आखिरी दिन टेस्ट मैच में हार टालने वाली पांच बेहतरीन पारियां

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क्रिकेट के असली प्रेमियों के लिए टेस्ट क्रिकेट आज भी खेल का सबसे महत्वपूर्ण फॉर्मैट है और उनके लिए टेस्ट क्रिकेट वनडे और टी-20 जैसे फॉर्मैट के बदले ज्यादा मनोरंजन का साधन भी है। जहां क्रिकेट के इस सबसे बड़े प्रारूप में हर कोई कड़ी टक्कर के अलावा नजीते की अपेक्षा करता है,लेकिन कई बार ड्रॉ मैच भी काफी रोमांचक होते हैं। ऐसा तब होता है जब एक टीम को दबाव के बीच 5वें दिन अपनी टीम की हार टालने के बल्लेबाज़ी करनी होती है। ज्यादातर टीम इस दबाव को नहीं झेल पाती और मैच हार जाती हैं लेकिन ऐसे भी कई किस्से हैं जब टीमें पूरा आखिरी दिन बल्लेबाज़ी करती रही और मैच ड्रॉ कराने में सफल रही हैं। चलिए ऐसी ही पांच पारियों पर नजर डालते हैं जो टेस्ट ड्रॉ कराने में कारगर सिद्ध हुई। साल 2005 पांच में खेली गई ऐशज़ सीरीज़ दो चिर प्रतिद्वंद्वी,इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में खेली गई बेहतरीन सीरीज़ में से एक थी। #5 इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, मैनचेस्टर , 2005 एशेज पहले दो टेस्ट में सीरीज़ एक-एक से बराबर हो जाने के बाद,ओल्ड ट्रैफोर्ड मैदान पर खेले जाने वाला तीसरा टेस्ट दोनों ही टीमों के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि दोनों टीमें ये मुकाबला हारना नहीं चाहती थी। इंग्लिश टीम ने इस टेस्ट में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 444 रन बना लिए और मैच में शुरुआती मनोवैज्ञानिक बढ़त बना ली। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम एक वक्त पर 7 विकेट खोकर 210रन पर जूझ रही थी , लेकिन शेन वॉर्न की 90 रनों की पारी की मदद से कंगारू टीम 302 रन तक पहुंच गई और मेहमान टीम को पहली पारी में 142 रन की बढ़त मिल गई। इंग्लैंड ने दूसरी पारी में भी गजब की बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया के सामने 1 दिन से कुछ ज्यादा समय में 423 रन बनाने का टारगेट दिया। मेहमान टीम ने चौथा दिन विना विकेट खोए 24 रन बनाकर खत्म किया और उन्हें मैच जीतने के लिए आखिरी दिन 399 रन की दरकार थी। जस्टिन लैंगर पांचवे दिन की शुरुआत में ही आउट हो गए और क्रीज़ पर आए रिकी पॉन्टिंग। पॉन्टिंग ने संकल्प दिखाया हालांकि दूसरे एंड पर विकेट का पतन नहीं थमा। जब एंड्रयू फ़्लिंटॉफ़ ने 156 रन की बेहतरीन पारी खेलने वाले पॉन्टिंग को आउट किया, ऑस्ट्रेलिया को मैच बचाने के लिए सिर्फ 4 ओवर खेलने थे और वो काम ब्रेट ली और ग्लेन ग्लेन मैक्ग्रा की आखिरी जोड़ी ने कर दिखाया और टेस्ट ड्रॉ करा लिया। #4 साउथ अफ्रीका बनाम वेस्टइंडीज़ गयाना , 2005 सर विवियन रिचर्ड्स ट्रॉफी sa-wi-1477235362-800 2005 में साउथ अफ्रीका का वेस्टइंडीज़ दौरा मेहमान टीम के महानतम क्रिकेटर जैक कैलिस की गजब की पारी के चलते एक बचाव की बड़ी कहानी का गवाह बना। चार टेस्ट की सीरीज़ के पहले मैच में वेस्टइंडीज़ की टीम ने वेवल हाइंड्स और शिव नारायण च्रंदपॉल के दोहरे शतकों की बदौलत पहली पारी में 5 