3 भारतीय खिलाड़ी जिन्होंने अपने आखिरी मुकाबले में मैन ऑफ द मैच का खिताब जीता और उसके बाद दोबारा उन्हें मौका नहीं मिला

इरफ़ान पठान 
इरफ़ान पठान 

टीम इंडिया पिछले एक दशक से लगभग सभी प्रारूपों में अपना दबदबा बनाये हुए है। भारतीय पुरुष टीम ने 2011 विश्व कप जीता और विश्व कप के अगले दो संस्करणों में सेमीफाइनल तक पहुँचने में कामयाब हुयी। टीम इंडिया ने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और 2017 में चैंपियन ट्रॉफी की उपविजेता रही थी । आईसीसी टेस्ट रैंकिंग के अनुसार भारत इस समय टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक स्थान पर है।

भारत की राष्ट्रीय टीम में भी जगह पाने को लेकर काफी प्रतिस्पर्धा रही है क्योंकि कई ऐसे कई क्रिकेटर रहे हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, घरेलू क्रिकेट और ए टूर में अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम में जगह को लेकर इतनी प्रतिस्पर्धा की वजह से खिलाड़ियों को जब भी राष्ट्रीय टीम में मौका मिलता है तो उनपर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने का दबाव भी होता है। कई खिलाड़ी मैच जिताऊ प्रदर्शन करने के बाद भी टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाते हैं।

यहां ऐसे चार क्रिकेटरों पर नजर डालते हैं जिन्होंने उस फॉर्मेट में एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला जिसमें उन्होंने पिछले दशक में अपनी आखिरी उपस्थिति में मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता था:

#1 प्रज्ञान ओझा

प्रज्ञान ओझा 
प्रज्ञान ओझा

प्रज्ञान ओझा भारत के लिए काफी समय तक मुख्य स्पिनर हुआ करते थे। उन्होंने 24 टेस्ट में 30.27 की औसत से 113 विकेट लिए और इस दौरान उन्होंने 7 बार पांच विकेट झटके। ओझा ने भारत के लिए 18 वनडे और 6 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे। उन्होंने अपने 24 टेस्ट मैचों में से 20 टेस्ट घर पर खेले और 101 विकेट लिए । उन्होंने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट में दस विकेट लिए थे ।

भारतीय टीम में जडेजा के आने से ओझा को टीम से बाहर किया गया क्योंकि जडेजा ओझा से बेहतर बल्लेबाज और फील्डर थे। साथ ही जडेजा के शामिल होने टीम का संतुलन और बेहतर बनता था। टेस्ट में दस विकेट लेने के बावजूद बाएं हाथ के स्पिनर ओझा करीब सात साल तक भारतीय टीम में अपनी जगह नहीं बना सके और उसके बाद फरवरी 2020 में क्रिकेट के सभी रूपों से संन्यास लेने की घोषणा की ।

वानखेड़े में अपने इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद ओझा को फिर कभी नहीं चुना गया और वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला गया टेस्ट उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच था।

#2 अमित मिश्रा

अमित मिश्रा 
अमित मिश्रा

लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने वर्ष 2003 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। टेस्ट डेब्यू के सात साल बाद अमित मिश्रा को 2010 में अपना टेस्ट पदार्पण करने का मौका मिला और 2013 में टी-20 अंतरराष्ट्रीय में डेब्यू किया । उन्हें कभी भी किसी भी प्रारूप में लगातार मौके नहीं मिले। उन्होंने अपने करियर में 76 टेस्ट विकेट, 64 वनडे और 16 टी-20 अंतरराष्ट्रीय विकेट लिए हैं।

अमित मिश्रा ने 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी आखिरी वनडे सीरीज खेली थी और उस सीरीज में 14.33 के औसत से 15 विकेट अपने नाम किये थे। उस सीरीज के आखिरी वनडे में मिश्रा ने 18 रन देकर पांच विकेट लिए और भारत को सीरीज जीत दिलाई। मिश्रा को पूरी सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से मैन ऑफ द सीरीज और आखिरी मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया। इसके बाद मिश्रा को दोबारा कभी भारतीय टीम में नहीं चुना गया।

#3 इरफ़ान पठान

इरफ़ान पठान
इरफ़ान पठान

35 वर्षीय ऑलराउंडर ने 29 टेस्ट, 120 वनडे और 24 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह भारतीय टीम का अहम हिस्सा थे जिसने 2007 में दक्षिण अफ्रीका में टी-20 विश्व कप जीता था। इरफ़ान ने 2012 में श्रीलंका के खिलाफ अपना आखिरी वनडे मैच खेला था।

अपने आखिरी वनडे मैच में पठान ने 29 रन बनाये और पांच विकेट भी लिए। इस प्रदर्शन की वजह से उन्हें मैन ऑफ द मैच का का ख़िताब भी मिला। यह बात काफी आश्चर्यजनक थी कि इसके बाद इरफ़ान को इस प्रारूप में दोबारा कभी खेलने का मौका नहीं मिला।

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Edited by सावन गुप्ता