4 गलतियां जिनकी वजह से भारत 2007 के बाद दोबारा टी20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया है

महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लिए गए फैसले भारत को पड़े भारी
महेंद्र सिंह धोनी द्वारा लिए गए फैसले भारत को पड़े भारी

2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप दक्षिण अफ्रीका में खेला गया था और इसे भारत ने पाकिस्तान को फाइनल में हराकर जीता था। इसी टी20 वर्ल्ड कप के बाद भारत में इस फॉर्मेट को काफी गंभीरता से लिया गया और फिर 2008 में ही आईपीएल की शुरुआत हुई, जोकि विश्व की सर्वश्रेष्ठ लीग में से एक हैं।

हालांकि पहला वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का प्रदर्शन टी20 वर्ल्ड कप में कुछ खास नहीं रहा है, क्योंकि टीम तीन बार (2009, 10 और 12) सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई। इसके अलावा 2009 और 2010 में तो टीम सुपर 8 में एक भी मैच जीतने में कामयाब नहीं हुई। 2014 में टीम फाइनल में पहुंची और 2016 में भी टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन भारत टी20 वर्ल्ड कप को नहीं जीत पाया।

इस आर्टिकल में हम उन्हीं गलतियों के ऊपर नजर डालेंगे, जोकि भारत की हार की मुख्य वजह रही:

#) 2009 टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ करो या मरो के मुकाबले में इनफॉर्म युवराज सिंह की जगह रविंद्र जडेजा को भेजना

रविंद्र जडेजा की बेहद खराब पारी
रविंद्र जडेजा की बेहद खराब पारी

2009 में दूसरा टी20 वर्ल्ड कप इंग्लैंड में हुआ था। भारत की टीम ने दोनों लीग मैचों को जीतकर आसानी से सुपर 8 में जगह बनाई। सुपर 8 में भारत अपना पहला मुकाबला वेस्टइंडीज के खिलाफ हार गया था। इस मैच में युवराज सिंह के अलावा सभी बल्लेबाज छोटी गेंद पर संघर्ष करते हुए नजर आए।

भारत का सुपर 8 में दूसरा मुकाबला इंग्लैंड के खिलाफ हुआ और यह करो या मरो वाला मुकाबला था। भारत ने पहले गेंदबाजी करते हुए इंग्लैंड को 153-7 के स्कोर पर रोक लिया और भारत के लिए यह लक्ष्य इतना मुश्किल नहीं था। लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही और टीम ने 24 के स्कोर तक रोहित शर्मा और सुरेश रैना के विकेट गंवा दिए थे। हालांकि यहां पर इनफॉर्म युवराज सिंह को भेजने की जगह टीम ने रविंद्र जडेजा को भेजा और यह फैसला पूरी तरह से गलत साबित हुआ।

जडेजा ने 35 गेंदों पर 71.43 की खराब स्ट्राइक रेट से सिर्फ 25 रन बनाए और इससे दूसरे बल्लेबाजों पर काफी दबाव आ गया। युवराज सिंह जब बल्लेबाजी करने आए, तो रनरेट में काफी इजाफा हो चुका था। युवी ने 9 गेंदों में 17 रन बनाए और आउट हो गए। अंत में भारत लक्ष्य के करीब पहुंचा, लेकिन 3 रन से इस मैच को हार गया।

इसमें एक चीज़ और हैरान करने वाली थी कि लीग स्टेज में धोनी खुद तीन नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, लेकिन सुपर 8 में खुद काफी नीचे बल्लेबाजी करने आए, जिसका खामियाजा टीम ने टी20 वर्ल्ड कप से बाहर होकर चुकाया।

#) 2012 में सुपर 8 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वीरेंदर सहवाग को नहीं खिलाना

वीरेंदर सहवाग को नहीं खिलाना भारत को पड़ा था भारी
वीरेंदर सहवाग को नहीं खिलाना भारत को पड़ा था भारी

श्रीलंका में 2012 टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ और भारत ने लीग स्टेज में दोनों मुकाबले जीतते हुए सुपर 8 में जगह बनाई। सुपर 8 में भारत का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए वीरेंदर सहवाग को इस मैच में नहीं खिलाया।

