भारतीय कप्तान विराट कोहली के निर्णय मैदान पर अनुमानित होते हैं और उनमें ज्यादा असमंजस की स्थिति भी देखने को नहीं मिलती है। कई बार विराट कोहली हैरान करने वाले निर्णय लेते हैं लेकिन इस मामले में महेंद्र सिंह धोनी उनसे काफी आगे रहे हैं। महेंद्र सिंह धोनी की तुलना विराट कोहली से की जाए तो उनकी कप्तानी में निर्णय ज्यादा चौंकाने वाले नहीं होते हैं। कप्तान बनने के बाद आक्रामक कप्तानी विराट कोहली ने जरुर की है और दर्शक भी उनका ऐसा रूप देखने पसंद करते हैं। इसके अलावा विराट कोहली मैदान पर सरल फैसलों के लिए जाने जाते हैं।
विपक्षी टीमें भी नहीं सोचती कि विराट कोहली किसी भी तरह से चौंकाने वाला कोई निर्णय लेकर स्थिति को मुश्किल बनाने का प्रयास करेंगे। यही वजह है कि जब विराट कोहली कभी इस तरह के फैसले लेते हैं, तो विपक्षी टीमों सहित दर्शकों को भी सोचने पर मजबूर होना पड़ता है। इस आर्टिकल में विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में लिए गए तीन चौंकाने वाले फैसलों के बारे में बताया गया है।
विराट कोहली की कप्तानी के चौंकाने वाले फैसले
हनुमा विहारी को टेस्ट डेब्यू कराना
इंग्लैंड के खिलाफ 2018 में सीरीज में हारने के बाद हनुमा विहारी को टेस्ट डेब्यू करने का मौका दिया। इससे पहले करुण नायर को लगातार टीम का हिस्सा बनाया गया था। विपक्षी टीम ने भी कोहली से इस निर्णय की उम्मीद नहीं की होगी। हालांकि कोहली का यह निर्णय सही साबित हुआ और हनुमा विहारी ने डेब्यू मैच में फिफ्टी जमाई।
पर्थ में कोई स्पिनर नहीं खिलाना
विराट कोहली ने यह निर्णय भी 2018 में ही लिया था। पर्थ टेस्ट मैच में भारतीय टीम बिना स्पिनर के मैदान पर उतरी थी। विपक्षी टीम ने नाथन लायन को शामिल किया था और उन्होंने 8 विकेट चटकाए। भारत की तरफ से हनुमा विहारी स्पिन विकल्प थे। ऑस्ट्रेलिया ने मुकाबले में 146 रनों से जीत दर्ज की थी।
ऑस्ट्रेलिया वनडे में केएल राहुल से ओपन न कराना
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में समाप्त हुई वनडे सीरीज में भारतीय टीम के लिए रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में मजबूत ओपनर बल्लेबाज का होना जरूरी था। केएल राहुल आईपीएल में काफी रन बनाकर आए थे और उनको यह जिम्मेदारी देनी चाहिए थी लेकिन कोहली ने शुभमन गिल और मयंक अग्रवाल को बारी बारी शिखर धवन के साथ ओपनर के तौर पर खिलाया। केएल राहुल को इस नम्बर पर नहीं भेजकर उन्होंने चौंकाया।