4 सीरीज जिन्होंने भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों के करियर को ऊँचाई दी

सचिन तेंदुलकर 
सचिन तेंदुलकर 

किसी भी खिलाड़ी को 'लीजेंड' बुलाने के पीछे खास कारण होता है। क्रिकेट के खेल में कई खिलाड़ियों ने वर्षों तक इस खेल को एक अलग ही स्तर पर पहुँचाया है। हालाँकि इनमे से कुछ ही खिलाड़ियों को 'लीजेंड' का दर्जा मिला है। एक खिलाड़ी को तभी लीजेंड माना जाता है, जब उसने कई वर्षों तक शानदार प्रदर्शन किया हो और कई उपलब्धियां हासिल की हो।

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किसी भी खिलाड़ी के लिए, आमतौर पर विश्व मंच पर खुद को स्थापित करने के लिए एक पल, एक मैच या एक श्रृंखला की जरूरत होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम ऐसे ही चार भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों की बात करने जा रहे हैं, जिनके करियर को एक सीरीज से ऊँचाई मिली:

#1 राहुल द्रविड़: भारत बनाम इंग्लैंड (2002 टेस्ट सीरीज)

 राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़

मैच: 4, रन: 602, औसत: 100.33, 100/50: 3/1

इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में खेली चार टेस्ट मैचों की सीरीज ने राहुल द्रविड़ के टेस्ट करियर को एक नया ही मोड़ दिया और विदेशी धरती पर उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें भारत के भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। द्रविड़ ने पहले टेस्ट की दो पारियों में 46, 63 का स्कोर बनाया। हालाँकि भारतीय टीम पहला टेस्ट मैच हार गयी। दूसरे टेस्ट में भी भारत को मैच बचाने के लिए दो दिन तक बल्लेबाजी करनी थी। द्रविड़ ने दूसरी पारी में शानदार शतक लगाकर मैच को ड्रॉ करवाने में अहम भूमिका अदा की।

तीसरे टेस्ट में द्रविड़ ने 148 रन की बेहतरीन पारी खेली और भारतीय टीम को बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की। भारत ने तीसरा टेस्ट जीता और सीरीज बराबर कर ली। इसके बाद चौथे टेस्ट में द्रविड़ ने 217 रनों की एक यादगार पारी खेली और भारत ने मैच ड्रॉ करवाकर सीरीज को भी 1-1 से ड्रॉ करवाया।

#2 वीवीएस लक्ष्मण: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (2001 टेस्ट सीरीज)

वीवीएस लक्ष्मण
वीवीएस लक्ष्मण

मैच: 3, रन: 503, औसत: 83.33, 100/50: 1/3

वीवीएस लक्ष्मण को इस सीरीज ने भारतीय क्रिकेट में खास पहचान दिलाई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह सीरीज लक्ष्मण के टेस्ट करियर की यादगार सीरीज में से एक है। लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 टेस्ट की सीरीज के पहले टेस्ट में कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया था। दूसरे टेस्ट में लक्ष्मण ने पहली पारी में 59 रन बनाये। भारत की पहली पारी 171 रन पर सिमट गयी। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को फॉलोऑन दिया और भारत ने अपने शुरुआती दो विकेट जल्दी खो दिए, इसके बाद 232 के स्कोर पर गांगुली का विकेट गिरने के बाद द्रविड़ क्रीज़ पर आये और दोनों ने ऐतिहासिक साझेदारी निभाई।

लक्ष्मण ने 281 और द्रविड़ ने 180 रन बनाये एवं मैच के चौथे दिन भारत को 315 रन की बढ़त दिलाई। इन दोनों की शानदार पारियों की वजह से ऑस्ट्रेलिया को दोबारा बल्लेबाजी के लिए मैदान में आना पड़ा और 384 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 212 रन पर पूरी टीम ढेर हो गयी और भारत ने यह मैच जीत लिया।

#3 सचिन तेंदुलकर: 1996 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप

सचिन तेंदुलकर 
सचिन तेंदुलकर

मैच: 7, रन: 523, औसत: 87.16, 100/50: 2/3

1996 विश्व कप कई मायनों में खास था। इस टूर्नामेंट में ऐसे खिलाड़ी शामिल थे जिन्होंने आगे चलकर विश्व क्रिकेट में बड़ा नाम बनाया और इन्हीं खिलाड़ियों में से एक थे भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर। सचिन ने उस टूर्नामेंट में भारतीय बल्लेबाजी का भार अकेले ही अपने कंधो पर उठाया था और भारत को सेमीफाइनल तक लेकर गए थे। सेमीफाइनल में सचिन के रन आउट होते ही भारतीय बल्लेबाजी बिखर गयी। सचिन ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाये और विश्व क्रिकेट में दस्तक देना शुरू कर दिया था।

#4 सौरव गांगुली: 1999 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप

सौरव गांगुली
सौरव गांगुली

मैच: 7, रन: 379, औसत: 54.14, 100/50: 1/1

सौरव गांगुली के लिए सचिन के साथ ओपनिंग करते हुए अपने लिए एक खास मुकाम बनाना आसान काम नहीं था लेकिन गांगुली ने इस चुनौती को स्वीकार किया और शानदार प्रदर्शन किया। गांगुली ने 1999 विश्व कप में ही अपने करियर का व्यक्तिगत श्रेष्ठ स्कोर 183 रन बनाया। गांगुली ने अपनी पारी में 17 चौके और 7 छक्के जड़े। गांगुली ने पूरे टूर्नामेंट अच्छा प्रदर्शन किया और अपने आप को ओपनर के रूप में स्थापित किया।

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