लम्बे समय तक भारतीय टीम के लिए सीमित ओवरों के प्रारूप में डेब्यू करने वाले बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव इन दिनों बहुत ही बेहतरीन फॉर्म से गुजर रहे हैं। सूर्यकुमार ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने टी20 करियर की धमाकेदार शुरुआत की थी और हाल ही में उन्हें श्रीलंका के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत करने का मौका मिला। सूर्यकुमार लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और वह बिना किसी दवाब के पहली ही गेंद से अपना स्वाभाविक खेल खेलने में कामयाब हो रहे हैं। हाल ही बीसीसीआई ने इस बात की जानकारी दी है कि सूर्यकुमार यादव को इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट स्क्वॉड में शामिल कर लिया गया है। हालांकि वो अभी श्रीलंका में ही हैं लेकिन बहुत जल्द ही इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे।
सूर्यकुमार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में कामयाबी पायी है लेकिन उन्हें सीधे टेस्ट प्रारूप में इंग्लैंड दौरे पर चुना जाना कई सवाल खड़ा करता है। ऐसी खबरें थीं कि टीम प्रबंधन ने पहले शॉ को शामिल करने का अनुरोध किया था, जब शुभमन गिल को दौरे से बाहर हो गए थे। हालांकि, चयनकर्ताओं ने टीम मैनेजमेंट की इस मांग को ठुकरा दिया था और किसी को भी ना भेजने की बात कही थी लेकिन अवेश खान और वाशिंगटन सुंदर के चोटिल होने के कारण चयनकर्ताओं ने अब पृथ्वी शॉ और सूर्यकुमार यादव दोनों को इंग्लैंड भेजने का फैसला किया है।
शॉ पहले भी टेस्ट खेल चुके हैं लेकिन सूर्यकुमार को अभी अनुभव नहीं है। ऐसे में इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों का जिक्र करने जा रहे हैं, जिनकी वजह से सूर्यकुमार यादव को इंग्लैंड दौरे पर नहीं चुना जाना चाहिए था।
3 कारणों से सूर्यकुमार यादव को इंग्लैंड दौरे के लिए शामिल नहीं किया जाना चाहिए था
#3 लाल गेंद से अभ्यास की कमी
सूर्यकुमार एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उन्होंने घरेलू क्रिकेट में भी जबरदस्त प्रदर्शन किया है और इसी वजह से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका भी मिला है। हालांकि इस बल्लेबाज ने जो भी प्रदर्शन किया है, वो सीमित ओवरों की क्रिकेट में किया है और इंग्लैंड दौरे से पहले लाल गेंद से अभ्यास की कमी खल सकती है। इसके अलावा उन्हें इंग्लैंड पहुंचने के बाद एक भी अभ्यास मैच भी नहीं खेलने का मौका मिलेगा।
ऐसे में इस बल्लेबाज के लिए खुद को वहां की परिस्थितियों में ढालने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में चयनकर्ताओं को किसी ऐसे बल्लेबाज का चुनाव करना चाहिए था, जिसने हाल ही में लाल गेंद से क्रिकेट खेली हो।
#2 बायो बबल की थकान
सूर्यकुमार यादव फिलहाल श्रीलंका में भारत के बायो-बबल का हिस्सा हैं। अब इंग्लैंड दौरे के लिए टीम में उनके चयन के कारण उन्हें वहां जाकर क्वारंटीन भी करना होगा। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज आईपीएल से ठीक पहले समाप्त हो रही है और सूर्यकुमार को इस दौरे के बाद यूएई में आईपीएल 2021 के दूसरे चरण के लिए बायो-बबल में प्रवेश करना होगा। इसके ठीक बाद टीम को टी20 विश्व कप भी खेलना है और सूर्यकुमार के प्रदर्शन को देखते हुए इनका विश्व कप के लिए चयन तय लग रहा है और इस स्थिति में उन्हें फिर से बायो बबल में ही रहना होगा। ऐसे में लगातार बायो-बबल में रहने से खिलाड़ियों पर बुरा असर पड़ता है और हाल ही में कई खिलाड़ियों ने इसकी वजह से टूर्नामेंट के बीच से अपना नाम भी वापस लिया है।
सूर्यकुमार एक बहुत ही अहम खिलाड़ी हैं और उन्हें अगर इस दौर से गुजरना पड़ा तो भारत के लिए अच्छी खबर नहीं होगी। ऐसे में उन्हें अगर श्रीलंका दौरे के बाद ब्रेक मिल जाता तो ये एक सही फैसला होता।
#1 टेस्ट में खराब प्रदर्शन सीमित ओवरों के प्रदर्शन पर भी प्रभाव डाल सकता है
सफ़ेद गेंद के क्रिकेट में सूर्यकुमार यादव शानदार फॉर्म में हैं। उन्हें हाल ही में समाप्त हुई भारत बनाम श्रीलंका एकदिवसीय श्रृंखला में मैन ऑफ द सीरीज भी चुना गया था। उन्होंने अब तक खेली तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय पारियों में दो अर्द्धशतक भी बनाए हैं। सूर्यकुअंर यादव आगामी आईसीसी टी20 विश्व कप में भारत के लिए अहम खिलाड़ी होंगे। ऐसे में इंग्लैंड दौरे पर अगर सूर्यकुमार टेस्ट में अच्छा करने में असफल हुए तो इसका असर उनकी सफ़ेद गेंद की फॉर्म में भी देखने को मिल सकता है और ऐसा भारतीय टीम बिलकुल भी नहीं चाहेगी। इन सभी सवालों के साथ यह देखना दिलचस्प होगा कि सूर्यकुमार यादव को इंग्लैंड भेजने का कदम सफल होता है या नहीं।