विराट कोहली इस समय अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं। शायद उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस मुकाम पर पहुंच जायेंगे। जब भी वह बल्लेबाजी करने आते हैं तो कोई ना कोई रिकॉर्ड बना लेते हैं। इस प्रकार कोहली लगातार अपने अच्छे प्रदर्शन से सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्डों को तेज़ी से तोड़ते जा रहे हैं।
अपने एक दशक लंबे क्रिकेट करियर में कोहली 19 हज़ार से अधिक रन बना चुके हैं। रोहित शर्मा और शिखर धवन के साथ उनकी तिकड़ी दुनिया के किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण को तहस-नहस करने का माद्दा रखती है।
वर्ष 2018 भारतीय कप्तान के लिए विशेष रहा है क्योंकि उन्होंने एक ही वर्ष में तीन सबसे कठिन विदेशी दौरे किये और दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
तो आज हम जानेंगे 4 मौके जब विराट कोहली ने रिकॉर्ड बनाकर एक बेंचमार्क सेट किया:
#1. एक ही वर्ष में तीन शीर्ष आईसीसी पुरस्कार जीतने खिलाड़ी
आईसीसी 2004 के बाद से ही हर साल सबसे शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कारों से सम्मानित करता है। यह तीन शीर्ष पुरस्कार हैं- वर्ष का सर्वश्रेष्ठ आईसीसी क्रिकेटर, वर्ष का सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर और वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर।
राहुल द्रविड़ ने 2004 में दो आईसीसी पुरस्कार- सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर और सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर जीते थे। लेकिन उनके बाद ऐसे कुछेक ही क्रिकेटर हैं जिन्होंने इन तीनों में से दो पुरस्कार जीते हैं। लेकिन अभी तक किसी भी क्रिकेटर ने आईसीसी के तीनों पुरस्कार नहीं जीते थे, भारत के विराट कोहली ऐसे करने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र क्रिकेटर बन गए हैं।
इससे पहले, उन्होंने 2012 और 2017 में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर ख़िताब जीता था। उन्होंने अगले वर्ष के दौरान क्रिकेटर ऑफ द ईयर का पुरस्कार भी जीता। लेकिन साल 2018 कोहली के लिए उनके करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ साल था।
#2. लगातार तीन सालों में 2500 से अधिक रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार रन बनाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन भारतीय कप्तान के लिए यह मुश्किल नहीं है। अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने यह साबित कर दिया है कि क्यूँ वह वर्तमान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ हैं।
उन्होंने पिछले तीन कैलेंडर वर्षों में 2500 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय रन बनाए हैं जो कि एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। इसके साथ ही पिछले तीन वर्षों में उन्होंने अविश्वसनीय रूप से 29 शतक भी बनाए हैं। इससे पहले भारतीय क्रिकटरों में, केवल सचिन, द्रविड़ और सौरव गांगुली ने ही एक कैलेंडर वर्ष में 2500 से अधिक रन बनाए थे और उन्होंने एक ही बार यह कारनामा किया था, जबकि कोहली तीन बार यह कारनामा कर चुके हैं।
वर्तमान समय में कोई भी क्रिकेटर रिकॉर्डों के मामले में कोहली के आस-पास भी नहीं है जो बात उन्हें विशेष खिलाड़ी बनाती है। लेकिन यह सिलसिला अभी रूका नहीं है उनकी फॉर्म को देख कर हम यह कह सकते हैं कि साल 2019 में भी शायद वह 2500 के आंकड़े को पार कर लेंगे।
#3. द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला में 550 से अधिक रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर
विराट कोहली एक द्विपक्षीय श्रृंखला में 550 से अधिक रन बनाने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच छह मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में भारतीय कप्तान ने तीन शतक बनाए थे। सबसे पहले उन्होंने डरबन में 112 रनों की पारी खेली और उसके बाद केपटाउन में नाबाद 160 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई और फिर सेंचूरियन में खेले आखिरी मैच में 129 रनों की पारी खेली। वह चौथे वनडे में भी शतक बनाने से चूक गए और 75 रन बनाकर आउट हो गए। कोहली के अविश्वसनीय प्रदर्शन ने भारत को 5-1 से श्रृंखला जीतने में मदद की थी।
पूरी श्रृंखला में कोहली ने कुल 558 रन बनाए जो किसी द्विपक्षीय श्रृंखला में किसी भी क्रिकेटर द्वारा बनाए सबसे ज़्यादा रन हैं। एकदिवसीय श्रृंखलाओं में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में इस समय वह सातवें स्थान पर हैं। अन्य छह खिलाड़ियों ने विश्व कप या बहुस्तरीय टूर्नामेंट में उनसे अधिक स्कोर किया है।
#4. लगातार चार टेस्ट सीरीज़ में 4 दोहरे शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर
विराट कोहली ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरुआत की थी और उन्होंने अपने पहले सात टेस्ट शतकों में कभी भी 120 रनों का आंकड़ा पार नहीं किया। लेकिन बाद में भारतीय कप्तान ने टेस्ट क्रिकेट में विकेट पर टिके रहने की कीमत महसूस की।
इसलिए उन्होंने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप के अनुरूप अपने खेल की शैली में बदलाव किया और 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला दोहरा शतक लगाया।
इसके बाद उनका दूसरा दोहरा शतक न्यूज़लैंड के खिलाफ अगली श्रृंखला में आया। तीसरा दोहरा शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में लगाया। बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट में विराट ने अपना अंतिम और रिकॉर्ड चौथा दोहरा शतक बनाया।
इसके साथ ही वह लगातार चार टेस्ट श्रृंखलायों में चार दोहरे शतक बनाने वाले पहले क्रिकेटर बने। इससे पहले, ब्रैडमैन और द्रविड़ ने लगातार तीन टेस्ट सीरीज में तीन दोहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया था।