#2 वीवीएस लक्ष्मण
भारत को कई मैच जीताने वाले और कलात्मक बल्लेबाज के तौर पर मशहूर वीवीएस लक्ष्मण पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते थे। पिछले बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करते हुए वह कई बार भारत को फिनिशिंग लाइन के पार तक ले गए। लक्ष्मण की ऐसी प्रतिभा थी कि उनके जाने के बाद भी भारतीय टीम 6वें नंबर पर उनके स्थान पर एक खिलाड़ी की तलाश कर रही है।
लक्ष्मण का आखिरी टेस्ट मैच द्रविड़ जैसा ही था, जनवरी 2012 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ। उन्होंने कुछ महीने बाद संन्यास की घोषणा की। यह भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का एक दुखद हिस्सा रहा। भारत के दो महानतम और सबसे योग्य बल्लेबाजों को कभी विदाई मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
#3 वीरेंदर सहवाग
वीरेंर सहवाग के का करियर जितना उफान पर रहा उनका संन्यास उतना ही ढलान भरा रहा। सहवाग ने अपनी बल्लेबाजी के दम पर कई गेंदबाजों की बत्ती गुल कर दी थी। खिलाड़ियों को काफी रुका रहा। सहवाग ने अपने दिन कई महान तेज गेंदबाजों को क्लीन बोल्ड करने के लिए लिया। उन्होंने 82 की स्ट्राइक रेट से 8586 टेस्ट रन बनाए, जिसे कई बल्लेबाज एकदिवसीय क्रिकेट में भी हासिल नहीं कर पाए। मुश्किल मानते हैं।
दिल्ली के इस बल्लेबाज ने अपने तेज शतक से भारत के लिए कई मैच जीते और कई रिकॉर्ड बनाए। सहवाग ने अपना आखिरी टेस्ट मार्च 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद में खेला था, जबकि उन्होंने अपने जन्मदिन 20 अक्टूबर, 2015 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी।