इंडियन प्रीमीयर लीग के 11वें सीजन का आगाज कुछ ही दिनों में होने वाला है। आईपीएल का हर सीजन रोमांच से भरा रहता है। फटाफट क्रिकेट की इस लीग में कई गुमनाम खिलाड़ियों ने भी अपनी पहचान कायम की तो वहीं कई स्टार खिलाड़ी इस लीग में कुछ खासा प्रदर्शन नहीं कर पाए। क्रिकेट खेलने वाले लगभग हर देश के खिलाड़ी इंडियन प्रीमीयर लीग में हिस्सा ले चुके हैं। वहीं इस लीग में देखा गया है कि जो खिलाड़ी अपने देश के लिए क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल हुए हैं वो इस लीग में अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन करने में असफल साबित हुए हैं। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कई स्टार खिलाड़ी भी आईपीएल में शामिल हुए लेकिन इनमें से कई खिलाड़ी अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकाम साबित हुए हैं। आईए जानते हैं उन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ीयों के बारे में जो आईपीएल में कामयाब नहीं हो सके। इसे भी पढ़ें: IPL 2018: स्टीव स्मिथ बने राजस्थान रॉयल्स के कप्तान
#5 जेम्स होप्स
अपने शानदार ऑलराउंडर प्रदर्शन के चलते जेम्स होप्स ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में अहम खिलाड़ियों में से एक थे। अपने खेल के चलते जेम्स होप्स विश्व क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ चुके थे। इसके चलते इंडियन प्रीमीयर लीग में भी जेम्स होप्स को खेलने का मौका मिला। सबको उम्मीद थी कि जेम्स होप्स अपना शानदार खेल यहां भी जारी रखेंगे। साल 2008 में आईपीएल के पहले सीजन में जेम्स होप्स को किंग्स-XI पंजाब की टीम ने अपने साथ जोड़ा। हालांकि जेम्स होप्स उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए और अपने खेल में नाकाम साबित हुए। इसके बाद साल 2011 में वे दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में चले गए। ऑलराउंडर जेम्स होप्स की अगर बल्लेबाजी में बात की जाए तो साल 2008 में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी जेम्स होप्स ने 11 मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने महज 221 रन ही बनाए। इस दौरान उनकी औसत 20.09 की और स्ट्राइक रेट 149 की रही। वहीं इसके बाद साल 2011 में उन्होंने 10 मैच खेले। इस बार भी जेम्स होप्स कुछ खास प्रदर्शन नहीं दिखा पाए। इस सीजन में जेम्स होप्स मात्र 196 रन ही स्कोर कर पाए। इस दौरान उन्होंने 39.20 की औसत और 124 की स्ट्राइक रेट से रन बटोरे। वहीं गेंदबाजी में भी जेम्स होप्स का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। साल 2008 में उन्होंने आईपीएल में अपने खेले गए मैचों में 7 विकेट हासिल किए। इसके साथ ही उनकी इकॉनमी रेट 9.85 की रही। इसके बाद साल 2011 में भी उन्होंने 7 ही विकेट हासिल किए। इस दौरान उनकी इकॉनमी 8.50 की रही। इसके बाद साल 2012 में जेम्स होप्स पुणे वॉरियर्स इंडिया से जुड़ गए। लेकिन वो प्लेइंग एलेवन का हिस्सा नहीं बना पाए। जेम्स होप्स ने साल 2016 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया और कोचिंग की तरफ अपने करियर को आगे बढ़ाया। आईपीएल के आने वाले सीजन के लिए जेम्स होप्स को दिल्ली डेयरडेविल्स का गेंदबाजी कोच नियुक्त किया गया है।
#4 शॉन टेट
आस्ट्रेलियाई गेंदबाज शॉन टेट अपनी तेज रफ्तार की गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। अपने करियर में शॉन टेट ने अपनी गेंदबाज़ी से कई मैच जिताऊ प्रदर्शन किए हैं। हालांकि इंडियन प्रीमीयर लीग में रफ़्तार के इस सौदागर का रिकॉर्ड शानदार नहीं रहा है। राजस्थान रॉयल्स के लिए चार साल के आईपीएल करियर में शॉन टेट ने 21 मैच खेलते हुए 23 विकेट अपने नाम किए हैं। इसके साथ ही उनकी इकॉनमी रेट 8.11 की रही। अप्रैल 2017 में शॉन टेट ने क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
#3 जॉर्ज बेली
