क्रिकेट में टेस्ट प्रारूप को सबसे चुनौतीपूर्ण प्रारूप माना गया है। टेस्ट प्रारूप में बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान काम नहीं है। इस प्रारूप में सफलता के लिए बल्लेबाजों को धैर्य के साथ-साथ बेहतर तकनीक की भी जरूरत होती है। बल्लेबाज के पास अगर तकनीक है लेकिन धैर्य नहीं तो भी वो सफल नहीं हो सकते। कुछ बल्लेबाज जो टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं और अच्छा प्रदर्शन करते, उन्हें टेस्ट स्पेशलिस्ट खिलाड़ी कहा जाता है।
टेस्ट क्रिकेट को वैसे तो क्रिकेट का धीमा प्रारूप भी माना जाता है लेकिन इस प्रारूप में कुछ बल्लेबाज ऐसे भी हुए जिन्होंने आक्रामक अंदाज से बल्लेबाजी की। अपने आक्रामक अंदाज से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक अंदाज से बल्लेबाजी करने को परिभाषित किया और सफलता भी हासिल की।
टेस्ट मैचों में कोई भी टीम जल्दबाजी नहीं करती और टीमों का औसतन स्कोर एक दिन में 300 रन के आसपास होता है। हालाँकि इस प्रारूप में कुछ ऐसे भी धाकड़ बल्लेबाज थे जिन्होंने टेस्ट के एक दिन में 270 से भी ज्यादा रन बना डाले।
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इस आर्टिकल के माध्यम से हम ऐसे ही पांच बल्लेबाजों पर चर्चा करने जा रहे हैं जिन्होंने टेस्ट मैच के एक दिन में सर्वाधिक रन बनाये:
#5 सर डॉन ब्रैडमैन, 271 बनाम इंग्लैंड
डॉन ब्रैडमैन ने ये मास्टर क्लास पारी खेली थी। ब्रैडमैन ने ऑस्ट्रेलिया को एक अनिश्चित स्थिति से बचाया और उन्हें 1934 एशेज श्रृंखला के चौथे टेस्ट में एक कमांडिंग पोजीशन में पहुंचा दिया। इंग्लैंड की पहली पारी 234 रन पर सिमट गयी जवाब में ऑस्ट्रेलिया 39 पर 3 विकेट खोकर मुश्किल में था। ब्रैडमैन मैच के दूसरे दिन बल्लेबाजी करने आये और बिल पोंसफोर्ड के साथ साझेदारी कर टीम के स्कोर को 427 तक पहुँचाया। ब्रैडमैन ने मैच के दूसरे दिन 271 रन बनाये और तीसरे दिन अपना तिहरा शतक पूरा कर आउट हो गए।
#4 डेनिस कॉम्पटन, 273 बनाम पाकिस्तान
इंग्लैंड के सबसे उल्लेखनीय बल्लेबाजों में से एक कॉम्पटन ने पाकिस्तान के खिलाफ 1954 में ट्रेंट ब्रिज में बल्लेबाजी का शानदार प्रदर्शन किया। पाकिस्तान अपनी पहली पारी में 154 रन पर ऑल आउट हो गया। इसके बाद पहले दिन के खेल के बाद इंग्लैंड का स्कोर 121/2 था और कॉम्पटन 5 रन बनाकर नाबाद थे। मैच के दूसरे दिन उन्होंने अकेले ही 271 रन बना डाले और 278 रनों की पारी खेल इंग्लैंड को जीतने लायक स्थिति में पहुंचा दिया। बाद में इंग्लैंड ने यह मैच एक पारी और 129 रन से जीत लिया।
#3 वीरेंदर सहवाग - 284 बनाम श्रीलंका
सहवाग की इस पारी ने उनकी टीम को एक शानदार जीत दिलाई, जिसने भारत को पहली बार ICC टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचाया। भारत के पास श्रीलंका के खिलाफ 2009 टेस्ट सीरीज़ के तीसरे और अंतिम मैच से पहले 1-0 की बढ़त हासिल थी और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम बनने के लिए एक जीत की आवश्यकता थी। श्रीलंका के पहली पारी के 393 के जवाब में भारत ने पहली पारी में 726/9 के स्कोर पर पारी घोषित की।
मुंबई के ऐतिहासिक ब्रेबोर्न स्टेडियम में दूसरे दिन सहवाग ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। उन्होंने दूसरे दिन अकेले 284 रन बनाये और भारतीय टीम को स्टंप्स तक 443/1 के स्कोर पर ले गए। मैच के तीसरे दिन सहवाग अपनी पारी में मात्र 9 रन और जोड़ पाए और 293 रन बनाकर मुरलीधरन की गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। सहवाग ने अपनी पारी में 40 चौके और 7 छक्के लगाए थे।
#2 वैली हैमंड, 295 बनाम न्यूजीलैंड
1930 के दशक के सर्वश्रेष्ठ इंग्लिश बल्लेबाज, वैली हैमंड सबसे शानदार बल्लेबाजों में से एक थे, जिन्होंने इस प्रारूप को खेला। न्यूजीलैंड की पहली पारी के 158 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने 548/7 के स्कोर पर पारी घोषित कर दी। हैमंड इंग्लैंड की पहली पारी में कुल 336 रन बनाकर नाबाद रहे। वो टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 41 पर नाबाद थे। इसके बाद दूसरे दिन उन्होंने 295 रन बना डाले और इतिहास रच दिया। अपनी पारी में उन्होंने 34 चौके और 10 छक्के जड़े।
#1 सर डॉन ब्रैडमैन, 309 बनाम इंग्लैंड
टेस्ट मैच में तिहरा शतक बनाना आसान नहीं होता और इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेंदुलकर और पोंटिंग जैसे दिग्गज अपने टेस्ट करियर में कभी तिहरा शतक नहीं बना पाए। हालाँकि ब्रैडमैन के लिए यह काम बिलकुल भी मुश्किल नहीं था और मात्र एक दिन में ही तिहरा शतक बना दिया था। उन्होंने यह कारनामा इंग्लैंड के खिलाफ 1930 में खेली एशेज के तीसरे टेस्ट में किया था। ब्रैडमैन ने मैच के पहले ही दिन नाबाद 309 बनाकर, टेस्ट मैच के एक दिन में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।