भारत एक ऐसा देश है, जहाँ क्रिकेट का खेल सबसे ज्यादा चर्चित है। यहां हर जगह आपको क्रिकेट खेलने वाले बच्चे और बड़े देखने को मिल जायेंगे और सबका एक ही सपना भारतीय टीम में सेलेक्ट होना होता है। क्रिकेट खेलने वाला हर एक खिलाड़ी अपने देश की टीम के लिए खेलना चाहता है लेकिन भारत में वहां पहुंचने के लिए खिलाड़ी को बहुत ही ज्यादा उच्चस्तरीय प्रदर्शन करना होता है। भारत देश कई शानदार खिलाड़ियों ने इस खेल को अलग ही स्तर पर पहुँचाया है। कपिल देव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सहवाग, युवराज, धोनी और विराट कोहली जैसे कुछ दिग्गज खिलाड़ियों ने इस खेल को भारत में और ज्यादा विकसित किया है।
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भारत की U19 टीम, 'ए' टीम और आइपीएल सभी ने भारत के टैलेंट पूल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत में प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है और इसी वजह से सीनियर टीम तक पहुँचने का रास्ता भी बहुत मुश्किल है। हालाँकि कई ऐसे भी खिलाड़ी रहे जो भारत की टीम में चुन लिए गए लेकिन उन्हें कभी अंतिम एकादश में नहीं खिलाया गया। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही 5 खिलाड़ियों के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं।
5 भारतीय खिलाड़ी जिन्हें टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्हें कभी अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली
#5 धीरज जाधव
अपने घरेलू क्रिकेट करियर में इस बल्लेबाज का प्रदर्शन बहुत ही उम्दा रहा है। इस बल्लेबाज ने साल 2003/04 में रणजी ट्रॉफी की 12 पारियों में 1066 रन बनाये थे और इनके इसी प्रदर्शन की बदौलत जाधव को 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज के चौथे टेस्ट मैच के पहले टीम में भी चुना गया था। हालाँकि तब सचिन, सहवाग, द्रविड़ और लक्ष्मण जैसे दिग्गजों के होने की वजह से इस खिलाड़ी को एक भी मैच में मौका नहीं मिला।
#4 रानादेब बोस
रानादेब बोस अपने क्रिकेट करियर के दौरान घरेलू क्रिकेट के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक थे लेकिन इस गेंदबाज को कभी अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भारतीय प्लेइंग XI में नहीं मिला। बंगाल के तेज गेंदबाज ने 06/07 रणजी ट्रॉफी के दौरान 39.4 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 8 मैचों में 57 विकेट लिए थे। इस प्रदर्शन की बदौलत उन्हें 2007 में इंग्लैंड के दौरे पर टीम में शामिल किया गया था लेकिन ज़हीर खान, आरपी सिंह और श्रीसंत के रहते इन्हें एक भी मैच में मौका नहीं मिला।
#3 ईश्वर पांडेय
ईश्वर पांडेय को घरेलू क्रिकेट के सबसे होनहार तेज गेंदबाजों में से एक माना जाता है। पांडेय के पास उछाल प्राप्त करने और गेंद को स्विंग करने की काबिलियत है। 2012/13 रणजी ट्रॉफी के दौरान उन्होंने 8 मैचों में 48 विकेट लिए और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। इसी के परिणामस्वरूप पांडेय को 2014 में न्यूजीलैंड दौरे के लिए वनडे और टेस्ट स्क्वॉड में शामिल किया गया था लेकिन इन्हें एक भी मैच नहीं खिलाया गया।
#2 बेसिल थंपी
बेसिल थंपी को 2017 में उनके शानदार प्रदर्शन की वजह से सभी ने सराहा था। थंपी के पास गति और यॉर्कर डालने की कला उन्हें एक खास गेंदबाज बनती है। इसी वजह से 2017 में उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए टीम में चुना गया था लेकिन सुंदर, सिराज और उनादकट को उस सीरीज में मौका मिला और थंपी बेंच पर ही बैठे रहे।
#1 दीपक हूडा
दीपक हूडा इस लिस्ट में शामिल सभी खिलाड़ियों में से सबसे दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी कहें जा सकते हैं। हूडा को दो बार भारतीय स्क्वॉड में शामिल किया गया लेकिन दोनों ही बार उन्हें डेब्यू का मौका नहीं मिला। 2017 में श्रीलंका के खिलाफ टी20 सीरीज और निदहास ट्रॉफी दोनों ही बार टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्हें अंतिम एकादश में नहीं खिलाया गया। हूडा मध्यक्रम में तेजी से रन बनाने की काबिलियत रखते हैं और इसी वजह से उन्हें चुना गया था।