मेलबर्न टेस्ट में भारतीय टीम ने 137 रन से जीत दर्ज कर 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में 2-1 से बढ़त दर्ज की है। 399 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 261 रन पर समाप्त हो गई। जसप्रीत बुमराह ने मैच में 9 विकेट झटके और मैन ऑफ़ द मैच चुने गए। भारतीय टीम के बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया और जीत में सभी का योगदान रहा। टीम इंडिया के लिए चेतेश्वर पुजारा ने शानदार शतक जड़ा और टीम के मजबूत स्कोर की नींव रखी।
ऑस्ट्रेलिया में भारत की यह सातवीं और मेलबर्न में तीसरी जीत है। साथ ही भारतीय टीम ने विदेशों में एक साल में सबसे ज्यादा चार जीत हासिल करने का रिकॉर्ड भी बनाया। भारत ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया को दो और इंग्लैंड एवं दक्षिण अफ्रीका को एक-एक मैच में हराया। भारतीय टीम के पास ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का सुनहरा मौका भी होगा और विराट कोहली ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले कप्तान बन सकते हैं। भारतीय टीम को मैच में कुछ बेहद अहम कारणों से जीत मिली। उन्हीं वजहों के बारे में चर्चा करेंगे कि भारत को जीतने में कैसे मदद मिली और ऑस्ट्रेलिया को पराजय का सामना करना पड़ा।
टॉस के बाद निर्णय
मेलबर्न टेस्ट में टॉस भारत ने जीता और कप्तान विराट कोहली ने पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। शुरूआती दो दिन तक मेलबर्न की पिच में बल्लेबाजों के लिए कुछ भी नहीं था। विकेट बिलकुल पाटा नजर आ रही थी। ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों को नई गेंद का फायदा नहीं मिला और बाद में भारतीय बल्लेबाजों ने एक मोमेंटम सेट कर दिया। कप्तान विराट कोहली अगर टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला लेते तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। भारतीय टीम की जीत में यह एक मुख्य कारण कहा जा सकता है।
मयंक अग्रवाल को खिलाना
भारतीय टीम में ओपनर के तौर पर लगातर फ्लॉप हो रहे मुरली विजय और केएल राहुल को बाहर कर पहली बार मयंक अग्रवाल को मौका दिया गया। अग्रवाल ने पहली पारी में 76 और दूसरी पारी में 42 रन बनाए। उनकी दोनों पारियों ने टीम को ऊपरी क्रम में मजबूत बनाया और भारत ने पहली पारी में 7 विकेट पर 443 रनों का स्कोर खड़ा किया।
चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली की साझेदारी
पहली पारी में चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली की साझेदारी हुई और यह काफी अहम रही। दोनों ने मिलकर तीसरे विकेट के लिए 170 रन जोड़े तक भारतीय टीम ने बड़ा स्कोर खड़ा किया। पुजारा ने 106 और कोहली ने 82 रनों की पारी खेली।
जसप्रीत बुमराह का स्पैल
भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कंगारू बल्लेबाजों को पहली पारी में टिकने का कोई मौका नहीं दिया। स्विंग और उछाल का मिश्रण करते हुए उन्होंने महज 37 रन देकर 6 विकेट झटके। इसके अलावा उन्होंने दूसरी पारी में भी 3 विकेट झटके।
रविन्द्र जडेजा की प्रभावशाली गेंदबाजी
दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया को आउट करने में जडेजा का प्रभाव काफी ज्यादा रहा। उन्होंने 53 रन देकर तीन विकेट चटकाए और कंगारुओं के जमे हुए बल्लेबाजों को आउट कर भारत की जीत का रास्ता प्रशस्त किया। इस प्रदर्शन को किसी भी तरह से नकारा नहीं जा सकता है। इसके अलावा पहली पारी में भी उन्होंने 2 विकेट चटकाए थे और मैच में कुल 5 शिकार किये।