भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत को आईसीसी की सभी तीनों बड़ी ट्रॉफियां जिताकर दी हैं। जिनमें आईसीसी क्रिकेट विश्वकप, टी20 विश्वकप और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी शामिल है। यही नहीं उनके जैसा मैच फिनिशर शायद ही कोई और देखने को मिले और उनका हेलीकॉप्टर शॉट उन्हें और भी खास बनाता है। उनके बेहतरीन खेल और उपलब्धियों के लिए प्रशंसक उन्हें हमेशा याद करेंगे।
ऐसा ही नजारा हमें विश्वकप 2019 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल के बीच देखने को भी मिला था, जब महेंद्र सिंह धोनी क्रीज पर खड़े थे और विपक्षी टीम के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे लेकिन मार्टिन गप्टिल के शानदार थ्रो ने उन्हें रनआउट कर दिया और भारत की विश्वकप 2019 जीतने की उम्मीद भी खत्म हो गई थी। इसके बाद जब वह वापस पवेलियन की तरफ जा रहे थे, तो उनकी आंखों में आंसू की झलक साफ देखी जा सकती थी।
इसके बाद यह सवाल उठ रहा था कि क्या धोनी को संन्यास ले लेना चाहिए। कुछ लोगों का मानना है कि उन्हें अभी भी क्रिकेट खेलना चाहिए, खासकर ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले आईसीसी टी20 विश्वकप तक। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि धोनी को अब संन्यास ले लेना चाहिए, इसके पीछे तीन बड़े कारण मौजूद हैं, जानिए वो कारण
#1 अब वह पहले की तरह नहीं हैं
धोनी ने क्रिकेट के मैदान में कई शानदार पारियां खेली हैं, जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। जिसमें साल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई उनकी आतिशी पारी और 2011 के विश्वकप में श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में उनकी मैच जिताऊ पारी काफी महत्वपूर्ण हैं। जबकि अब लोगों का मानना है कि बढ़ती उम्र ने उन्हें धीमा कर दिया है और अब वह पहले जैसा प्रदर्शन करने में सक्षम नहीं है। जिसका नजारा हमें भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल में देखने को मिला।
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#2 तैयार है उनका उत्तराधिकारी
दूसरा कारण यह है कि अगर धोनी संन्यास लेते हैं, तो उनके उत्तराधिकारी के रूप में कई बेहतरीन खिलाड़ी टीम के पास मौजूद हैं। जिनमें ऋषभ पंत का नाम प्रमुख है। पंत ने टेस्ट क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन किया है और वह एक बेहतरीन बल्लेबाज के साथ शानदार विकेटकीपर भी हैं, हालांकि उन्हें अभी धोनी की तरह परिपक्व होने में समय लगेगा लेकिन ऋषभ पंत के पास वह पर्याप्त समय भी मौजूद है, जो खेलते-खेलते उन्हें निखार देगा। उन्होंने अभी मात्र 9 वनडे मैच और 9 टेस्ट मैच खेले हैं। ऐसे में पंत को धोनी की जगह परफेक्ट रिप्लेसमेंट माना जा रहा है।
#3 युवाओं को मौका देने की उनकी रणनीति
महेंद्र सिंह धोनी ने जब भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी शुरू की, तभी से वह युवाओं को मौका देने के पक्ष में रहे हैं। यही कारण है कि उनके कप्तान बनते ही राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे बेहतरीन लेकिन उम्रदराज खिलाड़ियों का करियर थम सा गया था। ऐसे में जब धोनी उम्र बढ़ने के कारण राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जैसे शानदार खिलाड़ियों को टीम के बाहर करवाने में सफल रहे, तो अब उन्हें अपने साथ भी न्याय करना चाहिए और अब 38 साल की उम्र पूरी करने के बाद धोनी को भी संन्यास ले लेना चाहिए।
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