अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आउट होने के कई तरीके होते हैं लेकिन रन आउट इनमें सबसे खराब माना जाता है। इसके अलावा यह विकेट गेंदबाज के खाते में भी नहीं जुड़ता। कई बार खिलाड़ी अपनी लापरवाही की वजह से रन आउट होते हुए देखे गए हैं। कई मामलों में फील्डर की जबरदस्त चुस्ती के कारण भी ऐसा हुआ है। रन आउट होने में कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को महारथ भी थी। विकेटों के बीच डेमी दौड़ से ऐसा सबसे ज्यादा बार होता है।
एक ख़ास बात यह भी है कि रन आउट में धीरे भागने वाला और तेज भागने वाला दोनों आउट होते हैं। तेज भागने वाले को रन लेने की जल्दी रहती है इसलिए वह फील्डर के थ्रो का शिकार हो जाता है। धीमा भागने वाला अपना पूरा जोर लगाकर भी एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में नाकाम रहने के कारण आउट हो जाता है। इंजमाम उल हक को विश्व क्रिकेट में सबसे धीमा रनर माना जाता था। भारतीय टीम के बात करें, तो सौरव गांगुली सबसे धीमे थे। वीरेंदर सहवाग भी दौड़ने में तेज नहीं थे। वीवीएस लक्ष्मण का नाम भी इस श्रेणी में आता है। इस आर्टिकल में विश्व के उन टॉप पांच खिलाड़ियों का जिक्र किया गया है जो करियर में सबसे ज्यादा बार रन आउट हुए थे।
इंजमाम उल हक
पाकिस्तान के इस खिलाड़ी के चर्चे क्रिकेट जगत में काफी रहे हैं। इंजमाम या खुद रन आउट होते थे अथवा सामने वाले को करवा देते थे। विकेटों के बीच उनकी दौड़ काफी धीमी थी। वे कुल 46 बार रन आउट हुए। भारत के खिलाफ 2003 के मैच में इंजमाम रन आउट हुए थे। सबसे ज्यादा रन आउट होने वाले खिलाड़ियों की सूची में उनका पांचवां स्थान है। यह थोड़ी हैरानी वाली बात हो सकती है क्योंकि वे टॉप तीन में भी हो सकते थे।
रिकी पोंटिंग
विकेटों के बीच में तेज दौड़ने वाले इस खिलाड़ी का लिस्ट में होना आश्चर्य की बात है। लम्बा करियर और मैचों की संख्या भी ज्यादा होने के कारण पोंटिंग का नाम यहाँ आया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह खिलाड़ी 47 बार आउट हुआ। 2005 की एशेज में गैरी प्रेट द्वारा उन्हें रन आउट किया गया था जो काफी चर्चा में रहा। कई बार फील्डर के पास गेंद होने के बाद भी रन लेने का प्रयास करते हुए पोंटिंग आउट हुए हैं।
मर्वन अट्टापट्टू
श्रीलंकाई टीम के पूर्व कप्तान मर्वन अट्टापट्टू दौड़ने में खराब नहीं थे। ज्यादा मैच और ऊपरी क्रम में खेलने की वजह से कई बार रन लेते समय फील्डरों की फुर्ती ने उन्हें अपना शिकार बनाया। वे 48 बार रन आउट हुए। सनथ जयसूर्या के साथ मिलकर उन्होंने श्रीलंका के लिए कई शानदार पारियां खेली। टेस्ट और वनडे दोनों में वे तकनीकी रूप से सक्षम खिलाड़ी रहे हैं।
महेला जयवर्धने
श्रीलंकाई टीम का यह महान खिलाड़ी भी इस सूची में है। दूसरे नम्बर पर रहे जयवर्धने 51 बार रन आउट हुए हैं। टीम के लिए कई बार अच्छी पारी खेलने के बाद उन्हें रन आउट होते हुए देखा गया है। विकेटों के बीच दौड़ने में वे कहीं से भी कम नहीं थे लेकिन कई मौकों पर सामने वाले खिलाड़ी की गलती का खामियाजा भी महेला जयवर्धने को ही भुगतना पड़ा।
राहुल द्रविड़
यह नाम पहले स्थान पर है लेकिन हैरान करने वाला है। द्रविड़ तेज रन लेने में सक्षम थे। वे विकेट के बीच धीमे भी नहीं थे। वनडे क्रिकेट में अंतिम ओवरों में खेलते हुए रन लेने का प्रयास करते हुए उन्हें ज्यादा रन आउट होना पड़ा है। वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 53 बार रन आउट हुए हैं जो कि काफी ज्यादा है। कई बार फील्डर के पास से रन चुराने के प्रयास में भी उन्हें आउट होना पड़ा।