#2. युवराज सिंह
युवराज सिंह भारतीय टीम के सबसे बड़े मैच विजेता खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। बल्ले और गेंद से शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ रक ज़बरदस्त फ़ील्डर, यह सभी विशेषताएं उन्हें सही मायनों में भारत के सर्वश्रेष्ठ आल-राउंडर्स की फेहरिस्त में ला खड़ा करती हैं। युवी ने अपने करियर में तीनों आईसीसी टूर्नामेंटों में भारत को विजयी बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
हालाँकि, 2002 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का ज़्यादा मौका नहीं मिला। सभी पांच मैचों में खेलने के बावजूद, उन्हें केवल दो में बल्लेबाजी करने का मौका मिला। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने महत्वपूर्ण 62 रनों की पारी खेली थी और एक विकेट भी हासिल किया था।
इसके पांच साल बाद, दक्षिण अफ्रीका में खेले गए टी-20 विश्व कप में उन्हें उप-कप्तान नियुक्त किया गया। इस टूर्नामेंट में इंग्लैंड के खिलाफ 'करो या मरो' के मैच में युवराज ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में 6 छक्के लगाकर इतिहास रच दिया था और आज तक टी -20 में यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं। अपनी इस पारी में सिर्फ 12 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा कर लिया था, जो भी एक रिकार्ड है।
इस विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल में भी उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की भी जमकर धुनाई की, और सिर्फ 30 गेंदों में 70 रन ठोक डाले थे। युवराज ने पूरे टूर्नामेंट में 6 मैचों में 168 रन बनाए और एक विकेट भी लिया, जिसकी वजह से भारत ने टी-20 विश्व कप का पहला संस्करण जीता था।इसके बाद, 2011 में युवी ने बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन कर भारत को 28 साल विश्व विजेता बनाने में बेहद अहम किरदार निभाया था। इस विश्व कप में उन्होंने चार बार 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार जीतने के साथ ही 'मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट' का भी पुरस्कार जीता। इस टूर्नामेंट में खेले 9 मैचों में युवी ने 362 रन बनाए और इसके साथ 15 विकेट भी चटकाए थे।