#2 रविंद्र जडेजा
ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने भारत के लिए लम्बे समय तक अपनी गेंदबाजी से योगदान दिया है लेकिन अब उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में निरंतरता लाते हुए बल्ले के साथ भी टीम के लिए निचले क्रम में कई उपयोगी पारियां खेली। जडेजा ऑस्ट्रेलिया दौरे में चोटिल हो गए थे और इस वजह से उन्हें उस दौरे पर कुछ टेस्ट मैच तथा इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज से बाहर रहना पड़ा था लेकिन उन्होंने फाइनल में वापसी की।
जडेजा काफी नीचे बल्लेबाजी करते हैं लेकिन उनकी काबिलियत को आंकते हुए उनसे शतक की उम्मीद करना गलत नहीं। हालांकि यह बल्लेबाज विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक भी शतक नहीं लगा पाया। जडेजा ने बिना शतक के 11 मैचों में 500 रन बनाये और इस दौरान 5 अर्धशतक लगाए।
#1 चेतेश्वर पुजारा
धैर्य के साथ टेस्ट प्रारूप में लम्बी पारी खेलने के लिए मशहूर चेतेश्वर पुजारा ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के पहले संस्करण में अपनी बल्लेबाजी से काफी निराश किया। इसी वजह से अब कई दिग्गज टीम में उनकी जगह पर सवाल भी उठाने लगे हैं। पुजारा ने इस पूरी प्रतियोगिता में एक भी शतक नहीं लगाया। वो कई मौको पर ढेर सारी गेंदे खेलकर आउट हो गए और उनके बल्ले से बड़ी पारी देखने का मौका ही नहीं मिला। पुजारा ने इस पूरी प्रतियोगिता में 18 मैचों में 28.03 की औसत से 9 अर्धशतक लगाकर 841 रन बनाये।
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