वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए रविवार को भारतीय टीम का ऐलान किया गया। 22 अगस्त से एंटीगा में शुरू होने वाली इस सीरीज से आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप का भी आगाज हो जाएगा। 16 सदस्यों वाली इस टीम में कुछ युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं। रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम के सदस्य थे। रिद्धिमान साहा चोटिल होकर बाहर हुए थे इसलिए उन्हें भी वापस बुलाया गया है।
हार्दिक पांड्या और मुरली विजय के अलावा पार्थिव पटेल को भी टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। हालांकि खराब प्रदर्शन के बाद भी केएल राहुल को टीम में रखना एक चौंकाने वाला फैसला कहा जा सकता है। रिद्धिमान साहा के अलावा ऋषभ पन्त को दूसरे विकेटकीपर के रूप में टीम का हिस्सा बनाया गया है। कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें टीम में शामिल नहीं किया जा सका। उन दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों के बारे में इस आर्टिकल में एक विश्लेषण किया गया है।
श्रीकर भरत
आंध्र प्रदेश से आने वाले इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में अपने बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर टीम में आने के लिए दरवाजा खटखटाया। टीम चयन के समय भी भरत के नाम पर चर्चा हुई थी लेकिन भारत ए के खिलाड़ियों को मौका मिला। साहा चोटिल होकर बाहर हुए थे इसलिए श्रीकर भरत को टीम में शामिल नहीं किया जा सका। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इस विकेटकीपर बल्लेबाज का औसत 40 का है जो खराब नहीं माना जा सकता। यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि नाम पर चर्चा होने के बाद उन्हें जगह नहीं मिली। श्रीकर भरत को अब थोड़ा और इन्तजार करना पड़ेगा। दूसरे विकेटकीपर के रूप में पन्त भी टीम में हैं इसलिए भी उनके नाम पर सहमति बनने में मुश्किल हुई।
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भुवनेश्वर कुमार
भुवनेश्वर कुमार भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के मुख्य खिलाड़ी हैं। वर्ल्ड कप में उनका प्रदर्शन उतना ख़ास नहीं रहा था। पिछला टेस्ट मैच उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जोहान्सबर्ग में खेला था। यह भी हो सकता है कि उन्हें किसी प्रकार की चोट से बचाने के लिए कुछ देर आराम दिया गया हो इसलिए विंडीज दौरे की टेस्ट टीम से बाहर रखा गया हो। सीनियर खिलाड़ी होने के नाते उनकी जगह टीम में होनी चाहिए थी।
शिखर धवन
शिखर धवन काफी समय से भारतीय टेस्ट टीम से बाहर चल रहे हैं। पिछले साल सितम्बर में इंग्लैंड के विरुद्ध उन्होंने अंतिम मैच खेला था। इंग्लैंड में खराब प्रदर्शन के कारण ही उन्हें टेस्ट टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। वर्ल्ड कप में भी वे चोट की वजह से ज्यादा नहीं खेल पाए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने वहां एक शतक जरुर लगाया था। धवन को एक बार फिर एक मौका देने पर विचार किया जाना चाहिए था।