#1. एमएस धोनी
एमएस धोनी का शुमार भारतीय क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में किया जाता है। वह पहले और एकमात्र कप्तान हैं जिनके नेतृत्व में भारत ने तीनों आईसीसी टूर्नामेंटों का ख़िताब जीता है।
2007 में एकदिवसीय विश्व कप की शर्मनाक हार के बाद, महेंदर सिंह धोनी को पहली बार भारतीय टीम की बागडोर सौंपी गई थी। कप्तान के रूप में अपने पहले ही विश्व कप में धोनी ने अपनी सूझ-बूझ और नेतृत्व क्षमता से उनपर दिखाए भरोसे को सही साबित किया।
इस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच को कौन भूल सकता है। साँसे रोक देने वाले इस मैच में धोनी ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए आखिरी ओवर में अनुभवी हरभजन सिंह की बजाय अनुभवहीन जोगिंदर शर्मा को गेंद थमाई। सभी क्रिकेट प्रशंसकों के लिए यह एक चौंकाने वाली बात थी। लेकिन शर्मा ने कप्तान के भरोसे को टूटने नहीं दिया और भारत ने सिर्फ 5 रनों से यह मैच जीतकर पहली बार टी-20 विश्व कप का ख़िताब जीतने का गौरव हासिल किया।
इसके चार साल बाद धोनी ने विश्व कप 2011 में भी भारतीय टीम का नेतृत्व किया। भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की संयुक्त मेज़बानी में खेले गए इस विश्व कप में भारतीय टीम ख़िताब की प्रबल दावेदार थी। इस टूर्नामेंट के फाइनल में धोनी ने गंभीर के साथ मिलकर हार के जबड़े से जीत छीन ली थी और फाइनल में 79 गेंदों पर नाबाद 91* रन बनाए थे।
धोनी का विजयी छक्का हमेशा भारतीय प्रशंसकों के दिमाग में ताज़ा रहेगा। इस विश्व कप में धोनी ने 9 मैचों में 241 रन बनाए थे। इसके दो साल बाद, धोनी ने सहवाग, गंभीर, जहीर और हरभजन जैसे खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम का नेतृत्व किया। इस टूर्नामेंट में भी धोनी ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय देते हुए इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में, महंगे साबित हो रहे इशांत शर्मा को गेंद सौंपी, जिन्होंने आखिरी ओवर में दो महत्वपूर्ण विकेट लेकर मैच का पासा पलट दिया और भारत ने चैम्पियंस ट्रॉफी का ख़िताब जीत लिया। इसके साथ ही धोनी भारत को तीन आईसीसी ख़िताब जिताने वाले पहले और एकमात्र कप्तान बने।