#4 2003 विश्वकप- ऐसी हार जिसे भारत कभी न भुला पाए
2003 के विश्वकप में भारतीय क्रिकेट टीम सौरव गांगुली की अगुवाई में फाईनल तक पहुंची थी। यही नहीं फाइनल मैच में भी भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन ऑस्ट्रिलेया के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम जल्दी ही ऑलआउट हो गई और उसे हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया गया था।
जिसका फायदा उठाते हुए ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय गेंदबाजी पर प्रहार बोला और बेहतरीन शुरुआत दी। वहीं एडम गिलक्रिस्ट और मेथ्यू हेडन के आउट होने के बाद कप्तान रिकी पॉन्टिंग ने 140 रनों की बेहतरीन पारी खेली और टीम का स्कोर 359 पर पहुंचा दिया। वहीं इसके जवाब में भारतीय टीम मात्र 234 रन ही बना सकी और 125 रनों के अंतर से मैच और खिताब दोनों हार गई।
#3 1992 विश्वकप- जब लगी रन आउट की झड़ी
1992 के विश्वकप में एक बार फिर से वैसा ही मुकाबला देखने को मिला, जब पीली जर्सी वाली इस टीम ने फिर से भारत पर 1 रन के अंतर से जीत हासिल की और भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस मैच को इसलिए भी याद किया जाता है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम के चार विकेट रन आउट हुए थे।
ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मैच में भारत के सामने 236 रनों का टार्गेट रखा था। यह मैच बारिश के कारण प्रभावित भी हुआ था, जिसकी वजह से भारत को 47 ओवर में 236 रनों का लक्ष्य मिला था। इसके जवाब में भारतीय क्रिकेट टीम की ओर से मोहम्मद अजहरुद्दीन ने सबसे ज्यादा 93 रनों की पारी खेली और उनके अलावा अन्य सभी बल्लेबाज सस्ते में ही आउट हो गए। जबकि इन विकेट में से चार बल्लेबाज रन आउट हुए थे। जिनमें कप्तान अजहरुद्दीन का विकेट भी शामिल है।