आईपीएल के अगले सीजन की शुरुआत 29 मार्च से होगी और जिसका फाइनल मुकाबला 29 मई को मुंबई में खेला जायेगा। आईपीएल का पहला सीजन साल 2008 में खेला गया और इसके बाद से यह लीग दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग के रूप में स्थापित हुई। दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ी और युवा खिलाड़ी इस लीग में एक साथ खेलते हुए नजर आते हैं। युवाओं को उन दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला मिलता है, जिनको वो अपना आदर्श मानते हैं।
आईपीएल में खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का जमकर प्रदर्शन करते हैं, जिससे उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह मिल सके। हालांकि आईपीएल के माध्यम से कई खिलाड़ियों को भारतीय टीम की ओर से खेलने का मौका भी मिला। जसप्रीत बुमराह भी आईपीएल की ही खोज है। बुमराह आज भारतीय टीम के सबसे प्रमुख गेंदबाज है, जो अपनी गेंदबाजी के दम पर भारत को कई मैच जितवा चुके हैं।
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वहीं कुछ ऐसे खिलाड़ी भी रहे। जिन्होंने आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम तक का रास्ता तय किया लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वह फ्लॉप साबित हुए। आज हम आपको ऐसे ही तीन भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं:-
#1 मोहित शर्मा
हरियाणा के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा को साल 2012-13 के रणजी सत्र में शानदार गेंदबाजी करने की वजह चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। मध्यम गति के गेंदबाज मोहित एक स्विंग गेंदबाज हैं और अंतिम के ओवरों में अपनी धीमी गेंद डालने की काबिलियत से उन्होंने सभी को प्रभावित किया। उन्होंने अपने पहले ही आईपीएल सीजन के 15 मैचों में 20 विकेट लेकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
आईपीएल के अच्छे प्रदर्शन की वजह से मोहित को 2013 के जिम्बाम्वे दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया और उन्हें इस दौरे में वनडे में डेब्यू का मौका मिला। मोहित ने भारत के लिए 26 वनडे मैचों में 31 विकेट लिए, साथ ही 6 टी20 मैचों में 8 विकेट अपने नाम किए। हालांकि यह सफर ज्यादा दिनों तक नहीं चला और मोहित ने आखिरी बार भारत के लिए साल 2015 में खेला था।
#2 सौरभ तिवारी
एमएस धोनी को अपना आदर्श मानने वाले और उनकी ही तरह लम्बे बालों वाला हेयर स्टाइल रखने वाले सौरभ तिवारी ने 2008 में अंडर-19 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया और इसकी वजह से मुंबई इंडियंस ने उन्हें अपने साथ जोड़ा था। सौरभ ने 2008 में भारतीय अंडर-19 के विश्व कप जितने में अहम भूमिका निभाई थी। सौरभ ने मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए कुछ लाजवाब पारियां खेली और अपनी टीम को कई मैच जिताए। सौरभ तीन साल तक मुंबई के लिए आईपीएल में खेलते रहें।
साल 2010 में उन्हें कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिए जाने की वजह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में डेब्यू का मौका मिला। अपने पहले मैच में उन्होंने 12 रन बनाये तथा अपने अंतिम मैच में नाबाद 37 रनों की पारी न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली। इसके बाद से उन्हें दोबारा भारतीय टीम खेलने का मौका नहीं मिला।
#3 नमन ओझा
नमन ओझा भारत के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद विकेटकीपर के तौर पर कभी चयनकर्तओं की पहली पसंद नहीं रहे। ओझा से पहले उन्हीं के समकालीन खिलाड़ी एमएस धोनी को भारतीय टीम में पहले मौका मिला और इसके बाद धोनी के शानदार प्रदर्शन की वजह से कई सालों तक चयनकर्तओं ने किसी दूसरे विकेटकीपर की तरफ देखा भी नहीं।
साल 2010 के आईपीएल में नमन ओझा ने 14 मैचों में 31 से ज्यादा की औसत से 377 रन बनाये। इस प्रदर्शन की वजह से नमन को श्रीलंका के खिलाफ भारतीय टीम की तरफ से वनडे क्रिकेट में डेब्यू करने का मौका मिला। नमन को अपने करियर में मात्र 1 वनडे और दो टी20 मैचों में ही खेलने का मौका मिला। नमन साल 2015 में धोनी के संन्यास के बाद टेस्ट टीम भी शामिल किये गए थे और एक टेस्ट मैच के बाद उन्हें दोबारा कभी मौका नहीं दिया गया।