वीरेंदर सहवाग एक आक्रामक बल्लेबाज हैं और वो अपने खेलने के तरीके से मैच का रुख बदलने की क्षमता रखते हैं और गंभीर के साथ उनकी साझेदारी काफी महत्वपूर्ण रहती है। हालांकि टीम ने उनकी जगह इरफान पठान से ओपनिंग कराई और टीम में तीन स्पिनर्स खिलाए।

अंत में यह फैसला गलत साबित हुआ और भारत सिर्फ 140-7 का स्कोर बना पाया और ऑस्ट्रेलिया ने इस लक्ष्य को 15वें ओवर में एक विकेट खोकर हासिल कर लिया। सहवाग को इस मैच में नहीं खिलाने के फैसले की काफी आलोचना भी हुई। इसके बाद सहवाग सुपर 8 के दोनों मुकाबले खेले, लेकिन काफी देर हो चुकी थी।

इसके अलावा सुपर 8 के आखिरी मुकाबले में भारत के पास सेमीफाइनल में पहुंचने की छोटी उम्मीद थी और टीम ने फिर हैरान करते हुए युवराज सिंह से पहले रोहित शर्मा (27 गेंदों में 25 रन) को बल्लेबाजी के लिए भेजा, जोकि टीम के खिलाफ गया और टीम विशाल स्कोर खड़ा करने से चूक गई। अंत में जरूर टीम ने एक रन से मैच जीता, लेकिन टीम टी20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।

#) श्रीलंका के खिलाफ 2014 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में मुश्किल स्थिति में आउट ऑफ फॉर्म युवराज सिंह को बल्लेबाजी के लिए भेजना

युवराज सिंह के करियर की सबसे खराब पारी

2014 टी20 वर्ल्ड कप बांग्लादेश में हुआ था और टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह भी बनाई। पहले बल्लेबाजी करते हुए 11वें ओवर में टीम का स्कोर 64-2 था, जब युवराज सिंह बल्लेबाजी करने आए। यह फैसला काफी चौंकाने वाला था, क्योंकि युवी का बल्ला उस वर्ल्ड कप में शांत ही रहा था और उन्हें काफी संघर्ष करते हुए देखा गया था।

युवराज सिंह के लिए वो मैच बिल्कुल भी यादगार नहीं रहा और वो 21 गेंदों में सिर्फ 11 रन बना पाए। इससे शानदार बल्लेबाजी कर रहे विराट कोहली के ऊपर भी दबाव आया और सधी हुई शुरुआत के बाद भारत सिर्फ 130-4 का स्कोर ही बना पाया। अंत में श्रीलंका ने इस स्कोर को आसानी से हासिल करते हुए टी20 वर्ल्ड कप को जीत लिया।

भारत के लिए उस स्थिति में युवराज सिंह की जगह सुरेश रैना या खुद कप्तान धोनी को ही आना था, जोकि अच्छी फॉर्म में भी थे। इस खराब फैसले का खामियाजा टीम ने फाइनल में हारकर चुकाया।

#) 2016 टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में डाली दो गई नो बॉल

हार्दिक पांड्या और रविचंद्रन अश्विन ने डाली नो बॉल
हार्दिक पांड्या और रविचंद्रन अश्विन ने डाली नो बॉल

भारत में 2016 टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था और भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में जगह भी बनाई। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली की शानदार अर्धशतकीय पारी की बदौलत 192-2 का विशाल स्कोर खड़ा किया। हालांकि इस मैच में चोटिल होने के कारण युवराज सिंह नहीं खेल पाए थे और टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। उनकी जगह मनीष पांडे टीम में शामिल किए गए थे।

गेंदबाजी करते हुए 19 के स्कोर तक भारत ने क्रिस गेल और मार्लोन सैमुएल्स के दो महत्वपूर्ण विकेट ले लिए थे। हालांकि पहले रविचंद्रन अश्विन और फिर हार्दिक पांड्या द्वारा डाली गई नोबॉल ने भारत के फाइनल में पहुंचने के इरादे पर पानी फेर दिया था। दोनों ही नो बॉल पर लेंडल सिमंस को आउट किया और फिर फैसले को बदला गया। सिमंस ने 51 गेंदों में 5 छक्के और 7 चौके की मदद से नाबाद 82 रन बनाए और अपनी टीम को फाइनल में लेकर गए।

अश्विन (7वें) और हार्दिक (15वें ओवर) में यह गलती नहीं करते, तो भारत इस मैच को जीत सकता था और दूसरी बार वर्ल्ड कप जीतने के एक कदम और करीब पहुंच जाता।

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