विकेट 543 रन बनाकर पारी घोषित की। जवाब में इंडीज़ के पेसर्स की आग उगलती गेंदों का सामना करते हुए मेहमान टीम की पारी महज 188 रन पर ही ढ़ह गई। वेस्टइंडीज़ ने प्रोटियाज़ को फॉलोऑन खिलाया और मेहमान टीम चौथे दिन के खेल के अंत में 4 विकेट खोकर 85 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी, जैक कैलिस और जैक रूडल्फ क्रीज़ पर मौजूद थे। रूडल्फ ने कैलिस के साथ लगभग पांचवे दिन के पहले सेशन तक साथ निभाया लेकिन आखिरकार वो 152 गेंद पर 24 रन बनाकर आउट हो गए। उनके आउट होने के बाद हर्षल गिब्स क्रीज़ पर आए जिन्होंने कैलिस के साथ मिलकर 67.2 ओवर्स में139 रन की मैच बचाने वाली साझेदारी की। जब दिन के खेल के 7 ओवर शेष थे तब गिब्स 206 गेंद पर 49रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि कैलिस ने 109 रन की नाबाद जुझारु पारी खेलकर इस रोमांचक टेस्ट को ड्रॉ करा दिया। #3 साउथ अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया एडिलेड, 2012 aus-sa-1477239508-800 आखिरी दिन टेस्ट बचाने के लिए खेली गई सबसे यादगार पारियों में से एक साल 2012/13 में साउथ अफ्रीका के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर देखने को मिली । ये 3 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा टेस्ट था और ब्रिस्बेन में खेला गया टेस्ट ड्रॉ होने की वजह से सीरीज़ का स्कोर 0-0 था । कप्तान माइकल क्लार्क के दोहरे शतक और वॉर्नर और हसी की शतकीय पारियों ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को इस मैच में ड्रॉइविंग सीट पर पहुंचा दिया था और ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 550 रन बनाए। प्रोटियाज़ ने भी जवाब में शानदार बल्लेबाज़ी की और कप्तान ग्रीम स्मिथ की 122 रन की पारी की बदौलत टीम सम्मानजनक स्कोर तक पहुंच गई , लेकिन बावजूद इसके टीम ऑस्ट्रेलिया की टीम के स्कोर से 162 रन पीछे रह गई। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने तेज़ी से रन बनाते हुए मेहमान टीम को जीत के लिए 430 रन का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीकी टीम ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ों के शिकंजे में फंस गई और चौथे दिन के अंत में प्रोटियाज़ का स्कोर 4 विकेट पर 77 रन था। साउथ अफ्रीका की टीम पर टेस्ट ड्रॉ कराने का दबाव था और सिर्फ 6 विकेट शेष थे , डेब्यू कर रहे फाफ ड्यू प्लेसिस ने अपना बेस्ट डिफेंसिव खेल दर्शाया और डिविलियर्स ने भी खूब साथ निभाया जिन्होंने अपने अंदाज़ से बिलकुल अलग 220 गेंद पर33 रन बनाए । डीविलियर्स के साथ 89 और कैलिस के साथ 99 रनों की दो साझेदारियों की मदद से प्लेसिस ने मैच ऑस्ट्रेलिया की गिरफ्त से निकाल लिया। हालांकि आखिर में विकेटों की झड़ी लग गई लेकिन युवा प्लेसिस ने एक एंड थामे रखा और 110 रन की पारी खेलकर टेस्ट ड्रॉ करा दिया। #2 न्यूज़ीलैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया पर्थ, 1989 aus-nz-1477269435-800 नवंबर 1989 में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का पर्थ टेस्ट में आमना सामना हुआ और ये