वेस्टइंडीज को दूसरे एकदिवसीय मैच में भारतीय टीम ने धमाकेदार अंदाज में हराकर एक जबरदस्त वापसी की। दोनों टीमें अब एक-एक मैच जीतकर बराबरी पर हैं। अगला मैच जीतने वाली टीम सीरीज पर भी कब्जा करेगी। भारत ने इस मैच में बल्ले और गेंद से कमाल किया। हालांकि फील्डिंग विभाग में कमजोरी साफ तौर पर देखने को मिली। कुछ मौकों पर भारतीय फील्डरों ने कैच टपकाए।
विशाखापट्टनम की पिच पर भारत ने शुरू से ही मैच पर अपनी पकड़ बनाकर रखी। यही वजह थी कि वेस्टइंडीज के लिए मुकाबला पूरे समय तक मुश्किल ही बना रहा। पहले टीम इंडिया ने 387 रन बनाए और इसका दबाव विंडीज पर था। इसके बाद गेंदबाजी में भी भारत ने अपना दबदबा बनाकर रखा। देखा जाए तो पिछले मैच का बदला टीम इंडिया ने एक अलग अंदाज में लिया। इस मैच में वेस्टइंडीज की टीम के लिए कई चीजें सही नहीं घटी और नतीजा हार के रूप में आया। इस आर्टिकल में भारत की जीत के कारण और वेस्टइंडीज की पराजय की वजहों का जिक्र किया गया है।
रोहित शर्मा-केएल राहुल की साझेदारी
भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाजों ने जमकर बल्लेबाजी करने हुए वेस्टइंडीज के सभी गेंदबाजों की धुनाई की। जब साझेदारी लम्बी होने लगी थी तब यह लगने लगा था कि विंडीज के लिए यह खतरा है। रोहित शर्मा और केएल राहुल ने शतक जड़ते हुए पहले विकेट के लिए 227 रन जोड़े। इन दोनों के रन और यह साझेदारी विंडीज के लिए इतनी खतरनाक बनी कि वे अंत तक मैच में नहीं आ पाए। इस साझेदारी की बदौलत भारत ने चार सौ रन के करीब स्कोर बनाया। यहाँ से मेहमान टीम पर दबाव बढ़ा और उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा। वेस्टइंडीज की टीम को भारत का शुरुआती विकेट हासिल करने की जरूरत थी लेकिन वे ऐसा करने में नाकाम रहे और यह उनके लिए घातक रहा।