7 जुलाई को पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी का जन्मदिन होता है और आज पूरे क्रिकेट जगत ने उन्हें इस विशेष दिन पर बधाइयां दी। धोनी ने अपने करियर में जो भी उपलब्धियां हासिल की और भारतीय क्रिकेट में इस दिग्गज के योगदान को क्रिकेट जगत में सभी के द्वारा सराहा जाता है। धोनी ने एक छोटे से शहर से आकर भारतीय क्रिकेट को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचया और भारत में ना जाने कितने युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने।
धोनी ने दिसंबर 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया, और सितंबर 2007 में, उन्हें भारतीय टी20 टीम का कप्तान बनाया गया। विकेटकीपर-बल्लेबाज ने सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ICC टी20 विश्व कप में पहली बार भारत का नेतृत्व किया और अपनी जबरदस्त कप्तानी से भारत को टी20 विश्व कप का उद्धघाटन संस्करण जितवाया।
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धोनी ने ना सिर्फ बतौर बल्लेबाज बल्कि कप्तान के तौर पर बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की और इन्हें क्रिकेट जगत के सबसे चतुर कप्तानों में शुमार किया जाता है। धोनी विश्व क्रिकेट में आईसीसी की तीनों सीमित ओवरों की ट्रॉफी जीतने वाले इकलौते कप्तान हैं। इस दिग्गज ने कई बार अपने फैसलों से सभी को हैरान करते हुए कामयाबी हासिल की है। इस आर्टिकल में हम उन 4 मौकों का जिक्र करने जा रहे हैं, जब धोनी ने खुद को कैप्टन कूल साबित किया।
4 मौके जब एमएस धोनी ने अपने आप को पूरी तरह से कैप्टन कूल साबित किया
#1 2011 विश्व कप के फाइनल में मैच जिताऊ पारी
2011 विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 275 रन का लक्ष्य रखा था। यह लक्ष्य तब और मुश्किल हो गया जब मलिंगा ने सहवाग और सचिन को पवेलियन का रास्ता दिखाया। कोहली भी 35 रन का योगदान देकर आउट हो गए और भारत 114 के स्कोर पर तीन विकेट खोकर मुश्किल में था। पूरे टूर्नामेंट में बल्ले के साथ संघर्ष करने वाले धोनी ने अपने आप को युवराज से पहले प्रमोट किया और एक जबरदस्त पारी खेलकर भारत को 28 साल बाद एक बार फिर से विश्व कप जिताया। धोनी ने 79 गेंदों पर नाबाद 91 रन बनाये और आखिरी में छक्का लगाकर मैच खत्म किया।
#2 भारत बनाम बांग्लादेश, 2016 टी20 विश्व कप
2007 विश्व कप में बांग्लादेश ने भारत को हराकर बड़ा उलटफेर किया था और कुछ ऐसा ही वो 2016 के टी20 विश्व कप में करने वाले थे। भारत और बांग्लादेश के बीच हुए ग्रुप स्टेज के मुकाबले में बांग्लादेश जीत के करीब पहुँच गया और उसे तीन गेंदों पर 2 रन की जरूरत थी। हालांकि इसके बाद हार्दिक पांड्या ने लगातार दो विकेट निकालकर मैच को और रोचक बना दिया। बांग्लादेश को अब एक गेंद पर 2 रन चाहिए थे। धोनी ने आखिरी गेंद पर बांग्लादेश के बल्लेबाजों के द्वारा अतिरिक्त रन के प्रयास को सफल नहीं होने दिया और फुर्तीली से भागते हुए रन आउट कर दिया। इस तरह भारत ने 1 रन से जीत हासिल की।
#3 भारत बनाम पाकिस्तान, आईसीसी टी20 विश्व कप 2007
2007 टी20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत का सामना चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से था। भारत ने पहली पारी में 157 रन बनाए। जीत के लिए 158 रनों का पीछा करते हुए, पाकिस्तान को आखिरी छह गेंदों में 13 रन की जरूरत थी। धोनी ने सभी को चौंकाते हुए आखिरी ओवर जोगिन्दर शर्मा को दिया। जोगिन्दर ने ओवर की पहली गेंद वाइड डाली। हालांकि इसके बाद धोनी ने उनसे कुछ बात की और उन्हें अपनी योजनाओं पर अम्ल करने को कहा। जोगिन्दर की गेंद पर मिस्बाह ने शानदार छक्का लगाया लेकिन उन्होंने अंत में मिस्बाह को कैच आउट करा भारत को शानदार जीत दिलाई।
#4 भारत बनाम इंग्लैंड, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2013 फाइनल
2011 विश्व कप जीतने के दो साल बाद धोनी ने एक बार फिर अपनी बेहतरीन कप्तानी से भारत को 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल तक पहुंचाया। फाइनल में भारत का सामना इंग्लैंड से हुआ। बारिश की वजह से इस मैच में दोनों टीमों को 20-20 ओवर मिले। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 130 रन का टारगेट रखा। लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड एक समय आसानी से जीत की तरफ अग्रसर दिख रहा था।
हालांकि 18वें ओवर में धोनी ने उस मैच में थोड़ा महंगे साबित हुए इशांत शर्मा को गेंदबाजी के लिए बुलाया और इशांत ने मोर्गन और बोपारा का विकेट हासिल कर धोनी के इस फैसले को सही साबित किया। धोनी ने आखिरी दो ओवर स्पिनर रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन को दिए। दोनों गेंदबाजों ने अच्छी गेंदबाजीकी और भारत ने इंग्लैंड को 20 ओवरों में 124/8 पर रोक दिया। इस तरह भारत ने यह फाइनल 5 रन से जीत लिया था।