#3 ड्रॉ पर अधिक अंक
टेस्ट चैंपियनशिप की वर्तमान नियमों के अनुसार अगर दो टीमों के बीच खेली गई सीरीज ड्रा हो जाती है तो दोनों टीमों को निर्णायक अंकों में से एक तिहाई अंक– एक तिहाई अंक दे दिए जाते हैं और जबकि बाकी के एक तिहाई अंक व्यर्थ हो जाते हैं। अगर इन अंको का वितरण 50– 50 के हिसाब से कर दिया जाए तो टीमों को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अंक दर्ज करने में काफी सरलता प्राप्त होगी।
#4 स्लो ओवर रेट की पेनाल्टी को टेस्ट चैंपियनशिप के अंकों पर ना लगाया जाए
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुई क्रिकेट सीरीज में स्लो ओवर रेट एक बड़ा फैक्टर साबित हुआ था। जानकारों के अनुसार अगर ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट चैंपियनशिप अंकों पर अगर स्लो ओवर रेट पेनाल्टी ना लगाई जाती तो संभव था कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होता। संभव है कि टेस्ट चैंपियनशिप का यह नियम भी आगामी चैंपियनशिप के संस्करण में से लुप्त हो सकता है।
#1 टॉप 3 टीमों के बीच नॉक आउट
नियमों के अनुसार अंक तालिका में जो दो टीम सबसे टॉप पर होती हैं, उनके बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाता है। लेकिन क्रिकेट के जानकार इस नियम से काफी नाखुश नजर आ रहे हैं और संभव है कि आगामी संस्करण में टेस्ट क्रिकेट चैंपियनशिप के अगले संस्करण में फाइनल में नॉक आउट के माध्यम से जगह बनाने पर विचार किया जाए। सबसे टॉप टीम को सीधा फाइनल का टिकट दिया जाएगा। वहीं दूसरी और तीसरी नंबर की टीम के बीच क्वालीफायर आयोजित होगा और क्वालीफायर की विजेता टीम को फाइनल में जाने का मौका मिलेगा।