क्रिकेट (Cricket) के किसी भी फॉर्मेट में चौके-छक्कों का काफी महत्व होता है। अगर आपको तेजी से रन बनाने हैं तो फिर छक्के लगाने पड़ेंगे। कई बल्लेबाजों को इसमें महारत हासिल होती है तो कई खिलाड़ी उतने छक्के नहीं लगा पाते हैं।
सर डोनाल्ड ब्रेडमैन को क्रिकेट का सबसे महान बल्लेबाज माना जाता है, लेकिन अपने क्रिकेट करियर में 35, 000 से भी ज्यादा रन बनाने के बावजूद वो महज 6 ही छक्के लगा पाए। समय बदलने के साथ खेल बदला और खिलाड़ियों के खेलने का तरीका भी बदल गया। धीरे-धीरे समय बीतने के साथ खिलाड़ी ज्यादा आक्रामक हो गए और सीमित ओवरों के खेल में सिक्सर आम बात हो गई।
अगर हम भारतीय फैंस के नजरिए से देखें तो कई खिलाड़ियों ने शानदार छक्के लगाये हैं जिन्हें फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं। हम आपको इस आर्टिकल में भारतीय खिलाड़ियों के 3 शानदार छक्कों के बारे में बताएंगे जिन्हें फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं।
वर्ल्ड कप में 3 जबरदस्त छक्के जिसे भारतीय फैंस कभी नहीं भूल सकते हैं
3. 2007 में डरबन में युवराज सिंह
2007 के पहले टी-20 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह के उन 6 छक्कों को भला कौन भूल सकता है जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर लगाए थे। युवराज सिंह से पहले 3 बल्लेबाज एक ओवर में 36 रन बना चुके थे। लेकिन इससे पहले किसी भी बल्लेबाज ने किसी ऐसे तेज गेंदबाज के खिलाफ 6 छक्के नहीं मारे थे जो कि एक मजबूत टीम का रेगुलर तेज गेंदबाज हो।
युवराज सिंह ने स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर 6 छक्के ऐसे लगाए मानो कि वो कोई साधारण गेंदबाज हों। स्टुअर्ट ब्रॉड को समझ नहीं आ रहा था कि वो कहां गेंदबाजी करें। युवराज ने उनकी गेंद को स्टेडियम की हर दिशा में सीमा रेखा के पार पहुंचाया। ब्रॉड अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे थे लेकिन उस समय युवराज की बल्लेबाजी को देखकर लग रहा था कि ब्रॉड चाहे जहां गेंदबाजी करें युवराज सिंह 6 छक्के लगाकर ही रहेंगे।
भारत ने 2007 का पहला टी-20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया लेकिन युवराज के वो 6 छक्के आज भी भारतीय फैंस के जेहन में ताजा हैं।
2. 2003 में सेंचुरियन में सचिन तेंदुलकर का सिक्स-
वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम कभी पाकिस्तान से नहीं हारी है लेकिन जब भी इन दोनों टीमों के बीच मुकाबला होता है फैंस थोड़ा नर्वस हो जाते हैं। 2003 के वर्ल्ड कप में भी भारत और पाकिस्तान के बीच हाईवोल्टेज मुकाबला हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने सईद अनवर के बेहतरीन शतक की बदौलत 50 ओवरों में 273 रनों का अच्छा स्कोर खड़ा किया।
भारत की बल्लेबाजी मजबूत थी लेकिन पाकिस्तान की गेंदबाजी भी उतनी ही अच्छी थी। खासकर पाकिस्तानी स्पीड स्टार शोएब अख्तर को लेकर भारतीय फैंस ज्यादा चिंतित थे कि उनकी गेंदों पर भारतीय बल्लेबाज कैसे रन बनाएंगे। सबको उम्मीद थी कि सेंचुरियन की तेज पिच पर शोएब अख्तर खतरनाक साबित होंगे। अपनी पहली गेंद शोएब अख्तर ने काफी तेज डाली लेकिन सचिन तेंदुलकर ने शोएब की गेंद को कट करके थर्ड मैन बाउंड्री के बाहर 6 रनों के लिए भेज दिया। पूरा स्टेडियम हैरान रह गया कि आखिर सचिन ने इतना शानदार छक्का कैसे लगाया ? पर भारतीय फैंस काफी खुश थे।
तेंदुलकर ने उस मैच में शोएब अख्तर की जमकर धुनाई की और बेहतरीन 98 रन बनाए। अपनी बल्लेबाजी से उन्होंने शोएब अख्तर का डर सभी के दिल से दूर कर दिया। शोएब अख्तर उस मैच में काफी महंगे साबित हुए 10 ओवरों में 72 रन खर्च कर डाले। भारत ने ये मैच 26 गेंद शेष रहते ही जीत लिया। इस तरह से वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और मुकाबला अपने नाम किया।
1.वानखेड़े स्टेडियम में एम एस धोनी का विजयी छक्का
2011 का वर्ल्ड कप फाइनल और जगह मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम। महेंद्र सिंह धोनी के उस शॉट ने पूरे हिंदुस्तान को वो खुशी मनाने का मौका दिया जिसका इंतजार सभी देशवासी 28 साल से कर रहे थे। श्रीलंका के 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए धोनी ने कप्तानी पारी खेली और अंत में नुवान कुलसेखरा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत को 28 साल बाद वर्ल्ड कप दिला दिया। उस लम्हे को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। सालों तक धोनी के उस शॉट को याद रखा जाएगा। जब भी भारतीय क्रिकेट के शानदार इतिहास की बात होगी तब धोनी के उस छक्के का जिक्र जरूर होगा।