इतिहार के रोमांचक टेस्ट में से एक बन गया । न्यूज़ीलैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदाबाज़ी का फैसला किया और डेविड बून की 200 रनों की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 9 विकेट खोकर 521 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया । जवाब में उतरी कीवी टीम की पारी महज 231 रन पर ही सिमट गई और मर्व ह्यूज ने 4 विकेट झटके। न्यूज़ीलैंड को फोलोऑन मिला और फिर दूसरे पारी में भी न्यूज़ीलैंड की शुरुआत खराब रही और महज़ 11 रन पर उन्होंने 2 विकेट खो दिए । बांय हाथ के बल्लेबाज़ मार्क ग्रेटबैच ने एक एंड बांध कर रखा जबकि दूसरे एंड से विकेट का पतन जारी रहा और चौथे दिन का खेल खत्म होने तक न्यूज़ीलैंड संकट की स्थिति में थी और 168 रन पर 4 विकेट खो चुकी थी। पांचवे दिन ग्रेटबैच ने वहीं से शुरु किया जहां उन्होंने चौथे दिन अपनी पारी को छोड़ा था , लेकिन न्यूज़ीलैंड को जल्दी-जल्दी जेफ क्रो और इयान स्मिथ का विकेट गिरने से झटके लगे। क्रिस केर्न्स क्रीज पर आए और उन्होंने ग्रेटबैच के साथ मिलकर सातवें विकेट के लिए महत्वपूर्ण 45 रन की साझेदारी की। केर्न्स के आउट होने के बाद मार्टिन स्नीडन बल्लेबाज़ी करने आए और ग्रिट के साथ संघर्ष करते हुए 88 रन की नाबाद साझेदारी कर मैच ड्रॉ करा दिया। ग्रेटबैक को उनकी 485 गेंद पर 146 रन की मैच बचाने वाली पारी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। #1 इंग्लैंड बनाम साउथ अफ्रीका जोहान्सबर्ग, 1995 eng-sa-1477270464-800 साल 1995/96 में इंग्लैंड के साउथ दौरे पर पांच मैच की सीरीज़ के दूसरे टेस्ट में इस टीम ने प्रतिष्ठित खेल दिखाया और टेस्ट ड्रॉ करा लिया। इंग्लैंड ने साउथ अफ्रीका को पहले बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया और प्रोटियाज़ ने गैरी गैरी किर्स्टन की मदद से 332 रन बोर्ड पर लगा दिए। उसके बाद प्रोटियाज़ ने इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी पर कड़ा प्रहार किया और पहली पारी में महज़ 200 रन पर इंग्लिश टीम को निपटा दिया। दूसरी पारी में भी साउथ अफ्रीका ने शानदार बल्लेबाज़ी की और मेहमान टीम को चौथी पारी में जीत के लिए पहाड़ जैसे 479 रन का लक्ष्य दिया। इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन का खेल खत्म होने तक 4 विकेट पर 167 रन बनाए थे और माइक एथर्टन 82 रन पर नाबाद थे। डोनाल्ड, शॉन पॉलक के आक्रमण के रहते इंग्लैंड के लिए पांचवां दिन खेल पाना बेहद कठिन चुनौती होने वाली थी । एथर्टन के साथ चौथे दिन उनके नाबाद जोड़ीदार रोबिन स्मिथ ने पांचवे दिन भी कुछ वक्त तक उनका साथ निभाया और 44 रन की पारी खेली। दिन के खेल में काफी ओवर्स शेष थे और इंग्लैंड पर हार का खतरा मंडरा रहा था और उन्हें किसी से जादुई प्रदर्शन की उम्मीद थी। ऐसी स्थिति में जैक रसेल एथर्टन का साथ निभाने क्रीज़ पर आए और दोनों के बीच 119 रनों की बहुत लंबी साझेदारी हुई जिसने नामुमकिन दिखने वाला ड्रॉ संभव बना दिया। दोनों बल्लेबाज़ों को अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए ज्वाइंट मैन ऑफ द मैच दिया गया।