वर्तमान समय में भारतीय टीम विश्व क्रिकेट में हावी है और लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। हाल ही में घरेलू जमीन पर टेस्ट सीरीज में उन्होंने वेस्टइंडीज को 2-0 से शिकस्त दी है। इसके अलावा पृथ्वी शॉ और उमेश यादव का जबरदस्त प्रदर्शन भी देखने को मिला है। विराट कोहली के नेतृत्व में टीम ने फिटनेस के नए आयाम पेश कर एक बेंचमार्क तैयार किया है।
टीम इंडिया के पास अंतिम ग्यारह में खेलने वाले शानदार खिलाड़ियों के अलावा बेंच स्ट्रेंथ भी मजबूत है। यही वजह है कि उन्हें 2019 में होने वाले वर्ल्ड कप को जीतने के लिए पसंदीदा टीम माना जा रहा है। विश्वकप के लिए टीम इंडिया में कुछ ऐसे नाम शामिल किये जा सकते हैं जो आपको आश्चर्य चकित कर सकते हैं उनके बारे में हम यहां जानेंगे।
3. मोहम्मद शमी
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को एक बार फिर वन-डे क्रिकेट में खुद को साबित करने का मौका देते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 एकदिवसीय मैचों के लिए चुना गया। पहले वन-डे में उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। उन्होंने 10 ओवर में 81 रन देकर 2 विकेट झटके लेकिन शार्दुल ठाकुर की अनुपस्थिति में वे आने वाले मैचों में बेहतर खेल दिखाकर विश्वकप के लिए टीम में दावेदारी ठोक सकते हैं।
शमी की गेंदों में विविधता रहती है। यॉर्कर और कटर का इस्तेमाल कर विपक्षी बल्लेबाजों के लिए परेशानी खड़ी करने में उन्हें माहिर माना जाता है। इंग्लैंड की परिस्थितियां उनके अनुकूल भी हैं गेंद में गति और उछाल के साथ स्विंग से बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता और शमी की गेंदबाजी में ये तीनों चीजें देखी जा सकती है। 2015 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए विश्वकप में भारत की तरफ से शमी को सबसे ज्यादा विकेट मिले थे। इस समय शमी अगर कुछ मौकों पर बेहतर गेंदबाजी कर देते हैं, तो विश्वकप के लिए उनका स्थान सुरक्षित हो सकता है।
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2. खलील अहमद
यह 20 वर्षीय गेंदबाज एशिया कप में दमदार प्रदर्शन के बाद सुर्ख़ियों में आया था। अपनी गेंदों में तेजी और स्विंग के कारण उन्होंने बल्लेबाजों को ख़ासा परेशान किया था। हांगकांग के खिलाफ मैच का पासा पलटने का श्रेय भी खलील अहमद को ही जाता है। शायद खलील अहमद उसे पूरा कर सकते हैं। एशिया कप के 2 मैचों में उन्होंने 4 विकेट चटकाए। इसके अलावा वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले वन-डे में भी उन्हें एक सफलता प्राप्त हुई।
इस गेंदबाज के पास तेज गेंद के अलावा गति परिवर्तन भी है। इससे बल्लेबाज चकमा खाते हैं। उनके टीम में आने से दाएं और बाएं हाथ के तेज गेंदबाजी क्रम का समन्वय बनने के अलावा विपक्षी बल्लेबाजों के लिए खुद को सेट करने में भी मुश्किल होगी। 2019 विश्वकप के लिए अगर उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया जाता है, तो यह एक आश्चर्यजनक फैसला जरुर कहा जा सकता है लेकिन गलत नहीं हो सकता।
1. ऋषभ पन्त
वेस्टइंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज के जरिये उन्हें पहली बार एकदिवसीय टीम में चुना गया। पहले मैच में डेब्यू करने वाले ऋषभ पन्त को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। दिनेश कार्तिक के स्थान पर उन्हें टीम का हिस्सा बनाकर चयनकर्ताओं ने रोटेशन प्रणाली का सहारा लिया है।
टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने शायद अपना स्थान बना लिया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की 2 पारियों में उन्होंने 184 रन बनाए। इसके अलावा इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने शतक भी जड़ा था। वन-डे क्रिकेट में उन्हें खुद को साबित करना बाकी है लेकिन धोनी के साथ विश्वकप की टीम में उन्हें बैकअप विकेटकीपर के रूप में चुना जा सकता है। अगर पन्त बल्ले से बेहतरीन खेल दिखाने में कामयाब रहते हैं तो लम्बे समय से भारत के लिए सिरदर्द बनी मध्यक्रम की समस्या का समाधान भी मिल सकता है। फ़िलहाल उनके पास बढ़िया प्रदर्शन करने का मौका है।