एक क्रिकेटर अपनी टीम के लिए खेलते हुए हमेशा बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद करता है। हालाँकि कुछ ऐसे कारण होते हैं जब खिलाड़ियों को टीम से निकाल भी दिया जाता है। अपनी टीम के लिए अपना 100% दे रहे ऐसे खिलाड़ियों को कभी-कभी ऐसे टीम से निकाला जाना रास नहीं आता है और उसके बाद उनका गुस्सा दिखता है।
आइये नज़र डालते हैं हाल के समय में हुई ऐसी ही घटनाओं के बारे में जब क्रिकटरों ने टीम मैनेजमेंट पर अपना गुस्सा निकाला:
#1 रिकी पोंटिंग
2012 में चल रहे एक एकदिवसीय सीरीज के बीच से ही ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल कप्तान रिकी पोंटिंग को टीम से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद पोंटिंग को गुस्सा आया था और उन्होंने इस बात का ज़िक्र अपने आत्मकथा 'एट द क्लोज ऑफ़ प्ले' में किया था। चयनकर्ताओं ने पोंटिंग को इसीलिए निकाला था क्योंकि उन्होंने उस दौरान 5 मैचों में सिर्फ 18 रन बनाये थे।
पोंटिंग ने अपनी किताब में लिखा," जैसा कि मुझे चयनकर्ताओं ने बताया, मुझे लगा उन्हें मेरी मदद की जरूरत है। मुझे लगा कि वो मुझे धन्यवाद देने के लिए फोन कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने मुझे कहा कि मेरा अंत हो चुका है। मुझे अभी भी उस बात का गुस्सा है।"
रिकी पोंटिंग ने उसी साल दक्षिण अफ्रीका के साथ हुए टेस्ट सीरीज के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी।
#2 सौरव गांगुली
ये 2005 की बात है जब जॉन राइट के जाने के बाद ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का कोच बनाया गया था। उस समय कप्तान सौरव गांगुली थे जिनकी कप्तानी का प्रभाव उनके बल्लेबाजी पर पड़ रहा था। यही बात चैपल ने उन्हें कही कि उनके कारण पूरी टीम को परेशानी हो रही है। हालाँकि ज़िम्बाब्वे के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक लगाने के बाद गांगुली ने कहा कि उन्हें इस्तीफा देने को कहा गया था।
उसके बाद गांगुली को कप्तानी से तो हटा ही दिया गया, साथ ही टीम में भी उनकी जगह नहीं बची। गांगुली को इस बात का काफी दुःख था और सबको पता है कि ग्रेग चैपल को लेकर अब उनका क्या मत है।
इसके बाद गांगुली ने घरेलू क्रिकेट में बढ़िया प्रदर्शन कर एक साल बाद भारतीय टीम में वापसी की थी।
#3 केविन पीटरसन
2010 में केविन पीटरसन को पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज और टी20 के लिए इंग्लैंड की टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद पीटरसन ने सोशल मीडिया पर अपने टीम से निकाले जाने का गुस्सा दिखाया। उन्होंने ट्विटर पर चयनकर्ताओं के खिलाफ लिखा।
हालाँकि उन्होंने इसे फिर तुरंत हटा दिया लेकिन इसके कारण उनके खिलाफ एक्शन लिए गए थे। पीटरसन ने लिखा था कि वर्ल्ड टी20 के मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट और अब टी20 टीम में भी नहीं। क्या बकवास है।
उस दौर में पीटरसन का कई कारणों से इंग्लैंड टीम से अंदर-बाहर होना जारी रहा।
#4 माइकल हसी
2011 की विश्व कप की टीम से निकाले जाने के बाद हसी ने अपना गुस्सा दिखाया था। उस समय के बेहतरीन एकदिवसीय बल्लेबाजों में से एक हसी को टीम में नहीं चुना गया था। हसी के चोटिल होने के कारण उनकी जगह कैलम फर्गुसन को टीम में जगह दी गई थी।
हसी ने फिर कहा था," मैं फिट होने के लिए काफी मेहनत कर रहा हूँ और मैंने चयनकर्ताओं से कहा भी कि मैं दूसरे या तीसरे मैच तक फिट हो जाऊंगा। लेकिन उनको ये मंजूर नहीं था। मेरे लिए ये फैसला काफी मुश्किल भरा था।"
हालाँकि एक हफ्ते बाद हसी ने वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के लिए मैच खेला और उन्हें विश्व कप की टीम में डग बोलिंजर की जगह शामिल किया गया जिनको एड़ी में चोट के कारण वापस लौटना पड़ा था।
#5 वीरेंदर सहवाग
2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बीच से ही टीम से बिना किसी जानकारी के निकाले जाने का वीरेंदर सहवाग को काफी दुःख हुआ था। इस मामले के बारे में उन्होंने कहा था," टीम मैनेजमेंट, बीसीसीआई या चयनकर्ताओं में से किसी ने भी मुझे बाहर होने के बारे में नहीं बताया। मुझे न्यूज़पेपर से इसके बारे में पता चला था और मुझे काफी दुःख हुआ था। हालाँकि अब मैं ठीक हूँ।"
सहवाग को उम्मीद थी कि उसके बाद भी टीम में उनकी वापसी हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अंत में अक्टूबर 2015 में सहवाग ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।