क्रिकेट को दुनियाभर में काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। क्रिकेट में अक्सर कई सारे रिकॉर्ड बनते और टूटते हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत के बाद टीम और खिलाड़ियों ने कई सारे कीर्तिमान स्थापित किये। कुछ रिकॉर्ड टूट गए तो कुछ लंबे समय तक कायम रहे।
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क्रिकेट में रिकॉर्ड बनते ही है टूटने के लिए। इसके बावजूद भी इंटरनेशनल क्रिकेट में अभी भी कुछ बड़े रिकॉर्ड है जिनका टूटना काफी मुश्किल है। यहां हम बात करने वाले हैं उन 4 रिकॉर्ड्स के बारे में जिन्हें तोड़ पाना आसान नहीं होगा।
#4 टेस्ट में 624 रन की पार्टनरशिप
2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में श्रीलंका के दो महान बल्लेबाजों ने एक अटूट रिकॉर्ड कायम किया। कुमार संगकारा और महेला जयवर्द्धने की जोड़ी ने तीसरे विकेट के लिए 624 रनों की मैराथन साझेदारी की।
इस मैच में कुमार संगकारा ने 287 रनों की पारी खेली, वहीं महेला जयवर्धने ने 374 रन बनाए। 2006 में बना यह रिकॉर्ड पिछले 14 सालों से नहीं टूटा है और शायद ही कभी टूटे।
#3 टेस्ट मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक
2006 में इरफान पठान ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के पहले ही ओवर में हैट्रिक ली थी। यह एक चौंकाने वाली चीज़ रही। इरफान पठान ने पहले सलमान बट को शून्य पर आउट किया।
इसके बाद उस समय के पाकिस्तानी कप्तान यूनिस खान को पगबाधा आउट किया और अगली ही गेंद पर मोहम्मद यूसुफ को बोल्ड करते हुए हैट्रिक ली। टेस्ट क्रिकेट में इस रिकॉर्ड को तोड़ना भी काफी मुश्किल होगा।
#2 एमएस धोनी का फिनिशिंग रिकॉर्ड
एमएस धोनी को क्रिकेटिंग इतिहास का सबसे बड़ा फिनिशर माना जाता है। उन्होंने भारत को अपनी बल्लेबाजी से कई सारे मैच जिताएं हैं। धोनी के नाम एक अटूट रिकॉर्ड है।
इस खिलाड़ी ने अपने इंटरनेशनल करियर में 17 मैच सिर्फ छक्कों की मदद से जिताए हैं। इसमें 9 वनडे और 8 टी-20 जीत शामिल हैं।
#1 सुपर ओवर में मेडन डालना
सीपीएल में रेड स्टील और गयाना अमेज़न वॉरियर्स के बीच मैच के दौरान ये रिकॉर्ड बना। दोनों ही टीमें 118 रन बना पाई और इसके चलते मैच टाई हो गया। वॉरियर्स ने पहले बैटिंग करते हुए सुपर ओवर में 11 रन बनाए। बचाव के लिए वॉरियर्स की ओर से सुनील नारेन ने गेंदबाजी की।
उन्होंने सुपर ओवर की शुरुआती 4 गेंदे डॉट निकाल दी। इसके बाद अगली गेंद पर प्रेशर में आकर निकोलस पूरन ने अपना विकेट गंवा दिया। अब सिर्फ एक गेंद बची थी और सुनील ने अंतिम गेंद डॉट निकाल दी। सुपर ओवर में एक भी रन न देने का रिकॉर्ड अटूट माना जा सकता है।