टी-20 में लक्ष्य का बचाव करना आसान नहीं होता है। टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत और वेस्टइंडीज के मुकाबले में क्या हुआ सबको पता है। लगभग 200 रन बनाने के बावजूद भारतीय टीम स्कोर का बचाव नहीं कर पाई। अक्सर देखा गया है कि बड़े स्कोर का पीछा आसानी से किया जा सकता है जबकि छोटे स्कोर में टीमें फंस जाती हैं।
टी-20 का पूरा मैच 40 ओवरों का होता है ऐसे में किसी टीम की हार-जीत में पिच का भी ज्यादा योगदान नहीं रहता है।ओस एक वजह हो सकती है लेकिन इसका फायदा दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को मिलता है। जो टीमें लक्ष्य का पीछा करती हैं उन्हें पता होता है कि कब और कैसे खेलना है। इसलिए टी-20 में लो स्कोर बहुत कम बार डिफेंड किए गए हैं। आपको बता दें 110 से कम का स्कोर का टी-20 में कभी भी बचाव नहीं किया जा सका है।
आपको बता दें कि अगर इस स्कोर की वनडे मैच से तुलना करें तो स्कोर 275 रन होगा। वनडे के हिसाब से 275 रन काफी ज्यादा हैं लेकिन 50 ओवर में काफी कुछ हो सकता है।
टी-20 में काफी तेज क्रिकेट खेला जाता है जबकि वनडे मैचों में बल्लेबाज को समझने का मौका मिलता है। लेकिन आईपीएल में कुछ कम स्कोर ऐसे रहे हैं जिनका सफलतापूर्वक बचाव किया गया। यहां पर हमने उन 5 मैचों का लेखा-जोखा निकाला है जिनमें कम स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया गया। (यहां आपको बता दें कि हमने बैंगलोर में 2013 में खेले गए आरसीबी और चेन्नई के उस मैच को नहीं शामिल किया है जिसमें महज 8 ओवरों में 106 रन बने थे और आरसीबी ने उसका सफलतापूर्वक बचाव किया था)।
#5. पुणे में 2012 में मुंबई इंडियंस की टीम ने पुणे वॉरियर्स के खिलाफ 120 रनों का स्कोर डिफेंड किया
2012 के आईपीएल सीजन के 45वें मैच में मुंबई इंडियंस की टीम ने दिखाया कि बदला क्या होता है। वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई की टीम छोटे स्कोर का पीछा करते हुए पुणे से हार चुकी थी। मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई की टीम मात्र 120 रन ही बना पाई।
सचिन तेंदुलकर ने 35 गेंदों पर सबसे ज्यादा 34 रन बनाए। हालांकि मुंबई की शुरुआत अच्छी रही और सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 50 रन जोड़ दिए थे। लेकिन इसके बाद भुवनेश्वर कुमार और आशीष नेहरा ने शानदार गेंदबाजी कर पुणे को मैच में वापस ला दिया। भुवनेश्वर कुमार ने 3 ओवरों में 9 रन देकर 2 विकेट चटकाए। वहीं नेहरा ने भी 4 ओवरों में 19 रन देकर 2 विकेट चटकाए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पुणे की टीम 7 ओवरों में 1 विकेट पर 40 रन बनाकर अच्छी स्थिति में थी। लेकिन इसके तुरंत बाद टीम ने जल्दी-जल्दी अपने 3 विकेट गंवा दिए। गांगुली और मिथुन मिन्हास ने 5वें विकेट के लिए जरुर 47 रन जोड़े लेकिन 17वें ओवर में गांगुली का विकेट गिरने के बाद टीम बिखर गई। मिथुन मिन्हास ने 34 गेंदों पर नाबाद 42 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को जीत दिलाने की पूरी कोशिश की लेकिन पुणे की टीम महज 1 रन से ये मैच हार गई। हरभजन सिंह ने मुंबई इंडियंस की तरफ शानदार गेंदबाजी करते हुए 18 रन देकर 2 विकेट चटकाए। जबकि लसिथ मलिंगा ने भी 25 रन देकर 2 विकेट चटकाए।
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#4. 2013 में पुणे में सनराइजर्स हैदराबाद ने पुणे वॉरियर्स के खिलाफ 119 का स्कोर डिफेंड किया
2013 के आईपीएल सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद और पुणे वॉरियर्स इंडिया के बीच 2 लो स्कोरिंग मैच खेले गए। दोनों ही बार बाजी सनराइजर्स के नाम रही। दूसरे मुकाबले में सनराइजर्स ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 119 रन बनाए। उस मैच में महज 44 रनों पर ही सनराइजर्स ने अपने 6 विकेट गंवा दिए। निचले क्रम में बिप्लव और अमित मिश्रा ने 37 और 30 रनों की पारी खेलकर टीम का स्कोर कुछ हद तक लड़ने लायक बनाया। इन दोनों ने 8वें विकेट के लिए 40 रन जोड़कर टीम को जीवनदार दिया।
भुवनेश्वर कुमार ने एक बार फिर से शानदार गेंदबाजी की और 4 ओवरो में 18 रन देकर 3 विकेट चटकाए।
पुणे की शुरुआत काफी अच्छी रही। एक समय टीम का स्कोर 5 ओवर में बिना विकेट के 37 रन था। लेकिन यहीं से मैच का पासा पलट गया और जल्द ही पुणे का स्कोर 9 ओवर में 57 रनों पर 3 विकेट हो गया। हालांकि इसके बाद अच्छी साझेदारी हुई जिसकी वजह से टीम 17वें ओवर तक 4 विकेट पर 101 रन बनाने में कामयाब रही। पुणे की टीम की जीत लगभग पक्की लग रही थी। लेकिन अगली 12 गेंदों पर महज 7 रन जोड़कर पुणे ने अपने 6 विकेट गंवा दिए।
