1. ऋषभ पन्त
वेस्टइंडीज के खिलाफ वन-डे सीरीज के जरिये उन्हें पहली बार एकदिवसीय टीम में चुना गया। पहले मैच में डेब्यू करने वाले ऋषभ पन्त को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। दिनेश कार्तिक के स्थान पर उन्हें टीम का हिस्सा बनाकर चयनकर्ताओं ने रोटेशन प्रणाली का सहारा लिया है।
टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने शायद अपना स्थान बना लिया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की 2 पारियों में उन्होंने 184 रन बनाए। इसके अलावा इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने शतक भी जड़ा था। वन-डे क्रिकेट में उन्हें खुद को साबित करना बाकी है लेकिन धोनी के साथ विश्वकप की टीम में उन्हें बैकअप विकेटकीपर के रूप में चुना जा सकता है। अगर पन्त बल्ले से बेहतरीन खेल दिखाने में कामयाब रहते हैं तो लम्बे समय से भारत के लिए सिरदर्द बनी मध्यक्रम की समस्या का समाधान भी मिल सकता है। फ़िलहाल उनके पास बढ़िया प्रदर्शन करने का मौका है।