भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर ने क्रिकेट के सभी फ़ॉर्मैट से संन्यास की घोषणा करते हुए सभी को चौंका दिया है। 37 वर्षीय इस बाएं हाथ के बल्लेबाज़ का हालिया फ़ॉर्म भी शानदार रहा था, गंभीर ने इस सीज़न के विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में खेले 10 मैचों में 51.80 की औसत से 518 रन बनाए थे। जिसमें 2 शतक और एक अर्धशतक भी शामिल था, गंभीर इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने की फ़ेहरिस्त में दूसरे स्थान पर रहे थे। गंभीर के इस प्रदर्शन के दम पर दिल्ली विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भी पहुंची थी जहां मुंबई के हाथों उन्हें हार झेलनी पड़ी थी।
जिसके बाद क्रिकेट गलियारे में टीम इंडिया में उनकी वापसी की अटकलें भी लगने लगी थीं, लेकिन मंगलवार को अपने फ़ेसबुक पेज पर एक वीडियो के ज़रिए गंभीर ने संन्यास का एलान किया और वापसी की अटकलों पर विराम लगा दिया। गौतम गंभीर ने भारत के लिए 2003 से लेकर 2016 तक 58 टेस्ट, 147 वनडे और 37 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले। भारत को 2007 वर्ल्ड टी20 और 2011 वनडे विश्वकप में चैंपियन बनाने में गंभीर का बड़ा किरदार रहा था।
गंभीर के संन्यास के पीछे के पांच बड़े कारण निम्नलिखित हो सकते हैं।
#1 गौतम गंभीर की बढ़ती उम्र
बाएं हाथ के इस सलामी बल्लेबाज़ के संन्यास के पीछे की सबसे बड़ी वजह उम्र है, दिल्ली का ये बल्लेबाज़ अब 37 साल का हो चुका है और ऐसे में टीम इंडिया में वापसी करना बेहद मुश्किल था। हालांकि गंभीर अपनी फ़िट्नेस का काफ़ी ध्यान रखते हैं लेकिन फिर भी इस उम्र में भारतीय क्रिकेट टीम में दोबारा जगह बना पाना उनके लिए आसान नहीं था। गंभीर ने आख़िरी बार भारत के लिए 2016 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेला था, लेकिन उनका प्रदर्शन साधारण रहा था जिस वजह से वह टीम में बरक़रार नहीं रह पाए।