पुणे की टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई और 108 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस तरह से सनराइजर्स ने 11 रनों से ये मैच जीत लिया। शानदार बल्लेबाजी के बाद अमित मिश्रा ने गेंदबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 4 ओवरो में 19 रन देकर 4 विकेट चटकाए। थिसारा परेरा ने भी 20 रन देकर 3 विकेट चटकाए।
#3. 2009 में डरबन में किंग्स इलेवन पंजाब ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 119 रनों के स्कोर का बचाव किया
2009 के आईपीएल सीजन के 20वें मैच में किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस के बीच जबरदस्त मुकाबला हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए पंजाब की शुरुआत काफी खराब रही। 11वें ओवर में 52 रनों तक टीम ने अपने 4 विकेट गंवा दिए। कुमार संगकारा ने 44 गेंदों पर 45 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली। जिसकी वजह से पंजाब की टीम 20 ओवरो में 8 विकेट पर 119 रन बनाने में कामयाब रही।
जवाब में पंजाब के तेज गेंदबाजों ने भी नई गेंद से अपनी टीम को शानदार शुरुआत दिलाई। गेंदबाजों ने शुरुआती विकेट जल्द निकालकर पंजाब को मैच में वापस ला दिया। सनथ जयसूर्या का विकेट जहां पहले ही ओवर में पंजाब को मिल गया वहीं दूसरे ओवर में सचिन तेंदुलकर का भी विकेट निकालकर पंजाब ने मुंबई इंडियंस को दबाव में ला दिया। 5वें ओवर तक मुंबई का स्कोर 3 विकेट पर 12 रन था। इसके बाद जेपी डुमिनी और ड्वेन ब्रावो ने 33 रनों की साझेदारी कर टीम को संभालने की पूरी कोशिश की। ब्रावो का विकेट गिरने के बाद डुमिनी ने अभिषेक नायर 49 रनों की एक और बेहतरीन साझेदारी की। नायर ने 15 रन बनाए।
आखिरी 3 ओवरो में मुंबई को जीत के लिए 26 रन चाहिए थे जबकि उसके हाथ में 6 विकेट थे। लेकिन टीम 3 रनों से मैच हार गई। अब्दुल्ला ने सनराइजर्स के लिए अच्छी गेंदबाजी की और आखिरी ओवर में जेपी डुमिनी का अहम विकेट निकाला। वहीं दूसरी तरफ इरफान पठान ने भी काफी प्रभावशाली गेंदबाजी की। उन्होंने 4 ओवर में 20 रन देकर 2 विकेट चटकाए।
#2. 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद ने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 118 का स्कोर डिफेंड किया
सनराइजर्स हैदराबाद ने पिछले साल एक रोमांचक मुकाबले 118 रनों को डिफेंड करते हुए शानदार जीत दर्ज की थी। हैदराबाद के 118 रनों के जवाब में मुंबई की टीम सिर्फ 87 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और इस मैच को 31 रनों से हार गई।
#1.चेन्नई सुपर किंग्स ने 2009 में डरबन में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ 116 रनों का स्कोर डिफेंड किया
मजबूत बैटिंग लाइन अप होने के बावजूद चेन्नई सुपर किंग्स की टीम 20 ओवर में महज 116 रन ही बना पाई। लेकिन चेन्नई की टीम ने इस स्कोर का काफी अच्छे से बचाव किया। आईपीएल इतिहास में सबसे कम स्कोर का बचाव करने का रिकॉर्ड इसी मैच में बना। पहले बल्लेबाजी करते हुए चेन्नई की शुरुआत अच्छी रही। टीम का स्कोर एक समय 7 ओवर में 54 रन पर 1 विकेट था लेकिन पूरी टीम 116 रनों पर ऑल आउट हो गई। पार्थिव पटेल ने सबसे ज्यादा 32 रन बनाए।
छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए पंजाब की शुरुआत खराब रही। दूसरे ओवर में ही 6 रनों के योग पर टीम को पहला झटका लग गया। इसके बाद 26 रनों की छोटी सी साझेदारी हुई। कुमार संगकारा और युवराज सिंह जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के होने के बावजूद पंजाब की टीम 119 के स्कोर का पीछा नहीं कर पाई।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम निर्धारित 20 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 92 रन ही बना पाई। मुथैया मुरलीधरन और अश्विन जीत के हीरो रहे। मुरलीधरन ने 4 ओवर में 8 रन देकर 2 विकेट चटकाए। वहीं अश्विन ने भी उनका बखूबी साथ निभाया और 4 ओवर में 13 रन देकर 2 विकेट चटकाए। वहीं पार्ट टाइम गेंदबाज सुरैश रैना ने भी 4 ओवर में 17 रन देकर 2 विकेट लिए। गेंदबाजों की शानदार प्रदर्शन की बदौलत चेन्नई की टीम ने छोटे स्कोर का बचाव कर रिकॉर्ड बना दिया