वनडे क्रिकेट के सबसे बड़ा टूर्नामेंट आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का 12वां संस्करण इस बार इंग्लैंड और वेल्स में खेला जा रहा है। वर्ल्ड कप 2019 में कुल 48 मैच खेले जायेंगे जिसका फाइनल मैच 14 जुलाई को लॉर्ड्स स्टेडियम में खेला जाएगा।
वर्ल्ड कप 2019 के फॉर्मेट में थोडा बदलाव किया गया है इस बार विश्व कप में 'राउंड रॉबी' फॉर्मेट के तहत प्रत्येक टीम अन्य सभी टीमों के साथ एक एक मैच खेलेगी।
वर्ल्ड कप 2019 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी मजबूत टीमों को ख़िताब की प्रमुख दावेदार माना रहा है, लेकिन अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसी छोटी टीमें भी इस विश्व कप में बड़ा बदलाव कर सकती है।
#1 वीवीएस लक्ष्मण:
दिग्गज भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण 90 दशक के अंत और 2000 की शुरुआत में भारतीय टीम के रीढ़ की हड्डी थे। वे टेस्ट जैसे लंबे फॉर्मेट में सबसे खतरनाक बल्लेबाज माने जाते थे।
वीवीएस लक्ष्मण ने भारतीय टीम के लिए 134 टेस्ट मैच खेले, जिनकी 225 पारियों में उन्होंने 45.5 की शानदार औसत से 8781 रन बनाए। अपने टेस्ट करियर में वीवीएस लक्ष्मण ने 17 शतक, 2 दोहरा शतक और 56 अर्धशतक भी लगाए। वें कैसी भी परिस्थिति में धर्यपूर्ण बल्लेबाजी के लिए जाने जाते है।
वनडे क्रिकेट की बात करें तो वीवीएस लक्ष्मण ने इस फोर्मेट में 86 मैच खेले, जिनकी 83 पारियों में 2338 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 30.76 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 6 शतक और 10 अर्धशतक भी अपने नाम किये।
वीवीएस लक्ष्मण उन खिलाड़ियों में से थे जो 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके थे। वे बड़े फॉर्म में धर्यपूर्ण और सिमित ओवर में तेज गति से बल्लेबाजी करने के लिए भी जाने जाते है। लेकिन इनमें बावजूद वो एक भी विश्व कप नहीं खेल पाए।
# 2 जस्टिन लैंगर:
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर जस्टिन लैंगर ने बतौर कोच ऑस्ट्रेलियाई टीम को फिर से संगठित करने में अहम भूमिका निभाई है। जस्टिन लैंगर 2000 के दशक में मैथ्यू हेडन के साथ टेस्ट में पारी की शुरुआत करते थे। इस जोड़ी ने अपनी विस्फोटक बल्लेबाज से दुनियाभर के गेंदबाजो में अपनी धाक जमाई थी।
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज जस्टिन लैंगर ने टेस्ट क्रिकेट में 105 मैच खेले, जिनकी 182 पारियों में उन्होंने 44.74 की औसत से 7696 रन बनाए। इस दौरान जस्टिन लैंगर ने 23 शतक, 3 दोहरा शतक और 30 शतक भी लगाए।
उन्होंने वनडे क्रिकेट से अपने करियर की शुरुआत की जिसमें उन्होंने 8 मैचों की 7 पारियों में 32.00 की औसत से 160 रन बनाए। 1997 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गये मैच के बाद उन्होंने कभी वनडे क्रिकेट नहीं खेला और यही उनके विश्व कप नहीं खेल पाने की सबसे बड़ी वजह बनी।
#3 एलिस्टेयर कुक:
एलिस्टेयर कुक टेस्ट मैचों में इंग्लैंड की तरफ से खेलने वाले महान बल्लेबाजों में से एक थे। वो इंग्लैंड के सबसे अनुभवी ही नहीं बल्कि इंग्लैंड की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी है। उन्होंने अपने करियर में 161 टेस्ट मैच खेले, जिनकी 291 पारियों में उन्होंने 45.35 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 12475 रन बनाए। कुक ने इस दौरान 33 शतक, 5 दोहरा शतक और 57 अर्धशतक भी लगाए।
इंग्लैंड के इस दिग्गज बल्लेबाज ने श्रीलंका के खिलाफ 2006 में अपने वनडे करियर की शुरुआत की और अपने पहले ही मैच में 39 रनों की शानदार पारी खेली। अपने वनडे करियर में उन्होंने 92 मैचों की 92 पारियों में उन्होंने 36.41 की औसत से 5 शतक और 19 अर्धशतक लगाते हुए 3204 रन बनाए।
सर एलिस्टेयर कुक के वनडे और टेस्ट में कितना भी अच्छा प्रदर्शन किया हो लेकिन उन्हें कभी भी वर्ल्ड कप खेलने का मौका नहीं मिला।
# 4 मैथ्यू होगार्ड:
इंग्लैंड के दिग्गज गेंदबाज मैथ्यू होगार्ड 2000 से 2007 की अवधि में सबसे खतरनाक गेंदबाज बनकर उभरे। आउट स्विंग और विविधता भरी गेंदे विपक्षी बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किले पैदा करती थी।
मैथ्यू होगार्ड ने साल 2000 में एंड्रयू कैडिक के स्थान पर अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने अपने करियर में 67 टेस्ट मैच खेले, जिनकी 122 पारियों में 30.5 की औसत और 3.26 की इकॉनमी से गेंदबाजी करते हुए 248 विकेट चटकाए।
मैथ्यू होगार्ड ने अपने वनडे करियर में 26 मैच खेले, जिनकी 26 पारियों में 36 की औसत और 5.29 की इकॉनमी से 1152 रन देकर 32 विकेट लेने में सफल रहे। इस दौरान उनका बेस्ट प्रदर्शन 49 रन देकर 5 विकेट लेने का रहा।
मैथ्यू होगार्ड ने अपना अंतिम वनडे मैच भारतीय टीम के सामने खेला। इसके बाद लगातार ख़राब फॉर्म के चलते उन्हें 2008 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा। शायद यही कारण रहा कि वो एक भी विश्व कप नहीं खेला पाए।