हैदराबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम ने रोमांचक तरीके से जीत दर्ज कर तीन मैचों की सीरीज में बढ़त बनाई है। मेहमान टीम ने पहले खेलते हुए जब 200 से ज्यादा का स्कोर बनाया, तब लगा कि इसे वापस हासिल करने में टीम इण्डिया के लिए आसान नहीं होगा। ऐसा देखने को मिला भी। रोहित शर्मा जल्दी आउट हो गए तब टीम पर थोड़ा दबाव बढ़ा। बाद में भारतीय टीम संभल गई और लक्ष्य तक एक रणनीति के तहत पहुंचकर मैच में जीत दर्ज की।
अधिकतर विंडीज खिलाड़ियों को भारत में आईपीएल खेलने का अनुभव है और उनकी बल्लेबाजी के दौरान यह साफ़ तौर पर नजर आया। उनकी टीम की तरफ से मैच में पंद्रह छक्के लगे। हालांकि गेंदबाजी और फील्डिंग में उनकी टीम ख़ास नहीं कर पाई। गेंदबाजी के दौरान भारतीय टीम भी ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही। विंडीज की तरफ से बनाया गया 207 रन का स्कोर इस बात का गवाह है। किरोन पोलार्ड ने कप्तान की तौर पर बेहतरीन भूमिका निभाई और ताबड़तोड़ 37 रन बनाए। कुछ चीजें ऐसी रही जो मैच में वेस्टइंडीज की टीम के पक्ष में नहीं गई। इनकी वजह से इस टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस आर्टिकल में वेस्टइंडीज की हार के तीन कारणों के बारे में चर्चा की गई है।
वेस्टइंडीज की खराब गेंदबाजी
भारतीय टीम के बल्लेबाजों के सामने विंडीज गेंदबाज लाइन और लेंथ कायम रखने में नाकाम रहे। शेल्डन कोट्रेल एकमात्र ऐसे गेंदबाज थे जिन्होंने चार ओवर में चौबीस रन दिए। इनके अलावा चार गेंदबाज ऐसे थे जिन्होंने दस या उससे ऊपर की औसत से रन दिए। केसरिक विलियम्स ने तो सोलह से ज्यादा की औसत से रन खर्च किये। इस तरह की गेंदबाजी से किसी टीम के जीतने की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
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राहुल-कोहली की साझेदारी
भारतीय टीम की बल्लेबाजी के दौरान रोहित शर्मा सिर्फ आठ रन बनाकर आउट हो गए। ऐसे में सारा दारोमदार केएल राहुल और विराट कोहली पर था। दोनों ने इस जिम्मेदारी को बखूबी समझा और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को निशाना बनाते हुए दूसरे विकेट के लिए सौ रन की बेहतरीन साझेदारी की। इस दौरान केएल राहुल ने ताबड़तोड़ खेल दिखाया। उन्होंने 155 के स्ट्राइक रेट से महज 40 गेंद पर 62 रन की पारी खेल जीत की तरफ टीम को अग्रसर किया। अहम बात कोहली और राहुल के बीच हुई साझेदारी थी। इस वजह से मेहमान टीम को पराजय मिली और टीम इंडिया जीतने में सफल रही।
विराट कोहली की पारी
केएल राहुल के साथ शतकीय साझेदारी के बाद भी भारत का रास्ता आसान नहीं दिख रहा था। यहाँ कोहली ने कप्तान के तौर पर अपनी जिम्मेदारी समझी। वेस्टइंडीज के कप्तान ने सब गेंदबाजों के विकल्प को इस्तेमाल किया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। अंतिम पांच ओवर में भारत को पचास से भी ज्यादा रन चाहिए थे और कोहली ने सोलहवें ओवर में केसरिक विलियम्स को 23 रन जड़े। यह मैच का टर्निंग पॉइंट था और टीम की जीत और करीब आ गई। विराट कोहली ने पचास गेंद में नाबाद 94 रन बनाए, जो काफी अहम और बड़ा कारण है जिससे विंडीज की हार सुनिश्चित हो गई।