प्रत्येक खिलाड़ी के लिए अपने पर्दापण मैच का एक विशेष महत्व होता है। वह उस मैच में अच्छा प्रदर्शन करके अपने पर्दापण को यादगार बनाना चाहता है। गेंदबाज विकेट लेना चाहता है, जबकि बल्लेबाज अधिक से अधिक रन बनाना चाहता है। हर कोई अपने कैरियर की सकारात्मक शुरुआत करना चाहता है। मगर कुछ बल्लेबाज अपने पहले मैच में दुर्भाग्यशाली रहे हैं। वह अपने पर्दापण मैच में ही शून्य पर आउट हुए हैं। लेकिन खराब शुरुआत के बाद भी भविष्य में काफी सफल हुए हैं।
अब हम बात करते हैं, उन 4 सफल खिलाड़ियों की जो अपने पहले एकदिवसीय मैच में शून्य पर आउट हुए और आगे चलकर अपनी टीमों की कप्तानी भी की:
# 4 एंजेलो मैथ्यूज ( श्रीलंका )
![](https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/9a7bd-15483950857133-800.jpg 1920w)
एंजेलो मैथ्यूज मौजूदा श्रीलंका की टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। उपयोगी ऑल राउंडर होने की वजह से उनकी उपस्थिति टीम को संतुलन प्रदान करती है। वह मौजूदा श्रीलंका टीम की रीढ़ हैं।
मैथ्यूज ने अपना पहला वनडे 28 नवंबर 2008 को जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और मेंडिस के 6/29 की बदौलत जिम्बाब्वे को 46.3 ओवर में 146 रनों पर समेट दिया।
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम लड़खड़ा गई। 101 रनों के स्कोर पर श्रीलंका ने अपने 6 बल्लेबाजों को खो दिया। बल्लेबाजी करने आए मैथ्यूज आठ गेंदों का सामना करने के बाद आउट हुए। मैथ्यूज को उनकी पहली पारी में शून्य के स्कोर पर रे प्राइस ने आउट किया। जेहान मुबारक की जुझारू पारी (60 रन, 98 गेंदे ) की बदौलत श्रीलंका ने यह मैच जीत लिया। मेंडिस को उनके छह विकेट के लिए 'मैन ऑफ द' मैच चुना गया।
एंजेलो मैथ्यूज अंततः एकदिवसीय मैचों में श्रीलंका के कप्तान बने। उन्होंने 106 मैचों में टीम की कप्तानी की ,जिसमें 49 में श्रीलंका को जीत मिली जबकि 51 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा।
Get Cricket News In Hindi Here.
# 3 केन विलियमसन ( न्यूज़ीलैण्ड )
![Newà¤](https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/31491-15483985154444-800.jpg 1920w)
केन विलियमसन ने अपना पर्दापण 10 अगस्त 2010 को भारत के खिलाफ दांबुला में किया। यह मैच त्रिकोणीय श्रृंखला का पहला मैच था, जिसमे भारत, श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड की टीमें शामिल थी।
कीवी कप्तान रॉस टेलर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारतीय तेज गेंदबाजों ने कीवी सलामी बल्लेबाजों को सस्ते में आउट कर दिया। महज 27 रन के स्कोर पर न्यूज़ीलैण्ड ने अपना दूसरा विकेट इनग्राम के रूप में गवाया। अपना पहला एकदिवसीय मैच खेलने उतरे विलियमसन बल्लेबाजी के दौरान काफी दबाव में नजर आए। नौ गेंदो का सामना कर विलियमसन शून्य रन पर प्रवीण कुमार का शिकार बने।
केन विलियमसन ने अब तक 60 एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की है जिसमे न्यूज़ीलैण्ड को 32 मैचों में जीत जबकि 26 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। मौजूदा दौर में केन, कीवी टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज हैं।
# 2 सचिन तेंदुलकर ( भारत )
![Enter](https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/cc274-15483989990565-800.jpg 1920w)
सचिन तेंदुलकर ने वर्ष 1989 में मात्र 16 साल की उम्र में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ पदार्पण किया था। इस मैच में भारत ने टॉस जीता और जिन्ना स्टेडियम में पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। खराब रोशनी के कारण मैच 16 ओवरों का कर दिया गया। पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट के नुकसान पर 87 रन बनाए।
जवाब में लक्ष्य का पीछा करते हुए, भारत ने अपने शुरुआती विकेट जल्दी खो दिए। रमन लाम्बा 34 रनों के स्कोर पर तीसरे विकेट के रूप में आउट हुए। बल्लेबाजी के लिए आए सचिन तेंदुलकर, वकार यूनिस की गेंदबाजी के सामने क्रीज पर थे। वकार यूनुस की दूसरी ही गेंद पर सचिन ने वसीम अकरम को कैच थमा दिया। वह शून्य पर आउट हुए। भारत ने यह मैच 7 रनों से गंवा दिया था।
सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम की 72 एकदिवसीय मैचों में कप्तानी भी की। जिसमें उनकी टीम को 23 मैचों में जीत जबकि 42 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
# 1 एम एस धोनी
![](https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=190 190w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=720 720w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=640 640w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=1045 1045w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=1200 1200w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=1460 1460w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg?w=1600 1600w, https://statico.sportskeeda.com/editor/2019/01/081a7-15483252030785-800.jpg 1920w)
एमएस धोनी यकीनन भारत के सबसे महान एकदिवसीय कप्तान रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 में टी 20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता है।
धोनी ने वर्ष 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया था। अपने पहले मैच में वह दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से रन आउट हो गए। बांग्लादेश ने टॉस जीता और भारत को बल्लेबाजी के लिए उतारा। श्रीराम के आउट होने के बाद एमएस धोनी 7 वें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए। धोनी ने शॉर्ट फाइन लेग की तरफ गेंद धकेलकर एक तेज रन लेने की कोशिश की, लेकिन कैफ ने उन्हें वापस भेज दिया । परिणामस्वरूप वह रन आउट हो गए। हालांकि भारत ने 11 रन से यह मैच जीत लिया था।
उन्होंने वनडे में भारतीय टीम की 200 मैचों में कप्तानी भी की जिसमें टीम को 110 मैचों में जीत जबकि 74 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
Get Cricket News In Hindi Here.