टेस्ट क्रिकेट में खेलने के अलावा टीम की कप्तानी करना हर देश के खिलाड़ी के लिए एक बड़ी और अहम् बात मानी जाती है। भारतीय टीम में भी टेस्ट क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी आए जिन्होंने खेलने के अलावा टीम की कप्तानी करते हुए भी बेहतर किया। टेस्ट क्रिकेट में ही खिलाड़ी की असली परीक्षा मानी जाती है। टेस्ट क्रिकेट खेलने का सपना ही हर खिलाड़ी के दिमाग में सबसे पहले आता है।
भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अब तक 33 कप्तान हुए हैं। कुछ कप्तान ऐसे रहे हैं जिन्हें पूर्ण रूप से टीम की कप्तानी करने का मौका मिला और कुछ नाम ऐसे भी रहे जिन्हें लम्बे समय तक टीम की कमान सँभालने का मौका नहीं मिला। कई टेस्ट कप्तान ऐसे रहे जिनका रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा वहीँ कुछ नाम ऐसे भी थे जिन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। एक खिलाड़ी के रूप में बेहतर करने वाले व्यक्ति भी टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी में फ्लॉप हो गए। इन सबके बीच कुछ खिलाड़ी ऐसे रहे जिन्हें भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक ही टेस्ट मैच में कप्तानी करने का मौका मिला। उन चार खिलाड़ियों के बारे में इस आर्टिकल में जिक्र किया गया है।
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टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए 1 मैच के कप्तान
पंकज रॉय
भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे पर 1959 में पंकज रॉय को दूसरे टेस्ट मैच में कप्तानी करने का मौका मिला था। इंग्लैंड की टीम ने भारतीय टीम को इस मुकाबले में पराजित किया था। इसके बाद पंकज रॉय को फिर कभी टीम की कप्तानी करने का मौका नहीं मिला। भारतीय टीम को उस समय सीरीज में 5-0 से हार का सामना करना पड़ा था।
हेमू अधिकारी
हेमू अधिकारी को भारतीय टीम के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ 1958-59 की घरेलू सीरीज के दौरान कप्तानी करने का मौका मिला था। मुकाबला ड्रॉ रहा था और उसके बाद उन्हें टीम की कप्तानी करने का मौका कभी नहीं मिला था। भारत ने पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान चार कप्तान बदले थे।