IND vs ENG, T20I Series: इंग्लैंड की टीम इन दिनों भारत के दौरे पर है। दोनों टीमों के बीच 5 मैचों की टी20 सीरीज खेली जा रही है। सीरीज के पहले दोनों मैचों में कप्तान सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में टीम इंडिया की तरफ से जोरदार प्रदर्शन देखने को मिला है। कोलकाता में हुए पहले मैच में मेन इन ब्लू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की थी और इंग्लैंड ने मेजबानों के सामने जीत के लिए 133 रन का टारगेट रखा था, जिसे टीम इंडिया ने 13वें में सिर्फ 3 विकेट के नुकसान पर आसानी से हासिल कर लिया था।
चेन्नई में खेले गए दूसरे मैच में भी सूर्यकुमार टॉस जीतने में सफल रहे और फिर से जोस बटलर की टीम को बल्लेबाजी करने का न्योता दिया। इस बार भारत को जीत के लिए 166 रन का टारगेट का चेज करना था, जिसे टीम इंडिया ने 4 गेंदें शेष रहते 8 विकेट गंवाकर हासिल किया था। इस तरह दोनों मौकों पर टीम इंडिया का टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना का फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ। इस आर्टिकल में हम उन 3 कारणों के बारे में जानेंगे कि आखिर क्यों टीम इंडिया को बाकी के मैचों में टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करनी चाहिए।
3. भारतीय टीम अच्छी स्थिति में होने के चलते ले सकती है रिस्क
ज्यादातर मौकों पर टीमें टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करना पंसद करती हैं। भारतीय टीम ने भी सीरीज के पहले दोनों मैचों में यही किया था। टीम इंडिया ने 2-0 की लीड हासिल की हुई है, ऐसे में मेजबान टीम बाकी के मैचों में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का रिस्क ले सकती है। इससे पता चलेगा कि पहले खेलते हुए पूरी टीम का प्रदर्शन कैसे रहता है।
2. इससे पता चलेगा भारतीय गेंदबाज टारगेट डिफेंड करने में सक्षम हैं या नहीं
सीरीज के पहले दो मैचों में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने उम्दा प्रदर्शन किया है। वरुण चक्रवर्ती ने तो इंग्लैंड के बल्लेबाजों को हाथ खोलने का कोई मौका नहीं दिया। ऐसे में अब टीम इंडिया को देखना चाहिए कि क्या ये गेंदबाज टारगेट डिफेंड करते हुए भी इस तरह का प्रदर्शन जारी रख पाते हैं या नही।
1. पता चल पाएगा दबाव के बिना खेलते हुए प्लेयर्स के प्रदर्शन में सुधार आया या नहीं
टी20 सीरीज के पहले दोनों मैचों में टीम इंडिया के कुछ प्रमुख बल्लेबाज दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए बड़ी पारी खेलने में नाकाम साबित हुए हैं। इसमें संजू सैमसन और सूर्यकुमार यादव जैसे बल्लेबाज भी शामिल हैं। ऐसे में बाकी के मैचों में भारतीय टीम को टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला लेना चाहिए, ताकि पता चल सके कि ये प्लेयर्स बिना दबाव की स्थिति में बड़ा स्कोर बनाने में कामयाब होते हैं या नहीं।