ऑस्ट्रेलिया के जॉर्ज बेली जैसा करियर शायद ही किसी को नसीब हो सकता है। जॉर्ज बेली उन खिलाड़ियों में शुमार है जिन्हें अपने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में ही टीम की कप्तानी सौंप दी गई। अपनी शानदार कप्तानी के बावजूद जॉर्ज बेली इंडियन प्रीमीयर लीग में खुद को साबित करने में नाकाम साबित हुए। उन्होंने आईपीएल में 40 मैच खेले और 663 रन स्कोर किए। इस दौरान उनकी औसत 24.55 और स्ट्राइक रेट 121.87 की रही। हालांकि साल 2014 में जॉर्ज बेली ने किंग्स इलेवन पंजाब के लिए शानदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाने में मदद की। जॉर्ज बेली ने पंजाब के अलावा चेन्नई सुपर किंग्स, राइजिंग पुणे सुपरजाएंट के लिए भी आईपीएल में खेला लेकिन उनका प्रदर्शन काफी उत्साहजनक नहीं रहा। इसके चलते इस सीजन के आईपीएल के लिए वो नीलामी प्रक्रिया में बिना बिके ही रह गए।
#2 माइकल क्लार्क
अपने बल्लेबाजी के दम पर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी माइकल क्लार्क ने विश्व क्रिकेट में अपनी पहचान कायम की है। शानदार तकनीक और बेहतर टाइमिंग के साथ माइकल क्लार्क मैदान के हर कोने में आसानी से शॉट खेलने में माहिर थे। ऑस्ट्रेलिया के लिए टीम के अहम सदस्य होने के बावजूद माइकल क्लार्क इंडियन प्रीमियर लीग में अपनी धाक जमाने में नाकाम साबित हुए। साल 2012 में माइकल क्लार्क आईपीएल में पुणे वॉरियर्स के साथ जुड़े। हालांकि वो कुछ शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाए और 6 मैचों में सिर्फ 100 रन ही बना पाए। इस दौरान उनकी औसत 16.66 की रही। इसके बाद माइकल क्लार्क चोटों से भी काफी प्रभावित रहे। जिसके चलते 8 अगस्त 2017 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को उन्होंने अलविदा कह दिया।
#1 रिकी पॉन्टिंग
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में रिकी पोंटिंग जैसा महान खिलाड़ी भी हुआ है। रिकी पॉन्टिंग ने अपने 17 साल लंबे करियर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 27000 से ज्यादा रन स्कोर किए हैं। इसके अलावा रिकी पॉन्टिंग ने दो बार लगातार विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम का नेतृत्व भी किया है। रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया के लिए बल्लेबाजी करते हुए कई अहम पारियां खेली है। रिकी पॉन्टिंग ने टेस्ट क्रिकेट में 51.85 की औसत से रन स्कोर किए हैं तो वहीं एकदिवसीय क्रिकेट में रिकी पॉन्टिंग ने 42.03 की औसत से रन बनाए हैं। एक समय तक रिकी पॉन्टिंग एकदिवसीय क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज थे। हालांकि अब रिकी पॉन्टिंग इस मामले में तीसरे पायदान पर आ चुके हैं। वहीं टेस्ट और वनडे क्रिकेट के अलावा क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में रिकी पॉन्टिंग को काफी संघर्ष करना पड़ा। इंडियन प्रीमीयर लीग में खेलते हुए रिकी पॉन्टिंग अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए। आईपीएल में रिकी पॉन्टिंग ने 10 मुकाबले खेले और सिर्फ 90 रन ही स्कोर किए। इसके साथ ही उनका बल्लेबाजी औसत 10.11 का रहा। साल 2003 और साल 2007 की विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी करने वाले रिकी पॉन्टिंग ने सिर्फ टी20 फॉर्मेट में सिर्फ दो अर्धशतक लगाने में ही कामयाबी हासिल की है। टी20 फॉर्मेट में रिकी पॉन्टिंग का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर नाबाद 98 रन है। रिकी पॉन्टिंग को आईपीएल के साल 2008 के पहले सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स ने अपने साथ शामिल किया था। इसके बाद साल 2013 में वो मुंबई इंडियंस से जुड़े। इसके बाद साल 2015 और 2016 में उन्हें मुंबई इंडियंस की कोचिंग भी की। वहीं इस सीजन के आईपीएल के लिए रिकी पॉन्टिंग दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए कोच के तौर पर दिखाई देगें। लेखक: तान्या रुद्र अनुवादक: हिमांशु कोठारी