वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड की उछाल वाली पिचों और स्विंग होती गेंदों के सामने बल्लेबाजी करना दिग्गज बल्लेबाजों के लिए भी मुश्किल रहता है। ऐसे में किसी भी टीम को जीत दिलाने के लिए ओपनर की भूमिका अहम हो जाती है।
ओपनिंग जोड़ी के लिए शुरूआती कुछ ओवर में नयी गेंद के साथ बल्लेबाजी करने में भी दिक्कत हो सकती है, लेकिन अपनी टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाने के लिए ओपनिंग जोड़ी को बड़ी पार्टनरशिप करके महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है।
वर्ल्ड कप 2019 में रोहित शर्मा और शिखर धवन भारतीय टीम के लिए ओपनिंग करेंगे। रोहित और शिखर की जोड़ी इस समय दुनिया की बेस्ट जोड़ियों में से एक है। इस विश्व कप में भारतीय टीम की दावेदारी मजबूत करने के लिए उनको भारत की अच्छी शुरुआत सुनिश्चित करनी होगी।
यहाँ हम उन 6 कारणों की बात करेंगे, जिनसे यह उम्मीद है कि वो इस विश्व कप की बेस्ट ओपनिंग जोड़ी बनेगी ।
#6. बड़े मैचों के खिलाड़ी
भारतीय टीम के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा और शिखर धवन बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं। दोनों बल्लेबाज दबाव में शानदार प्रदर्शन करने के लिए जाने जाते है, फिर चाहे वो एकदिवसीय मैच हो, चैम्पियंस ट्रोफी हो या विश्व कप हो।
आईसीसी टूर्नामेंटों की बात करेंगे तो रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी ने इसमें 66.38 की औसत से बल्लेबाजी करते हुए 1195 रन बनाए। रनों के मामले में केवल गिलक्रिस्ट-हेडन की जोड़ी 1539 रन बनाकर उनसे आगे है तो औसत के मामले मेंकेवल गिब्स-कर्स्टन (77.40) ही उनसे आगे है।
रोहित और धवन लंबे समय से साथ है, वे टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी हैं और एक साथ ही अपना दूसरा वर्ल्ड कप भी खेल रहे हैं। बल्लेबाजी के अलावा विकेट के बीच रन भागने में भी उनमें शानदार तालमेल नजर आता है। वे दबाव में शानदार बल्लेबाजी कर अपनी टीम को जीता सकते है बस उन्हें अपनी फॉर्म को बरकरार रखना होगा।
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#5. आपसी समझ:
रोहित शर्मा और शिखर धवन के बीच मैदान पर और बाहर भी एक शानदार तालमेल नजर आता है। वे मैदान के बाहर बहुत अच्छे दोस्त हैं और एक दूसरे की भावनाओं को अच्छे से समझते हैं।
एक दूसरे के साथ बल्लेबाजी करते हुए वो किसी तरह का दबाव महसूस नहीं करते है और आराम से अपने खेल को लंबी पारी में तब्दील करते है। इनके अलावा एक पारी में दोनों के एक साथ शतक लगाने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है, वे 103 पारियों में 15 बार साथ शतक लगा चुके हैं।
#4. दाएं और बाएं हाथ का संयोजन:
कई क्रिकेट पंडितों का मानना है कि दाएं और बाएं हाथ सलामी जोड़ी किसी भी टीम के लिए एक प्लस पॉइंट होती है। अधिकतर कप्तान अपनी टीम में दाएं और बाएं हाथ की सलामी जोड़ी रखना चाहते हैं। न केवल सामरिक बल्कि मनोवैज्ञानिक कारणों से भी इस प्रकार की जोड़ी को बेस्ट माना गया है।
