3.बार-बार टीम में बदलाव से बाकी खिलाड़ियों के अंदर असुरक्षा की भावना
अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब किसी टीम में बार-बार बदलाव होते हैं तो फिर सभी खिलाड़ियों के अंदर एक असुरक्षा की भावना आ जाती है और उसका असर उनके परफॉर्मेंस में भी देखने को मिलता है। मयंक अग्रवाल को टीम से नहीं ड्रॉप किया जाना चाहिए था, बल्कि उन्हें एक और मौका देकर रोहित शर्मा या शुभमन गिल को मिडिल ऑर्डर में खिलाया जा सकता था। इससे एक निरंतरता बनी रहती।
Edited by सावन गुप्ता