आईपीएल वह टूर्नामेंट है जिसका इन्तजार दुनिया भर के दर्शक और खिलाड़ी करते हैं। दर्शक आईपीएल का इन्तजार चौके छक्के और तमाम बड़े खिलाड़ियों को देखने के लिए करते हैं और खिलाड़ी धन के उद्देश्य से आईपीएल का इंतजार करते हैं। आईपीएल ही ऐसा टूर्नामेंट है जिससे देशी-विदेशी खिलाड़ियों को अच्छा पैसा मिलता है। बोली में ऊँचे दामों पर बिकने वाले खिलाड़ियों के लिए तो स्थिति और भी ज्यादा सुखद हो जाती है। इस बार आईपीएल का आयोजन 28 मार्च से होना था लेकिन कोरोना वायरस ने पूरा मामला खराब कर दिया। विश्व क्रिकेट में फ़िलहाल कोई भी टूर्नामेंट नहीं हो रहा।
इस बार आईपीएल आयोजित करने के लिए बीसीसीआई ने पूरी तरह से कोई ऐलान नहीं किया है। इसका मतलब यही है कि उन्हें अभी टूर्नामेंट होने की उम्मीद है। केन्द्रीय खेल मंत्री ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि हमारी प्राथमिकता कोरोना से जंग है। किसी भी टूर्नामेंट की इजाजत ऐसे नहीं दी जा सकती, सरकार के पास आयोजन होने या नहीं होने के विशेषाधिकार होते हैं। इससे साफ़ तौर पर एक बात निकलकर आती है कि सरकार ऐसे आयोजन की अनुमति जल्दी नहीं देगी। काफी हद तक कोरोना नियन्त्रण में होने के बाद भी सरकार की आलोचना हो रही है, ऐसे में आईपीएल की अनुमति देकर वे और आलोचना का सामना नहीं करना चाहेंगे। आईपीएल की सम्भावना इस साल काफी कम नजर आ रही है जिसके पीछे कुछ कारण हैं और इनमें से तीन कारणों का उल्लेख इस आर्टिकल में किया गया है।
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आईपीएल की सम्भावना खत्म करने वाले कारण
मानसून की दस्तक
भारत में जून से लेकर सितम्बर तक देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश रहती है। ऐसे में आईपीएल के मुकाबले आयोजित करना आसान नहीं होगा। जुलाई और अगस्त में आईपीएल आयोजित होगा तो बारिश से कई मैच धुलेंगे। कोरोना का कम प्रकोप वाले पहाड़ी मैदान भी चुने जाएं, तो बारिश से एक भी मैच पूरा होने की उम्मीद नहीं की जा सकती। दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक मानसून की वजह से आईपीएल की सम्भावना लगभग खत्म सी हो जाती है।
सीपीएल 2020 के साथ टकराव
भारत में अगर आईपीएल का आयोजन अगस्त से सितम्बर के दौरान किया जाता है तो वेस्टइंडीज की कैरेबियन प्रीमियर लीग से इसका टकराव होगा। यह टूर्नामेंट भी 26 सितम्बर को खत्म होगा ऐसे में दोनों टूर्नामेंट एक साथ होने का कोई फायदा भी नहीं होगा। दोनों ही टूर्नामेंट इससे प्रभावित हो जाएंगे।
विदेशी खिलाड़ियों की उपलब्धता
सीपीएल के समय विंडीज के खिलाड़ी वहां खेलेंगे। दूसरी बात यह भी है कि विदेशी खिलाड़ी भारत आएँगे तो उन्हें क्वारंटीन जैसी स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। सीपीएल के बाद अन्य देशों की सीरीज भी होगी तो खिलाड़ी नेशनल टीम में खेलने को प्राथमिकता देंगे। किंग्स इलेवन पंजाब के मालिक नेस वाडिया ने भी बिना विदेशी खिलाड़ियों के आईपीएल का होना संभव नहीं बताया था।