा अनुभव है। बुमराह की सबसे खास बात यह है कि वह कभी भी दबाव नहीं लेते हैं और कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपना बेस्ट देने की क्षमता रखते हैं। बुमराह को रिप्लेस करने के लिए भारत के पास कोई ऐसा गेंदबाज नहीं है जिसके पास उनके जितना अनुभव और कौशल हो। ऐसे में भारतीय टीम टूर्नामेंट के दौरान मुश्किल में दिखाई दे सकती है।
#1 डेथ ओवर्स में गेंदबाजी
बुमराह नई और पुरानी दोनों ही गेंद से बराबर खतरनाक साबित होते हैं। जहां पावरप्ले में वह शुरुआत में ही बल्लेबाजों को बैकफुट पर भेजते हैं तो वहीं डेथ ओवर्स में उनके सामने तेजी से रन बनाना बल्लेबाजों के लिए बेहद कठिन होता है। बुमराह के पास सटीक यार्कर और गति में अच्छा मिश्रण करने की क्षमता है। उनके यार्कर को खेल पाना दुनिया के अच्छे से अच्छे बल्लेबाजों के लिए भी टेढ़ी खीर साबित होती है।
जब बुमराह गति में मिश्रण करते हैं तब भी बल्लेबाजों को कुछ समझ में नहीं आता है। उनके जैसी स्किल वाले गेंदबाज का मिलना बेहद मुश्किल है। भारतीय टीम को सबसे अधिक उनकी डेथ ओवर की गेंदबाजी की कमी ही महसूस होगी क्योंकि नई गेंद से अच्छी गेंदबाजी करने के विकल्प भारत के पास अब भी मौजूद हैं।