गेंदबाज को प्रत्येक बल्लेबाज के लिए अपनी लाइन और लेंग्थ का ध्यान रखना पड़ता है, वो बल्लेबाज को उनकी कमजोर जगह पर गेंदबाजी करना पसंद करता है। कप्तान को भी गेंदबाज के कहने पर प्रत्येक बल्लेबाज के लिए फील्डिंग भी बदलनी पड़ती है। दाएं और बाएं हाथ के दो बल्लेबाज बल्लेबाजी कर रहे हो तो स्ट्राइक बदलने के साथ ही उन्हें फील्डर की स्थिति भी बदलनी पड़ती है।
इसी कारण दाएं और बाएं हाथ की जोड़ी फील्डिंग को काफी परेशान करती है और उन पर एक अलग तरह का दबाव डालती है। गेंदबाजों को भी स्वाभाविक और निरंतरता के साथ गेंदबाजी करने में कठिनाई आती है।
# 3. एक दूसरे का सहयोग करना:
भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन और रोहित शर्मा आम तौर पर शुरू में समय लेना और परिस्थितियों का आंकलन करना पसंद करते हैं। एक बार सेट होने के बाद दोनों बल्लेबाज धीरे धीरे रन गति को बढाते हैं और एक दूसरे का सहयोग देते हुए पारी को आगे बढाते हैं।
अगर एक तरफ से कोई बल्लेबाज मेडन ओवर ओवर खेलता है तो दूसरा बल्लेबाज दूसरे छोर से अच्छी बल्लेबाजी कर अगले ओवर में स्कोर बोर्ड को चलाने का प्रयास करता है।
रोहित शर्मा और शिखर धवन की निरंतरता का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बाद दूसरी सबसे सफल ओपनिंग जोड़ी है और कुल मिलकर चौथी सबसे सफल जोड़ी है। अब तक उन्होंने 103 पारियों में एक साथ बल्लेबाजी की, जिसमें उन्होंने 44.96 की औसत से 4586 रन बनाए।
#2. निरंतरता:
विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम की सफलता का एक सबसे बड़ा कारण यही रहा कि इस दौरान भारतीय टीम की ओपनिंग जोड़ी ने निरंतरता दिखाई। उनके आंकड़े से यह बताने के लिए काफी है कि वो नई गेंद से शानदार बल्लेबाजी कर सकते है और मिडल आर्डर से दबाव भी हटा सकते हैं।
भारतीय टीम की सलामी जोड़ी विराट कोहली और अन्य बल्लेबाजों के के लिए अच्छी शुरुआत कर एक बड़े लक्ष्य की नींव रखती है। वर्तमान ओपनिंग जोड़ियों की बात करें तो रोहित और धवन की जोड़ी ने जीते हुए मैचों में 53.66 की औसत से बल्लेबाजी की है जो कि हाशिम अमला और क्विंटन डी कॉक (61.38) के बाद दूसरी सबसे खतरनाक जोड़ी है।
लक्ष्य का पीछा करके मैच जीतने के मामले में रोहित और शिखर धवन का औसत 63.36 का है, जो कि वनडे इतिहास का पांचवां और वर्तमान समय का सबसे अधिक औसत है।
#1. अनुभव:
रोहित शर्मा और शिखर धवन पिछले 6 वर्षों से भारत के लिए पारी की शुरुआत कर रहे है। वे पिछले कुछ वर्षों से भारतीय टीम को मजबूत शुरुआत प्रदान करने में सक्षम रहे हैं।
रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी आईसीसी के बड़े टूर्नामेंटों में अपनी क्षमताओं में इजाफा करने के लिए जाने जाते है। रोहित और शिखर को बड़े मैचों में बल्लेबाजी करने में मजा आता है वे अपने समकक्षों की तुलना में कम दबाव में रहकर शानदार बल्लेबाजी करते है और भारतीय टीम को एक मजबूत शुरुआत प्रदान करते हैं।
2017 चैंपियंस ट्रॉफी में रोहित और धवन की जोड़ी 5 मैचों में 77 रन बनाकर सर्वश्रेष्ठ जोड़ी बनकर उभरी थी। चैंपियंस ट्रॉफी में शिखर धवन ने 5 पारियों में 338 रन बनाए वहीं रोहित शर्मा ने 304 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया। चैंपियंस ट्रॉफी में उनके इस शानदार प्रदर्शन के बाद उनकी बल्लेबाजी की जमकर तारीफ़ हुई।