प्रत्येक खिलाड़ी के लिए अपने पर्दापण मैच का एक विशेष महत्व होता है। वह उस मैच में अच्छा प्रदर्शन करके अपने पर्दापण को यादगार बनाना चाहता है। गेंदबाज विकेट लेना चाहता है, जबकि बल्लेबाज अधिक से अधिक रन बनाना चाहता है। हर कोई अपने कैरियर की सकारात्मक शुरुआत करना चाहता है। मगर कुछ बल्लेबाज अपने पहले मैच में दुर्भाग्यशाली रहे हैं। वह अपने पर्दापण मैच में ही शून्य पर आउट हुए हैं। लेकिन खराब शुरुआत के बाद भी भविष्य में काफी सफल हुए हैं।
अब हम बात करते हैं, उन 4 सफल खिलाड़ियों की जो अपने पहले एकदिवसीय मैच में शून्य पर आउट हुए और आगे चलकर अपनी टीमों की कप्तानी भी की:
# 4 एंजेलो मैथ्यूज ( श्रीलंका )
एंजेलो मैथ्यूज मौजूदा श्रीलंका की टीम के सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी हैं। उपयोगी ऑल राउंडर होने की वजह से उनकी उपस्थिति टीम को संतुलन प्रदान करती है। वह मौजूदा श्रीलंका टीम की रीढ़ हैं।
मैथ्यूज ने अपना पहला वनडे 28 नवंबर 2008 को जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। श्रीलंका की टीम ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और मेंडिस के 6/29 की बदौलत जिम्बाब्वे को 46.3 ओवर में 146 रनों पर समेट दिया।
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम लड़खड़ा गई। 101 रनों के स्कोर पर श्रीलंका ने अपने 6 बल्लेबाजों को खो दिया। बल्लेबाजी करने आए मैथ्यूज आठ गेंदों का सामना करने के बाद आउट हुए। मैथ्यूज को उनकी पहली पारी में शून्य के स्कोर पर रे प्राइस ने आउट किया। जेहान मुबारक की जुझारू पारी (60 रन, 98 गेंदे ) की बदौलत श्रीलंका ने यह मैच जीत लिया। मेंडिस को उनके छह विकेट के लिए 'मैन ऑफ द' मैच चुना गया।
एंजेलो मैथ्यूज अंततः एकदिवसीय मैचों में श्रीलंका के कप्तान बने। उन्होंने 106 मैचों में टीम की कप्तानी की ,जिसमें 49 में श्रीलंका को जीत मिली जबकि 51 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा।
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